सोशल मीडिया पर तीन तस्वीरों का एक कोलाज काफ़ी वायरल हो रहा है. तीनों तस्वीरें गंभीर रूप से घायल हुए लोगों की है. इनमें एक महिला भी शामिल हैं. वायरल कोलाज को शेयर करते हुए यह दावा किया जा रहा है कि “कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मुसलमानों ने जैन मुनि को मारा और कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाए”.
हालांकि बूम ने जांच में पाया कि तीनों तस्वीरें पुरानी है. खून से लथपथ महिला वाली तस्वीर 2018 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. वहीं दूसरी तस्वीर उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फ़रनगर की है, जहां प्रेम संबंध में पत्नी और उसके प्रेमी ने मिलकर युवक पर धारदार हथियार से हमला किया था. इसके अलावा जैन मुनि वाली तस्वीर कर्नाटक की ही है, लेकिन उन्हें ये चोट 2018 में एक सड़क दुर्घटना में आई थी.
वायरल कोलाज में विचलित करने वाले दृश्य मौजूद हैं, इसलिए हम उनके बारें में ज्यादा विवरण नहीं दे रहे हैं.
तीन तस्वीरों वाले कोलाज के साथ एक लंबा कैप्शन भी मौजूद है, जिसमें लिखा हुआ है “कर्नाटक में जैन मुनि को मुसलमानों ने मारा कहा कांग्रेस जिन्दाबाद के लगाये नारे अब कांग्रेस अपने असली रूप में आ गई कांग्रेस को वोट देने वाले हिन्दुओं इसी तरह का प्यार तुम्हें कांग्रेस देती रहेगी । इस फोटो को ईतना भेजो की कल तक नरेंद्र मोदी जी और योगी जी के पास पहुंच जाऐ। आज मौका मिला है कुछ पुण्ये का काम करने का। कोई मुसलमान ही होगा जो इस वीडियो को शेयर नहीं करेगा आप सभी को भगवान की कसम”
वायरल कोलाज वाले फ़ेसबुक पोस्ट्स आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं..
फ़ैक्ट चेक
बूम पहले भी इन तीनों तस्वीरों की पड़ताल कर चुका है, तब भी इनके साथ किए जा रहे दावे हमारी जांच में फ़र्ज़ी साबित हुए थे.
पहली तस्वीर
खून से लथपथ महिला वाली यह तस्वीर अगस्त 2018 में भी वायरल हुई थी. इस तस्वीर को शेयर करते हुए यह दावा किया गया था कि मुसलमानों ने कांवड़ियों पर हमला किया है. जब हमने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर अप्रैल 2018 के कई ट्विटर और फ़ेसबुक पोस्ट्स में मिली थी. हालांकि हम अपनी जांच में फ़ोटो के बारें में अन्य जानकारी जैसे स्थान, तारीख़ और जगह के बारें में पता नहीं लगा पाए थे.
दूसरी तस्वीर
सिर से खून बह रहे युवक की यह तस्वीर भी अगस्त 2018 में कांवड़ियों पर हमले के दावे से ही वायरल हुई थी. तब हमारी जांच में यह तस्वीर उत्तरप्रदेश के एक स्थानीय न्यूज पोर्टल रॉयल बुलेटिन पर सितंबर 2017 में प्रकाशित रिपोर्ट में मिली थी. रिपोर्ट में मौजूद हेडिंग के अनुसार, प्रेम संबंधों में बाधक बने युवक के ऊपर उसकी पत्नी और प्रेमी ने घारदार हथियार से हमला कर दिया था. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था.
इसके अलावा हमें 19 मई 2023 को रॉयल बुलेटिन की वेबसाइट पर ही प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली. इस रिपोर्ट में रॉयल बुलेटिन ने तस्वीर के साथ किए जा रहे वायरल दावों का खंडन करते हुए बताया है कि “यह फोटो 2017 को मुज़फ्फ़रनगर के भोपा थाना क्षेत्र में हुई एक घटना से जुड़ा हुआ है, जहां प्रेम संबंधों में बाधक बने युवक को उसकी पत्नी और प्रेमी ने लहूलुहान कर दिया था. साथ ही उन्होंने रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया है कि यह तस्वीर उनके ही संवाददाता द्वारा खींची गई थी”.
तीसरी तस्वीर
चोटिल जैन मुनि की इस तस्वीर की पड़ताल बूम ने साल 2018 में भी की थी. बूम को जांच में मिले साक्ष्यों के अनुसार, तस्वीर में दिख रहे जैन मुनि उपाध्याय मयंक सागर जी महाराज हैं और यह तस्वीर साल 2018 में कर्नाटक के श्रवणबेलगोला त्यौहार से वापस लौटते हुए एक सड़क दुर्घटना में उनके चोटिल होने के बाद की है. कर्नाटक पुलिस ने इस तस्वीर को फ़र्ज़ी दावों के साथ शेयर करने को लेकर मार्च 2018 में पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक महेश हेगड़े के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार भी किया था और इस घटना की असल जानकारी दी थी.
कर्नाटक पुलिस के अनुसार, जैन मुनि उपाध्याय मयंक सागर जी महाराज अपने भक्तों के साथ श्रवणबेलगोला त्यौहार से वापस लौट रहे थे तभी रास्ते में नशे में धुत एक बाइक सवार ने उन्हें टक्कर मार दी थी. इस घटना में वे और उनके साथ मौजूद लोग घायल हो गए थे.
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