सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी शेयर किया जा रहा है, जिसमें कुछ रेलकर्मी रेलवे पटरी पर पत्थर रखने को लेकर एक बच्चे को डांटते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को पिछले दिनों ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे की पृष्ठभूमि में इसे हालिया बताते हुए शेयर किया जा रहा है. साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि “ छोटे बच्चों को ट्रेन दुर्घटना की साजिश रचने की ट्रेनिंग दी जा रही है”.
हालांकि, बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह वीडियो साल 2018 में कर्नाटक के कलबुर्गी के वादी रेलवे स्टेशन के पास का है. जहां रेलवे कर्मचारियों ने एक बच्चे को खेल खेल में पटरी पर पत्थर रखने को लेकर पकड़ा था.
बीते 2 जून को ओडिशा के बालासोर में बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास हुए भयंकर ट्रेन हादसे में करीब 288 लोगों की मौत हो गई थी और हज़ारों लोग घायल हो गए थे. इस हादसे में तीन ट्रेनें आपस में टकरा गई थी. सबसे पहले बाहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी को चेन्नई की तरफ़ जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ने टक्कर मारी. जिसकी वजह से कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए. इसी दौरान हावड़ा की तरफ़ जा रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से कोरोमंडल एक्सप्रेस के बेपटरी हुए डिब्बे टकरा गए.
वायरल वीडियो क़रीब 2 मिनट 16 सेकेंड का है. वीडियो में नारंगी रंग के कपड़े पहने कुछ रेलवे कर्मी पटरी पर पत्थर रखने को लेकर एक बच्चे को डांटते दिख रहे हैं. इस दौरान वह बच्चा रोते हुए पटरी पर रखे पत्थर को हटाता हुआ भी दिख रहा है. इस दौरान वीडियो में काफ़ी दूर तक रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखा हुआ भी दिखाई दे रहा है.
वीडियो को फ़ेसबुक पर एक ख़ास कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है “छोटे बच्चों को ट्रेन में दुर्घटना करने के लिए ट्रेनिंग ताकि दूसरे धर्म के हिंदू धर्म के लोगों का एक्सीडेंट हो देश का नुकसान हो रेलवे का नुकसान हो यह बच्चों को मुस्लिम बच्चों को मदरसों से बचपन से ट्रेनिंग दी जा रही है अब इसमें रेलवे क्या करेगा और सरकार क्या करेगी उनके दिमाग में जहर भरा गया है वह निकलना जरूरी है”.
अरुण पुदुर नाम के वेरीफाईड ट्विटर यूजर ने भी इस वीडियो को अंग्रेज़ी कैप्शन के साथ शेयर करते हुए यह दावा किया है कि बच्चों को ट्रेन दुर्घटना की साजिश रचने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
इतना ही नहीं न्यूज़ आउटलेट टाइम्स नाउ ने भी इस वीडियो से संबंधित एक रिपोर्ट 6 जून 2023 को प्रकाशित की है. हालांकि इस रिपोर्ट में उन्होंने इसके पुराने या हालिया होने की कोई जानकारी नहीं दी है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए उसके कीफ़्रेम की मदद से और वीडियो में दिख रहे दृश्यों से जुड़े कीवर्ड की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह वीडियो एक फ़ेसबुक अकाउंट से 12 जुलाई 2018 को अपलोड किया हुआ मिला.
वीडियो पर कुछ लोगों ने रिप्लाई करते हुए यह बताया था कि वीडियो में बोली जा रही कन्नड़ भाषा कलबुर्गी इलाके में बोली जाती है.
इसलिए हमने कलबुर्गी इलाक़े के कुछ रेलवे पुलिस स्टेशन से संपर्क किया. तो इस दौरान बीदर रेलवे पुलिस और रायचूर रेलवे पुलिस ने हमें बताया कि यह घटना 2018 की है और यह जगह वादी रेलवे पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है.
इसके बाद हमने वादी रेलवे पुलिस से संपर्क किया तो वहां के सब इंस्पेक्टर एम पाशा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि “यह 2018 की ही घटना है. दरअसल कुछ रेल गैंगमैन ने खेल खेल में रेलवे पटरी पर पत्थर रखने वाले एक लड़के को पकड़ा था. इस दौरान गैंगमैन ने उस लड़के को डांटा भी था. हालांकि इसको लेकर कोई मुक़दमा नहीं दर्ज किया गया था”.
जांच के दौरान हमने सर्कल इंस्पेक्टर रवि कुमार से भी संपर्क किया तो उन्होंने भी इसके 2018 के ही होने की पुष्टि की. साथ ही उन्होंने इस घटना के बारें में वही सब जानकारी दी जो ऊपर मौजूद है.
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