HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

कन्नौज रेलवे हादसे को लेकर सांप्रदायिक दावे का पुलिस ने किया खंडन

बूम को मामले की जांच कर रहे जीआरपी फर्रुखाबाद के थाना प्रभारी ने बताया कि वीडियो में दिख रहा मजदूर गिरी हुई बल्ली को फिर से लगा रहा था. हादसे में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

By -  Shefali Srivastava |

16 Jan 2025 8:25 PM IST

सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के कन्नौज रेलवे स्टेशन के हादसे का सीसीटीवी फुटेज गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है. लोगों का दावा है कि एक शख्स ने चुपके से घटनास्थल पर आकर जानबूझकर शटरिंग हिलाई जिससे छत ढह गई और हादसा हो गया.

बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि दावा गलत है. बूम से बातचीत में मामले की जांच कर रही फर्रुखाबाद रेलवे पुलिस (जीआरपी) के थाना प्रभारी ने सांप्रदायिक एंगल का खंडन किया. उन्होंने बताया कि वीडियो में किसी तरह की कोई संदिग्ध हरकत नहीं है. उसमें दिख रहा शख्स कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाला मजदूर है जो शटरिंग की बल्लियां ठीक करने गया था.

बीते शनिवार कन्नौज रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत योजना के तहत बन रही दोमंजिला निर्माणाधीन स्टेशन के वेटिंग हॉल का लिंटर ढह गया जिसके मलबे में दबने से 25 मजदूर घायल हो गए. इस मामले में रेलवे की ओर से फर्रुखाबाद जीआरपी ने मामला दर्ज किया. 

वायरल वीडियो में रिपब्लिक टीवी का लोगो भी मौजूद है. इसे शेयर करते हुए एक वेरिफाइड यूजर ने लिखा, 'रेल जिहाद : कन्नौज रेलवे स्टेशन पर छत गिरने की चौंकाने वाली सीसीटीवी फुटेज. शटरिंग लगने के बाद कंक्रीट डालने के बाद छत को सहारा देने वाले शटरिंग खंभों को एक व्यक्ति चुपके से आता है और जानबूझकर तेज हिलाता है. अभी छत की कुछ ही घंटे पहले ढलाई हुई थी कई शटरिंग के खंबे गिर जाते हैं जिससे छत गिर गई.'    


फैक्ट चेक

सोशल मीडिया पर वायरल कन्नौज रेलवे स्टेशन हादसे के सीसीटीवी फुटेज पर किया जा रहा दावा गलत है. बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि वीडियो में दिख रहा शख्स कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाला मजदूर था, जो शटरिंग में लगीं बल्लियां ठीक कर रहा था.

कमजोर शटरिंग की वजह से हुआ हादसा

बूम ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए रिपब्लिक टीवी के यूट्यूब चैनल पर वीडियो खंगाला. यहां 12 जनवरी 2025 को अपलोड किया गया शॉर्ट वीडियो मिला जिसके टाइटल में बताया गया था कि यह कन्नौज हादसे से तुरंत पहले का सीसीटीवी वीडियो है. 

इसके बाद हमने वायरल दावे से संबंधित मीडिया रिपोर्ट तलाश की. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट में बताया गया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि एक मजदूर लंबी बल्ली से टेढ़ी हो रही बल्लियों को ठीक कर रहा था, तभी लिंटर ढह गया.



घटना से जुड़ी तमाम मीडिया रिपोर्ट में हादसे का कारण कमजोर शटरिंग बताया गया. अमर उजाला की एक रिपोर्ट में बताया गया कि इमारत की ऊंचाई को गंभीरता से नहीं लिया गया और लकड़ी की पतली-पतली बल्लियों का शटरिंग में इस्तेमाल किया गया, जबकि लोहे के गर्डर कम थे. इसी के चलते शटरिंग कमजोर पड़ गई और निर्माणाधीन इमारत ढह गई.

आगे हमने कन्नौज के स्थानीय रिपोर्टर पंकज श्रीवास्तव से बात की. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा शख्स वहां काम करने वाला मजदूर ही था जो शटरिंग की बल्लियों को ठीक कर रहा था. वीडियो को गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है.

जीआरपी ने वीडियो पर सांप्रदायिक दावे का किया खंडन

घटना की और अधिक पुष्टि के लिए हमने जीआरपी फर्रुखाबाद के थाना प्रभारी संदीप तोमर से बात की जिन्होंने कहा कि वीडियो में कुछ भी संदिग्ध नहीं है. उन्होंने बूम को बताया, "वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा सांप्रदायिक गलत है. फुटेज में दिख रहा शख्स वहीं पर काम करने वाला लेबर है. वह अंदर जाकर गिरी हुई बल्लियों की जगह दूसरी बल्ली उठाकर लगा रहा था. इतने में ही हादसा हो गया." उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में शटरिंग न लगने के कारण यह हादसा हुआ.

थाना प्रभारी ने आगे बताया, "कंस्ट्रक्शन साइट पर कुल 52 मजदूर काम कर रहे थे और सभी हिंदू समुदाय से थे. इनका ठेकेदार कमलेश है और वीडियो में दिखने वाला मजदूर कमलेश के ही गांव से है."

FIR में तीन के नाम

जीआरपी के अनुसार,  इस मामले में तीन को आरोपी बनाया गया है. पहला - आशुतोष इंटरप्राइजेज के मालिक रामविलास राय. इन्हें रेलवे की ओर से ठेका मिला था. दूसरा इंजीनियर सूरज मिश्रा और तीसरा शटरिंग ठेकेदार हनीफ. तीनों की तलाश जारी है.

कन्नौज रेलवे स्टेशन में अमृत योजना के तहत कुल 52 मजदूर काम कर रहे थे. हादसे में 25 मजदूर घायल हुए. इनमें से 7 मजदूर तिर्वा मेडिकल कॉलेज कन्नौज में भर्ती हुए. 3 मजदूर कानपुर मेडिकल कॉलेज रिफर हुए. बाकी 14 का इलाज कन्नौज के जिला अस्पताल में हुआ.

Tags:

Related Stories