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फ़ैक्ट चेक

देहरादून के मुफ़्ती का पुराना वीडियो दिल्ली के काज़ी का बताकर वायरल

बूम ने पाया वीडियो 2019 का है और उत्तराखंड के देहरादून से है.

By - Sachin Baghel | 20 April 2022 3:45 PM GMT

बीते सप्ताह हनुमान जयंती के अवसर पर दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में हुए दंगों के बाद से सोशल मीडिया पर तमाम तरह के वीडियो, तस्वीरें शेयर की जा रही हैं. ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों बहुत वायरल है जिसमें एक मुस्लिम शख्स भड़काऊ बयानबाज़ी करते दिखाई देता है. 

वीडियो में दिख रहा व्यक्ति कहता है, "रोज़ होने वाली मौतें व मॉब लिंचिंग के खिलाफ मुसलमानों के भी नौजवान बच्चे हैं, उनके पास भी ताकतें हैं, हथियार हैं, मगर मुसलमान अमनपसंद हैं, व हिन्दू-मुसलमान के भाईचारे को कायम करना चाहते हैं. अगर वो भी उनके रास्ते पर चलें तो इस मुल्क में हिंदुओं का जीना मुश्किल कर देंगे."

वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि वीडियो में बोलने वाला व्यक्ति दिल्ली शहर का काज़ी है और वो हिंदुओं को खुलेआम धमकी दे रहा है. बूम ने पाया की ये वीडियो पुराना है और इसका दिल्ली से इसका कोई संबंध नहीं है.

आज़ाद भारत की पहली इफ़्तार पार्टी के दावे के साथ ग़लत तस्वीर वायरल

ट्विटर पर भाजपा दिल्ली के मीडिया हेड Naveen Kumar Jindal ने ये वीडियो दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए ट्वीट किया और लिखा कि 'इनकी धरपकड़ कब होगी'. (आर्काइव लिंक


इसके अलावा बीजेपी दिल्ली के प्रदेश उपाध्यक्ष Sunil Yadav ने यही वीडियो ये ट्वीट करते हुए लिखा है 'हम मुस्लिम हिन्दुओं का जीना मुश्किल कर देंगे!! गंगा -जमुना तहजीब वालों अब कहां हो ❓' (आर्काइव लिंक)


कॉलमनिस्ट दिव्य कुमार सोती, सेलफ्रेम कॉरपोरेशन के फ़ाउंडर और BJP समर्थक अरुण पुदुर, ऑपइंडिया की एडिटर निरवा मेहतातारेक फतह ने भी ये वीडियो ट्वीट किया है. 


यूपी के मुरादाबाद का पुराना वीडियो खरगोन हिंसा से जोड़कर वायरल

 इसके अलावा अनेक लोगों ने फ़ेसबुक पर भी इस वीडियो को शेयर किया है. 


फ़ैक्ट चेक 

बूम ने जब YouTube पर इससे संबंधित कीवर्ड डालकर सर्च किया तो एक चैनल पर यही वीडियो मिला जिसे 4 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया था. वीडियो का शीर्षक 'मुफ्ती रईस बयान मुस्लिम सेवा संगठन' है.


इसके आधार पर हमने न्यूज़ रिपोर्ट खोजी तो अमर उजाला की 30 जून 2019 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली.

रिपोर्ट के अनुसार 'झारखंड में मॉब लिंचिंग में मारे गये मुस्लिम युवक तरबेज के हत्यारों को फांसी की सजा की मांग को लेकर उत्तराखंड के देहरादून में मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ प्रदर्शन करने वाले मुफ्ती रईस के खिलाफ आज मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। रईस का भड़काऊ बयान वायरल होने के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया है। आरोप है कि मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने भड़काऊ और आपत्तिजनक बयान दिया था, जिससे सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता था।'


पिछले हफ़्ते वायरल रहीं पांच मुख्य फ़र्ज़ी ख़बरें

इसके बाद हमने और खोजा तो हिंदुस्तान की 19 दिसंबर 2021 की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में लिखा गया है कि 'जमीयत उलेमा-ए-हिन्द (ए) की जिला देहरादून कार्यकारिणी का रविवार को गठन किया गया। जिसमें मुफ्ती रईस अहमद कासमी को जिलाध्यक्ष और मौलाना इफ्तिखार अहमद कासमी को जिला महासचिव बनाया गया है.'


इससे ये साबित हो जाता है कि वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स का सम्बन्ध देहरादून से है ना कि दिल्ली से जैसा कि दावा किया जा रहा है.

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