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फैक्ट चेक

इजरायल में मोसाद हेडक्वार्टर की तबाही के दावे से AI generated विजुअल वायरल

बूम ने जांच में पाया कि मोसाद के मुख्यालय के दावे से वायरल वीडियो और तस्वीरें एआई जनरेटेड हैं.

By -  Shivam Bhardwaj |

20 Jun 2025 2:39 PM IST

ईरान द्वारा इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर को तबाह कर दिए जाने के दावे से एआई जनरेटेड वीडियो एवं तस्वीर वायरल हैं. 

बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो एवं तस्वीर वास्तविक नहीं हैं. वायरल वीडियो और तस्वीर सोशल मीडिया पर पहले से ही मौजूद है और एआई जनरेटेड है. 

इजरायल ने 13 जून 2025 को ईरान के खिलाफ 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' शुरू करते हुए ईरान में कई परमाणु ठिकानों पर हमला किया. इसके बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल के सैन्य ठिकानों और मिसाइल अड्डों को निशाना बनाया. दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई जारी है.


सोशल मीडिया पर क्या है वायरल : 

सोशल मीडिया पर एआई जनरेटेड वीडियो एवं तस्वीर वायरल हैं, जिन्हें ईरान द्वारा मोसाद के हेडक्वार्टर को तबाह कर दिए जाने के दावे से शेयर किया जा रहा है. 

फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, 'ईरान ने इजरायल के मोसाद हेडक्वार्टर को बैलिस्टिक मिसाइल से उड़ा दिया है, मोसाद, इजरायल की अत्याधुनिक खुफिया एजेंसी हुआ करती थी जिसे पूरी दुनिया में इसराइल का भौकाल था ..ईरान ने तबाह कर दिया है.' आर्काइव लिंक  

एक अन्य यूजर ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, 'मोसाद हेडक्वार्टर तबाह...' आर्काइव लिंक




पड़ताल में क्या मिला : 

बूम ने जांच में पाया कि मोसाद मुख्यालय के दावे से वायरल विजुअल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए हैं.

एआई जनरेटेड है वायरल वीडियो 

वायरल वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें इंस्टाग्राम पर 23 मई 2025 को अपलोड किया गया वीडियो मिला. पोस्ट में इस वीडियो को गाजा का बताकर शेयर किया गया है. वीपीएन की मदद से हमें एक AI कंटेंट क्रिएटर के टिकटॉक अकाउंट पर 18 मई को अपलोड किया गया वीडियो मिला. क्रिएटर ने इसे एआई हैशटैग के साथ शेयर किया है. 




एआई डिटेक्शन टूल ने भी की पुष्टि 

हमने वायरल वीडियो के अलग-अलग दृश्यों के स्क्रीनशॉट को wasitAI एआई डिटेक्शन टूल पर अपलोड किया. टूल ने वीडियो के एआई जनरेटेड होने का दावा किया है. 




Midjourney एआई टूल से वीडियो बनाए जाने की संभावना -

हमने वायरल वीडियो को डीपफेक एनालिसिस यूनिट में अपने सहयोगियों को भेजा. यूनिट ने वीडियो की Hive Moderation के एआई इमेज डिटेक्शन टूल और Deepfake Classifier पर जांच की. इन टूल ने भी वीडियो को एआई जनरेटेड बताया. यूनिट ने वीडियो को एआई विजुअल जनरेटर टूल Midjourney से बनाए जाने का संकेत दिया है.

वायरल तस्वीर भी एआई जनरेटेड

बूम ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद की वास्तविक हेडक्वार्टर की नहीं है. 

वायरल तस्वीर में मोसाद का नाम गलत लिखा हुआ है. तस्वीर में नाम Mosad लिखा है जबकि इसका वास्तविक नाम Mossad है. यह खुफिया एवं विशेष अभियानों के लिए इजरायल की एक एजेंसी है. 

तस्वीर में देख सकते हैं कि भवन पर मिसाइल अटैक के बाद भी राष्ट्रीय ध्वज पूरी तरह सुरक्षित दिखाई दे रहे हैं. यह व्यवहारिक नहीं है. 

एआई डिटेक्शन टूल wasitAI ने भी तस्वीर को एआई जनरेटेड बताया है. 






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