सोशल मीडिया पर एक वीडियो ख़ूब वायरल. इस वीडियो को यूज़र्स असल घटना मानकर शेयर कर रहे हैं, जबकि असल में यह वीडियो स्क्रिप्टेड है.
वीडियो देखने पर हम पाते हैं कि एक मुस्लिम महिला सड़क के किनारे नमाज़ अदा करने के लिए खड़ी होती है. इस दौरान एक युवक वहां आता है और मुस्लिम महिला का पर्स उठाकर उसमें से कुछ सामान निकालकर अपनी जेब में डालता है. इसी बीच पीछे से एक साधु आता है और उस चोर को पकड़ लेता है. साधु उस चोर से पर्स सहित सामान छीन लेता है लेकिन चोर भागने में कामयाब हो जाता है. इसके बाद उस मुस्लिम महिला को वापस दे देता है. महिला उस साधु को पैसे देने की कोशिश करती है लेकिन वो पैसे लेने से इंकार कर देता है.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे सामाजिक सौहार्द के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है.
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इस वीडियो को सोशल मीडिया यूज़र्स असल मानकर शेयर कर रहे हैं.
पोस्ट यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है. इस वीडियो को सामाजिक सौहार्द के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से बनाया गया है.
हमने जब संबंधित कीवर्ड्स और कीफ़्रेम्स की मदद से वीडियो को खोजा तो एक वेरीफ़ाईड फ़ेसबुक पेज पर इसका मूल स्त्रोत मिला.
प्रिया नाम के फ़ेसबुक पेज पर 6 जून 2017 को अपलोड किये गए इस वीडियो के कैप्शन में स्पष्ट शब्दों में बताया गया है कि ये लघु फिल्म केवल मनोरंजन और शैक्षिक उद्देश्य के लिए है.
हमने पाया कि इस पेज द्वारा ऐसी ही कई वीडियोज़ अपलोड की गई हैं जोकि स्क्रिप्टेड ड्रामा हैं.
बूम पहले भी स्क्रिप्टेड वीडियोज़ का फ़ैक्ट चेक कर चुका है जिन्हें यूज़र्स ने असल मानकर शेयर किया था. इनमें से कुछ वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर भी शेयर किया गया था.
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