हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) के दावे से एक तस्वीर वायरल हो रही है. तस्वीर में खट्टर की तरह दिखने वाला एक बुजुर्ग व्यक्ति अपने कंधे पर झोला टांगे और हाथ में सामान लिए दिखाई दे रहा है. बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर मनोहर लाल खट्टर की नहीं है. यह तस्वीर 2019 से ही इंटरनेट पर मौजूद है.
दरअसल, इसी महीने 12 मार्च को मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. इसके बाद नायब सिंह सैनी राज्य के नए मुख्यमंत्री बने थे. इसी संदर्भ में मनोहर लाल खट्टर की बताकर यह असंबंधित तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
एक्स पर यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'खट्टर जी ने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में और अपना निजी आवास सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दान करके आजादी के बाद रच दिया इतिहास. आज खट्टर जी बस स्टैंड की ओर चल दिए.'
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फेसबुक पर भी यह तस्वीर इसी दावे से वायरल है.
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फैक्ट चेक
वायरल पोस्ट में कुल तीन दावे किए गए हैं. पहला कि यह फोटो उनकी है. दूसरा, उन्होंने अपनी सारी संपत्ति प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान कर दी. तीसरा दावा कि उन्होंने अपना निजी आवास सार्वजनिक पुस्तकालय के लिए दान कर दिया. हमने तीनों दावों का फैक्ट चेक किया.
पहला दावा - वायरल तस्वीर मनोहर लाल खट्टर की है
बूम ने दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमने पाया कि यह तस्वीर 2019 से ही इंटरनेट पर वायरल है. हमें कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह तस्वीर मिली. Rofl Gandhi 2.0 नाम के एक्स यूजर ने सितंबर 2020 में यह तस्वीर खट्टर पर तंज कसते हुए शेयर की थी. यह एक पैरोडी अकाउंट है.
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Confessions of teenage-by existing actuality नाम के एक फेसबुक पेज ने भी अक्टूबर 2019 में यह तस्वीर शेयर की थी.
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हमने वायरल तस्वीर और मनोहर लाल खट्टर की असली तस्वीर की तुलना की है. तुलना करने पर भी प्रतीत होता है कि यह तस्वीर उनकी नहीं है.
अधिक स्पष्टिकरण के लिए बूम ने मनोहर लाल खट्टर के पूर्व मीडिया सलाहकार अमित आर्य से बात की. उन्होंने बताया, "यह तस्वीर उनकी नहीं है."
दूसरा दावा - मनोहर लाल खट्टर ने अपना पैतृक आवास लाइब्रेरी बनाने के लिए समाज को दे दिया
हमने गूगल पर सर्च किया. 29 जनवरी 2024 की 'एबीपी' की न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, मनोहर लाल खट्टर ने बनियानी गांव में अपने पैतृक घर को ई-लाइब्रेरी बनाने के लिए गांव और समाज के लोगों काे सौंप दिया था.
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इस बारे में बूम को अमित आर्य ने बताया, "उन्होंने अपना पैतृक आवास लाइब्रेरी के लिए दे दिया था. इसके अलावा भाइयों के बीच बंटी जमीन में जो उनका हिस्सा था, उसका एक पार्ट उन्होंने पंचनद नाम की संस्था को दे दिया था. यह संस्था उनके लिए काम करती है जो विभाजन के वक्त पाकिस्तान से भारत आए थे."
तीसरा दावा - मनोहर लाल खट्टर ने अपनी सारी संपत्ति प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान कर दी
हमने इस दावे को लेकर गूगल पर सर्च किया. हमें मनोहर लाल खट्टर की संपत्ति को लेकर 'जनसत्ता' और 'एबीपी' की न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं, जिसके मुताबिक उनके पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. लेकिन गूगल सर्च करने पर हमें कोई भी ऐसी मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली जो इस दावे की पुष्टि करती हो कि उन्होंने अपनी सारी संपत्ति प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में दान कर दी है. ऐसे में हम इस दावे की पुष्टि नहीं कर सके.