हरियाणा में युवक के हाथ से हिन्दु धार्मिक झंडा लेने का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में युवक के हाथ से झंडा लेने वाला व्यक्ति भी उसी गांव का हिन्दू है. घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
सोशल मीडिया पर हिन्दू धार्मिक जुलूस का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक युवा से एक व्यक्ति हिन्दू धार्मिक झंडे को छीनता हुआ दिख रहा है. जिसके बाद कई लोग आपस में उलझते हुए नज़र आते हैं. वीडियो को हरियाणा के पानीपत का बताते हुए दावा किया जा रहा है कि हिन्दुओं की धार्मिक यात्रा शांतिपूर्वक निकल रही थी लेकिन समुदाय विशेष के लोगों ने हिन्दू भगवान हनुमान का ध्वज (झंडा) लिए हिन्दू युवक पर हमला कर दिया और झंडे को छीन कर जमीन पर फेंक दिया.
सोशल मीडिया यूज़र्स इसे सही मानकर समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए सांप्रदायिक दावे से वीडियो को शेयर कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है. वीडियो में किसी भी प्रकार का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो को सांप्रदायिक दावे से शेयर करते हुए लिखा, "सनौली के पानीपत हरियाणा में शांतिपूर्ण यात्रा गुजर रही थी अचानक विशेष समुदाय ने हनुमान जी का ध्वज ले जा रहे हिंदू भाईयो पर हमला कर दिया और ध्वज को छीन कर जमीन पर फेंक दिया।"
फ़ेसबुक पर अनेक यूज़र्स ने इस वीडियो को सांप्रदायिक दावे से शेयर किया है, जिसे यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
एक्स (पूर्व में ट्विटर ) पर कई यूज़र्स ने इस वीडियो शेयर किया. (आर्काइव लिंक )
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले वायरल दावे से सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो हमें इस मामले को लेकर 12 सितंबर 2023 की अमर उजाला की न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के अनुसार, पानीपत के सनौली खुर्द गांव में कृष्ण जन्माष्टमी पर ग्रामीणों की ओर से झांकी निकाली जा रही थी. इस दौरान जब झांकी समुदाय विशेष के क्षेत्र से गुजर रही थी, तभी बजरंग दल के कुछ सदस्यों ने वहां धार्मिक झंडे के साथ नारे लगाने शुरू कर दिए. दो समुदायों में झगड़ा न हो जाए, इस अंदेशे के चलते गांव के सरपंच संजय त्यागी ने बजरंग दल के सदस्य के हाथ से झंडा ले लिया. इसपर उनमें आपस में कहासुनी हो गई और विवाद बढ़ गया.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि बाद में ग्रामीण और बजरंग दल के बीच बैठक हुई तो बजरंग दल ने झंडा छीनने को लेकर सरपंच संजय त्यागी से माफ़ी मांगने को कहा. सरपंच ने माफ़ी मांगने से इंकार करते हुए कहा 'उसने झंडा छीना नहीं बल्कि लिया था'. बजरंग दल ने इस सम्बन्ध में सनौली खुर्द पुलिस थाने में सरपंच के विरुद्ध शिकायत भी दर्ज करवायी है. इसके जवाब में सरपंच ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी. रिपोर्ट के मुताबिक़, इस बारे में जांच अधिकारी एएसआई प्रदीप का कहना है कि दोनों पक्षों से पूछताछ करने के बाद ही कोई कार्रवाई होगी.
इससे स्पष्ट होता है कि कथित रूप से झंडा छीनने वाला व्यक्ति किसी अन्य धर्म का नही बल्कि उसी गांव के सरपंच संजय त्यागी हैं
बूम ने इसके बाद गांव के सरपंच संजय त्यागी से भी संपर्क किया. उन्होंने घटना में किसी मुस्लिम व्यक्ति के शामिल होने से इंकार करते हुए बूम को बताया कि, "गांव के लोग हर साल जन्माष्टमी पर झांकी निकालते है. इस बार भी पूरे गांव से झांकी निकालने के बाद जब मुस्लिम इलाके से गुजर रही थी तभी कुछ बजरंग दल के सदस्य झंडे लेकर आये और धार्मिक नारेबाजी करने लगे. मैंने और मेरे साथ वाले ने उनके हाथ से झंडा ले लिया और उन्हें वहां से आराम से निकलने को कहा. इसपर वे लोग मुझसे उलझने लगे. अगर मैं ये सब नहीं करता तो संभव है कि वहां दो समुदायों के बीच झगड़ा हो जाता. मैंने झंडे को जमीन पर नहीं फेंका. मैं खुद भी हिन्दू हूं और पिछले तीन बार से गांव का सरपंच बनता आ रहा हूं."
सरपंच ने आगे बताया कि "वीडियो में पीली टीशर्ट पहने व्यक्ति ने युवक से झंडा लिया था वह कोई मुस्लिम नहीं है. उसका नाम साबा नम्बरदार है और वह गांव की मंदिर समिति का सदस्य है. बाद में क्रीम कलर के कुर्ते में जो व्यक्ति नज़र आता है वह स्वयं मैं हूं. झगड़ें में कोई भी मुस्लिम व्यक्ति नहीं था. दोनों तरफ के लोग हिन्दू ही थे." आगे उन्होंने कहा कि "बजरंग दल के लोगों ने पुलिस में शिकायत दी थी लेकिन अब मामला सुलझ गया है और दोनों पक्षों में समझौता हो चुका है."