सोशल मीडिया पर भारी भीड़ का नज़ारा दिखाती एक तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ वायरल है कि यह वर्तमान में चल रहे कुम्भ (Kumbh Mela) में उमड़ी भीड़ है. यह दावा गलत है.
बूम ने पाया कि वायरल हो रही इस तस्वीर का हरिद्वार कुम्भ (Haridwar Kumbh) से कोई सम्बन्ध नहीं है. यह तस्वीर Prayagraj (इलाहाबाद) में 2019 में हुए कुम्भ को दर्शाती है.
सोशल मीडिया और मुख्य धारा की मीडिया में कोरोनावायरस महामारी (COVID-19) के बीच जारी हरिद्वार कुम्भ को लेकर बात-विवाद शुरू है. लोग कुम्भ में सरकार की ढील को पिछले साल निज़ामुद्दीन मरकज़ (Nizamuddin Markaz) में आये तब्लीग़ी जमात के लोगों पर हुए अत्याचारों से जोड़ रहे हैं.
नहीं, यह वीडियो टीएमसी कार्यकर्ताओं को पोलिंग बूथ पर हमला करते नहीं दिखाता
इसी बीच एक तस्वीर शेयर कर कई नेटिज़ेंस भीड़ को हरिद्वार कुम्भ की भीड़ बता रहे हैं.
एक फ़ेसबुक यूज़र ने फ़ोटो के साथ लिखा है: "तब्लीग़ी जमात को दोगले लोगों और गोदी मीडिया द्वारा एक सभा के लिए बेइज़्ज़त और परेशान किया गया था, जब सरकार कह रही थी कि "कोरोना एक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है" और कुल मामले 5000 से कम थे. आज जब मामले लाखों में होते हैं, कुंभ मेला और शाही स्नान का आयोजन हो रहा है जो पूरे भारत में कोविड-19 फ़ैलाएँगे."
(इंग्लिश में: "Tablighi Jamaat were hounded and vilified by bigots and Godi media for a meet organised when Govt was saying "Corona is not a health emergency" and total cases were less than 5000. Today when Cases are in Lakhs everyday, Kumbh Mela and Shahi Snan congregation have gathered in Lakhs to spread Covid all over India.")
कुछ पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड वर्शन यहां, यहां और यहां उपलब्ध हैं.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल फोटो के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया और 2019 जनवरी की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स पाई जहाँ यही तस्वीर प्रकाशित की गयी थी.
तस्वीर प्रयागराज में 2019 में हुए अर्ध कुम्भ मेले के दौरान ली गयी थी.
बीबीसी की एक रिपोर्ट में भी यही वायरल तस्वीर प्रकाशित की गयी थी. जनवरी 19, 2019 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में प्रयागराज मेले को मानवों का दुनिया का सबसे बड़ा जमावड़ा बताया गया है.
यह तस्वीर जागरण वेबसाइट पर भी प्रकाशित की गयी थी.