समाजवादी पार्टी के नेता पर पुलिस लाठीचार्ज का एक पुराना वीडियो ग़लत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो सार्वजनिक होने का विरोध कर रहे सपा नेता को यूपी पुलिस ने लाठियों से पीटा.
सोशल मीडिया यूज़र्स इस वीडियो को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जोड़कर शेयर कर रहे हैं.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो असल में 2021 का है और इसका वर्तमान ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi) मुद्दे से कोई सम्बन्ध नहीं है.
व्यंगात्मक वीडियो को सोशल मीडिया पर सच मान कर शेयर कर रहें हैं लोग
सोशल मीडिया ख़ासकर फ़ेसबुक पर यह वीडियो काफ़ी वायरल है.
सम्राट नीरज पाल रमवा नाम के फ़ेसबुक यूज़र ने इस वीडियो को अपने अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा 'इस सपा के नेता ने सिर्फ इतना कहा कि ज्ञानवापी के सर्वे का वीडियो सार्वजनिक नहीं होने देंगे, फिर क्या, बाबाजी की पुलिस ने उसकी पूरी बॉडी का सर्वे कर डाला'.
वायरल पोस्ट यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो के पोस्ट में दिए हुए कीवर्ड के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें नवभारतटाइम्स की एक रिपोर्ट मिली जो इसी घटना पर केंद्रित थी.
रिपोर्ट के अनुसार घटना जुलाई 2021, प्रयागराज की है जब सपा नेता द्वारा पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि सड़क पर किस तरह कुर्सियां बिखरीं पड़ी हैं और सपा कार्यकर्ता पुलिस से बचने के लिए भागते हुए नज़र आ रहे हैं.
वहीं इस दौरान एक कार्यकर्ता गिर जाता है. उसके गिरते ही यूपी पुलिस के जवानों ने ताबड़तोड़ लाठियां बरसानी शुरू कर दीं.
बूम को दैनिक भास्कर की रिपोर्ट भी मिली जिसके आनुसार समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा ने जिला पंचायत सदस्यों के शरीर में चिप लगाई गई थी, जिससे भाजपा के लोग यह देख सकें कि किसने और किसको वोट दिया.
पंचायत अध्यक्ष चुनाव का परिणाम आने के बाद दोबारा मतदान की मांग को लेकर सपा ने हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया.
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बूम को ट्वीटर पर इसी वीडियो को शेयर करते Piyush Rai का एक ट्वीट मिला जिसमे वायरल वीडियो देखा जा सकता है. घटना को जुलाई 2021 के प्रयागराज में हुए पंचायत चुनाव से जुड़ा बताया गया है.