बांग्लादेश में ढाका की एक सड़क (road) पर बाढ़ (flood) दिखाती एक तस्वीर जिसमें दो लोग नाव में बैठकर यात्रा कर रहे हैं, फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल है. सोशल मीडिया पर यह तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता (Kolkata) में भारी बारिश के बाद का दृश्य है.
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर दो साल पुरानी है और बांग्लादेश के ढाका में मीरपुर के बेग़म रोकैया एवेन्यू इलाक़े की है.
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कोलकाता में मानसून जल्दी आने के कारण पिछले एक सप्ताह से भारी बारिश हो रही है. इस वजह से शहर में जल निकासी व्यवस्था बाधित हो गई है और शहर के विभिन्न हिस्सों में पानी जमा हो गया. वायरल तस्वीर इसी पृष्ठभूमि में शेयर की जा रही है.
फ़ेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने अंग्रेजी में कैप्शन लिखा, "#खेलाहोबे #दीदीहैतोमुमकिन है..... #मुर्शिदाबाद को दुनिया में एकमात्र स्थान बनाने के लिए मोदी भी इतनी बड़ी उपलब्धि नहीं कर पाए - जहां नाव, बस, तिपहिया, पैदल यात्री सभी सद्भाव से चलते हैं!"
पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें. आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
वायरल तस्वीर ट्विटर पर भी शेयर की गई है.
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर के साथ किये जा रहे दावे की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले इसे रिवर्स इमेज पर सर्च किया. इस दौरान जो परिणाम समाने आये, वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि असल में यह तस्वीर साल 2018 में बांग्लादेश के ढाका में मीरपुर के बेग़म रोकैया एवेन्यू में क्लिक की गई थी.
हमने अपनी जांच के दौरान तस्वीर को ध्यान से देखा और पाया कि सड़क के किनारे अंग्रेजी में 'ढाका मास रैपिड ट्रांजिट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट' (ढाका मास ट्रांजिट कंपनी लिमिटेड) परियोजना का नाम लिखा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़, बांग्लादेश सरकार के स्वामित्व वाली यह कंपनी फ़िलहाल देश में एक मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर काम कर रही है.
बूम ने पाया कि एक इमारत पर बंगाली भाषा में साइन बोर्ड पर 'लाइफ़ एड स्पेशलाइज्ड हॉस्पिटल लिमिटेड' लिखा हुआ है. गूगल मैप्स के मुताबिक़, यह निजी अस्पताल बांग्लादेश की राजधानी ढाका के मीरपुर में बेग़म रोकैया एवेन्यू में स्थित है.
बूम ने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए 'मीरपुर वाटरलॉगिंग' जैसे कुछ कीवर्ड्स के साथ खोजी. इस दौरान हमें ऐसी ही तस्वीर बीडीन्यूज़ 24 वेबसाइट की फ़ोटो गैलरी में मिली. तस्वीर के कैप्शन में लिखा है, "काजीपाड़ा में रोकैया सरानी पर यात्रियों को फेरी लगाने के लिए नाव सेवा शुरू की गई है." बीडीन्यूज़ 24 के फ़ोटो जर्नलिस्ट आसिफ़ महमूद ओवे ने तस्वीर क्लिक की.
इस तस्वीर में नाव पर बैठे व्यक्ति को वैसी ही टीशर्ट पहने हुए देखा जा सकता है जैसा कि वायरल तस्वीर में है.
द डेली स्टार में 1 जून, 2018 को प्रकाशित एक लेख में बताया गया है कि 30 मिनट की भारी बारिश के बाद मीरपुर में बेग़म रोकैया सरानी में बाढ़ जैसी नौबत आ गई थी.
जून 2021 में भी मीरपुर क्षेत्र के बेग़म रोकैया सरानी में इसी तरह जलभराव हो गया था. बिजनेस स्टैंडर्ड के लेख के अनुसार, इलाके के लोगों ने जलभराव की स्थिति के लिए मेट्रो रेल परियोजना को ज़िम्मेदार ठहराया था.
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