दिल्ली में ऑक्सीजन कोटे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ तेज़ी से फ़ैल रहा है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) के दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल (DDU Hospital)में ऑक्सीजन खोल कर रख दिया जाता है ताकि ऑक्सीजन को बर्बाद (Oxygen Waste) किया जा सके और दिल्ली में ऑक्सीजन (Oxygen Crisis in Delhi) की कमी को दिखाया जा सके.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. वातावरण और तापमान में बदलाव के कारण ऑक्सीजन टैंकर के अंदर दबाव बराबर रखने के लिए यह स्वचालित प्रक्रिया काम करती है, ताकि अधिक दबाव की वजह से ऑक्सीजन टैंकर फट न जाये.
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देशभर में ख़तरनाक रूप से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच अस्पतालों में लोग ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ रहे हैं. ख़ासतौर पर राजधानी दिल्ली में ऑक्सीजन की स्थित काफ़ी भयावह है. दिल्ली के कई अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं और सरकार को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना पड़ रहा है.
आलम यह है कि दिल्ली में ज़रूरत के मुताबिक़ ऑक्सीजन मुहैया कराने पर जारी केंद्र और राज्य के बीच खींचतान में सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा है.
दिल्ली में ऑक्सीजन संकट के दौरान बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता तजिंदर सिंह बग्गा ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा कि "ये दिल्ली सरकार का DDU अस्पताल है।यहां सुबह से आक्स्जिन को खोल के रख दिया जाता है ताकि आक्स्जिन को बर्बाद किया जाए और दिल्ली में आक्स्जिन की कमी को दिखाया जा सके, जैसे ही हमारे मण्डल अध्य्क्ष चेतन जी को इसकी जानकारी मिली उन्होंने वहां जाके इसका वीडियो बनाया, समय 6.40 PM."
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
इस वायरल वीडियो को फ़ेसबुक और ट्विटर पर बड़ी तादाद में इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
रिलायंस के नाम के साथ ऑक्सीजन टैंकर का वीडियो फ़र्ज़ी दावे से वायरल
फ़ैक्ट चेक
दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. बी.एल चौधरी ने 7 मई, 2021 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया, जिसमें वायरल वीडियो के साथ किये जा रहे दावे को ख़ारिज करते हुए ऑक्सीजन निकलने की प्रक्रिया को सामान्य बताया गया है.
बयान में उल्लेख किया गया है कि "यह वीडियो एक सामान्य प्रक्रिया को दिखाता है, जब दबाव पड़ने पर स्वतः ही कुछ गैस बाहर निकलती है. तरल ऑक्सीजन वाले प्रत्येक टैंकर में प्रेशर कुकर की तरह एक प्रेशर रिलीज़ वाल्व (सेफ्टी वाल्व) होता है. जब भी वातावरण और तापमान के बीच अंतर होने के कारण टैंकर के अंदर दबाव बढ़ता है तो टैंकर के अंदर का दबाव छोड़ने के लिए वाल्व अपने आप खुल जाते हैं. एक बार जब यह दबाव बराबर हो जाता है या टैंकर के अंदर दबाव वाल्व को कम कर देता है तो यह स्वचालित रूप से बंद हो जाता है. यह एक सुरक्षा तंत्र है जो तरल ऑक्सीजन वाले सभी टैंकरों में इंस्टॉल किया जाता है ताकि टैंकर को फटने से बचाया जा सके."
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यह स्वचालित प्रक्रिया अधिक तापमान बढ़ने पर होती है, जैसे कि आज हुआ है.
डॉ. बी.एल चौधरी ने बयान में आगे कहा कि "इस समय सभी डॉक्टर बहुत मेहनत कर रहे हैं, हममें से अधिकतर लोग कई रातों से अपनी जान की परवाह किये बगैर काम कर रहे हैं. इस तरह के काल्पनिक आरोप सभी हेल्थ केयर वर्कर्स के मनोबल पर भारी पड़ते हैं, जो अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा और प्राथमिकता के साथ निर्वहन कर रहे हैं. इस समय हम बेहद कठिन समय से गुज़र रहे हैं, ऐसे में इस तरह की चीज़ों को सस्ते प्रचार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए."
डीडीयू अस्पताल ऑक्सीजन का उपयोग बहुत विवेकपूर्ण ढंग से कर रहा है. हम हर मरीज़ की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए विवेकपूर्ण तरीक़े से ऑक्सीजन का प्रबंधन कर रहे हैं, प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है.
ऐसे में बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा का दावा पूरी तरह से ख़ारिज हो जाता है जिसमें उन्होंने कहा कि सुबह से ऑक्सीजन खोल कर रख दिया जाता है. वास्तव में, ऑक्सीजन खोलने की प्रक्रिया थोड़े समय के लिए होती है और यह आटोमेटिक होती है. मतलब यह कि जब तापमान में बदलाव होता है तो ऑक्सीजन टैंकर के अंदर दबाव को बराबर रखने के लिए सेफ्टी वाल्व स्वतः ही खुल जाते हैं, ताकि अधिक दबाव के कारण टैंकर फटे नहीं.
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