क्या इन पक्षियों की मौत का कारण 5G टेस्टिंग है? फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि इस वायरल तस्वीर के साथ किये जा रहे दावे में कोई सच्चाई नहीं है. असल घटना साल 2009 की है जब बिहार में ज़हरीले बीज चुगने के कारण सैकड़ों पक्षियों की मौत हो गई थी.
ज़मीन पर मृत पड़ीं सैकड़ों पक्षियों (Dead Birds) को दिखाती हुई एक तस्वीर इस समय सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल है. यूज़र्स 5G टेस्टिंग (5G Testing) की वजह से फ़ैले रेडिएशन को इन पक्षियों की मौत का कारण बता रहे हैं. तस्वीर शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि 5G टेस्टिंग पर जल्द से जल्द रोक लगा देनी चाहिए, इसकी वजह से आज पक्षी मर रहे हैं, कल इंसान मरेंगे.
बूम ने पाया कि इस वायरल तस्वीर के साथ किये जा रहे दावे में कोई सच्चाई नहीं है. असल घटना साल 2009 की है जब बिहार में ज़हरीले बीज चुगने के कारण सैकड़ों पक्षियों की मौत हो गई थी.
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट साइट की इस वायरल तस्वीर का सच क्या है?
फ़ेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में लिखा, "5 g नेटवर्क के कारण इतनी पंछी की मौत हो गई, नहीं चाहिए 5 g नेटवर्क काहा गया मोदी योगी कि भक्ति."
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
फ़ेसबुक पर ही एक अन्य यूज़र ने कैप्शन में लिखा कि "5G नेटवर्क के वजह से इतना सब पंछी मरने क्या 5G नेटवर्क में इतना पावर है कि आज पंछी मरने की क्या वजह है कल और कुछ मारने लगेगा."
पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल तस्वीर की वास्तविकता जानने के लिए तस्वीर को रिवर्स इमेज पर सर्च किया. इस दौरान हमें यही तस्वीर साल 2016 में दूसरे दावे के साथ फ़ेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट हुई मिली.
क़रीब 5 साल पुराने इन वायरल पोस्ट्स में अलग-अलग दावे किये गए थे. कुछ यूज़र्स ने सैकड़ों पक्षियों की मौत का कारण महाराष्ट्र के लातूर में पानी की कमी बताया, वहीं कुछ यूज़र्स ने चेन्नई में भीषण गर्मी की वजह बताते हुए तस्वीर शेयर किया.
हमें अपनी जांच के दौरान इस तस्वीर के साथ अंग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट द न्यूज़ मिनट पर एक रिपोर्ट मिली. 21 अप्रैल 2016 को प्रकाशित इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चेन्नई के गर्म मौसम और बढ़ते तापमान की वजह से सैकड़ों पक्षियों के मरने का दावा ग़लत है.
रिपोर्ट में चेन्नई के वन्यजीव बचाव दल के श्रवण कृष्णन के हवाले से कहा गया है कि "यदि यह घटना चेन्नई की होती तो सबसे इस बारे में सूचित करने वाले पहले व्यक्ति वह स्वयं होते. यह तस्वीर 7 साल पहले (2009) बिहार में ली गई थी जब बीज खाने के बाद पक्षियों की मौत हो गई थी, जिसमें कीटनाशकों की अधिक मात्रा थी."
हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं करता कि कीटनाशक युक्त बीज खाने से सैकड़ों पक्षियों के मरने की घटना बिहार से ही है. चूंकि, तस्वीर साल 2016 से ही इंटरनेट पर मौजूद है, ऐसे में हम स्पष्ट रूप से कह सकते हैं कि वर्तमान में वायरल तस्वीर के साथ जो 5G टेस्टिंग का दावा किया जा रहा उसमें कोई सच्चाई नहीं है.
भारत में अभी 5G की टेस्टिंग अपने प्रारंभिक चरण में है और तस्वीर 2016 से इंटरनेट पर मौजूद है. ऐसे में इस दावे का कोई आधार नहीं है.
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