सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कोरोना (Coronavirus) से लड़ते हुए जान गंवाने वाले मुस्लिम डॉक्टर के परिवार को ही एक करोड़ (1 Crore) रुपये मुआवज़े (Compensation) के तौर पर दिए हैं, जबकि दिल्ली में 100 डॉक्टर और 92 अध्यापक कोरोना से लड़ाई में शहीद हुए हैं. पोस्ट में कहा गया है कि केवल डॉक्टर अनस मुजाहिद के परिवार को एक करोड़ देकर केजरीवाल तुष्टीकरण कर रहे हैं.
बूम ने पाया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान देश में 400 डॉक्टरों की मौत हुई है, अकेले दिल्ली में 100 डॉक्टर कोरोना से लड़ते हुए जान गंवा चुके हैं. राज्य सरकार द्वारा कोरोना वारियर्स को वित्तीय सहायता देने में भेदभाव के दावे में कोई सच्चाई नहीं है, दावे भ्रामक हैं.
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बूम को 2020 और 2021 की कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिसमें बताया गया है कि केजरीवाल उन हिंदू परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा दे रहे हैं जिनकी कोरोना से लड़ते हुए मौत हो गई. हालांकि, इन कोविड वारियर्स की मौत 2020 में हुई थी.
जीटीबी अस्पताल के 26 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर अनस मुजाहिद ने बीते 9 मई को कोरोना से लड़ते हुए दम तोड़ दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 22 मई को मृतक डॉक्टर के परिवार वालों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी थी.
बूम ने पाया कि डॉ मुजाहिद का परिवार अकेला नहीं है जिसे एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है. न्यूज़ रिपोर्टों से पता चलता है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार द्वारा अन्य परिवारों को भी एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया गया है. हालांकि, इन मामलों में मरने वालों की संख्या पिछले साल की है जब देश में कोरोनावायरस की पहली लहर चल रही थी.
भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अतुल कुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "केजरीवाल की पार्टी को वोट देने वाले हिन्दुओ जरा भी शर्म हो तो चुल्लूभर पानी में डूब मरो..केजरी मृतक डॉ अनस मुजाहिद के परिवार से मिले और एक करोड़ रुपये का चेक उसे सौंपा अनस की कोरोना से मौत हुई थी. दिल्ली में 70 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो चुकी है, 69 हिन्दू थे इस लिए कुछ नही?"
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फ़ैक्ट चेक
बूम को कई न्यूज़ रिपोर्ट मिलीं जो दर्शाती हैं कि मृतक कोरोना वारियर्स के परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में भेदभाव का दावा फ़र्ज़ी है.
अप्रैल 2020 में, दिल्ली के सीएम ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार कोरोनो वायरस रोगियों से निपटने के दौरान मरने वालों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी.
20 मई, 2021 को प्रकाशित टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में अंग्रेजी शिक्षक, कोविड वारियर श्योजी मिश्रा के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मिश्रा की 7 जून, 2020 को कोविड से मृत्यु हो गई थी और उनके निधन के लगभग एक साल बाद, दिल्ली के सीएम ने 20 मई को उनके परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की.
द ट्रिब्यून पर 22 मई, 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने एक सरकारी शिक्षक नितिन तंवर के परिजनों को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी थी, जिन्होंने पिछले साल कोविड की ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के बाद कोरोनावायरस से दम तोड़ दिया था.
इस साल की शुरुआत में 13 मार्च को हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के सीएम ने मृतक कोरोना वारियर राकेश जैन के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, जो हिंदू राव अस्पताल में एक लैब टेकनीशियन थे, जिनकी 18 जून, 2020 को कोरोना वायरस से मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने परिवार के सदस्य को एक करोड़ बतौर वित्तीय सहायता प्रदान की.
इसके अलावा, बूम को 2020 की रिपोर्ट भी मिली जब कोविड वारियर डॉक्टर असीम गुप्ता, फार्मासिस्ट राजेश भारद्वाज, सफाई कर्मचारी राजू, लोक नायक अस्पताल के तकनीकी कर्मचारी चरण सिंह और डॉक्टर जोगिंदर चौधरी के परिवार के सदस्य को एक-एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई.
इनमें से कुछ मुलाकातों के बारे में दिल्ली के सीएम ने ट्वीट किया था.
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नाम ने बताने की शर्त पर पार्टी के अंदरूनी स्रोत ने बूम से लाभार्थियों के नामों की सूची साझा की. सूची में उन लाभार्थियों के नाम हैं जिनके परिवार के सदस्यों को मई 2020 से मई 2021 के बीच एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली है.
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