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फैक्ट चेक

भ्रामक दावे से वायरल क़रीब 5 साल पुराने इस वीडियो की आखिर क्या सच्चाई है?

कर्नाटक के कोलारम्मा मंदिर में सरकारी कर्मचारियों और पुजारियों के बीच बहस दिखाता यह वीडियो भ्रामक दावे से वायरल है. लेकिन इस वायरल वीडियो की सच्चाई क्या है? पढ़िए इस रिपोर्ट में.

By - Mohammad Salman |
Published -  27 May 2021 8:23 PM IST
  • भ्रामक दावे से वायरल क़रीब 5 साल पुराने इस वीडियो की आखिर क्या सच्चाई है?

    कर्नाटक (Karnataka) के विश्वविख्यात कोलारम्मा मंदिर (Kolaramma Temple) में सरकारी कर्मचारियों (Government Officials) और पुजारियों (Priests) के बीच दान पेटी को लेकर बहस का एक पुराना वीडियो हालिया घटना बताते हुए शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक के पुजारियों ने मंदिरों से दान पेटी- हुंडी (Hundi) हटानी शुरू कर दी है, क्योंकि जब हिन्दू भक्तों (Hindu Bhakt) का पैसा उनके काम नहीं आता तो फिर मंदिर में दान पेटिका रखने का कोई औचित्य नहीं है. यूज़र्स इस वीडियो को 'क्रांति' के तौर पर प्रचारित कर रहे हैं.

    बूम ने पाया कि वायरल वीडियो कर्नाटक के कोलारम्मा मंदिर का है और क़रीब पांच साल पुराना है. भ्रामक दावे से वायरल इस वीडियो का किसी भी हालिया घटना से संबंध नहीं है.

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    फ़ेसबुक पर शास्त्री अजय वशिष्ट ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "#क्रान्ति कर्नाटक के पुजारियों ने #मन्दिरों से दानपेटि हटाना शुरु कर दिया है, कहा की जब #हिन्दू भक्तों का पैसा हिन्दुओं के काम नहीं आता तो फ़िर दान पेटि क्यों....??? सरकारी कर्मचारी दान की हुंड़ि लेने पहुचे तब मन्दिर के पुजारियों ने जम कर विरोध किया, पुजारी ने सरकारी अधिकारियों से कहा जाओ पहले मस्जिद, चर्च से दान ले आओ..क्रांति की शुरआत हो चुकी है.. ऐसा पूरे देश में होना चाहिये जब तक मन्दिर #सरकारी_नियन्त्रण से मुक्त न हों..! हिन्दूओ के मन्दिर का दान केवल मन्दिर और हिन्दूऔ के कल्याणकारी कार्यो मे ही खर्च हो।ये हम सबकी माग है। जय श्री राम."

    पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

    पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

    फ़ेसबुक पर इसी दावे के साथ बड़ी संख्या में वीडियो शेयर की जा रही है.

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    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने संबंधित कीवर्ड्स के साथ खोज की तो पाया कि यह वीडियो पहले भी वायरल हो चुकी है. इससे इस बात की पुष्टि होती है कि वीडियो किसी हालिया घटना से संबंधित नहीं है.


    हमने पाया कि ट्विटर पर लेखिका अद्वैता काला द्वारा 8 अगस्त 2020 को शेयर किये गए इस वीडियो के कमेंट बॉक्स में एक यूज़र ने वीडियो को पुराना बताया है.

    आगे जांच के दौरान हमें यही वीडियो फ़ेसबुक पर 4 नवंबर 2015 को अपलोड हुई मिली. सागर एन कोलर नाम के यूज़र ने अपने पोस्ट में इस वीडियो को कोलारम्मा मंदिर का बताया.

    हमने पाया कि ऐतिहासिक कोलारम्मा मंदिर कर्नाटक के कोलर में स्थित है.

    अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि वीडियो पांच साल से इंटरनेट पर मौजूद है. इसका मतलब है कि इस वीडियो का संबंध हालिया घटनाओं से नहीं है.

    इसके बाद हमने यह जानने की कोशिश की कि मंदिर में दान पेटिका को लेकर सरकारी कर्मचारियों और मंदिर के पुजारियों के बीच बहस का मुद्दा क्या था. हमारी जांच स्वराज्य वेबसाइट की एक रिपोर्ट पर ठहरती है जिसमें वायरल वीडियो में दिखने वाले पुजारी से बात की गई है.

    वेबसाइट के अनुसार, वीडियो में दिख रहे पुजारी का नाम चंद्रशेखर दीक्षित है. रिपोर्ट में उनके बेटे शिवप्पा दीक्षित के हवाले से बताया गया है कि "साल 2015 में मंदिर के प्रशासन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच मामला चल रहा था. इस मामले में एक आदेश जारी किया गया था जिसमें राज्य सरकार को मंदिर के प्रबंधन का ज़िम्मा दिया गया था. तब तक मंदिर में कोई हुंडी (Hundi) नहीं थी. पहले से स्थापित एक हुंडी 2009 में हटा दी गई थी."


    "शुक्रवार की दोपहर, जब मंदिर लोगों से भरा हुआ था, कुछ अधिकारी यह कहते हुए आए कि वे एक हुंडी स्थापित करना चाहते हैं. हम सभी पुजारियों ने एक साथ मिलकर मांग की कि सरकार पहले हमारी चिंताओं को दूर करे जो हमने उठाया था और फिर जो कुछ भी वे चाहते हैं उसे स्थापित करें. हमें हुंडी स्थापित करने पर कोई आपत्ति नहीं थी. लेकिन हमने कहा कि हम इसे तब तक नहीं होने देंगे जब तक हमें अपनी सेवाओं के लिए पारिश्रमिक नहीं मिलता है," दीक्षित ने स्वराज्य से कहा.

    शिवप्पा दीक्षित ने वायरल वीडियो के बारे आगे कहा कि "हमेशा ऐसे लोग होंगे जो मुद्दे पैदा करना चाहते हैं. यदि धर्म एक निश्चित स्थान पर अच्छी तरह से कार्य कर रहा है, तो हमेशा ऐसे लोग होंगे जो धर्म को तोड़ना चाहते हैं."

    वायरल ट्वीट पूर्व CJI रंजन गोगोई के फ़र्ज़ी ट्विटर हैंडल से किया गया है

    Tags

    KarnatakaHindu TempleFake NewsFact CheckViral Video
    Read Full Article
    Claim :   कर्नाटक के पुजारियों ने मंदिर से दान पेटी हटाना शुरू कर दिया है
    Claimed By :  Social Media Users
    Fact Check :  Misleading
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