कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई को मज़बूत करने के लिये पूरी दुनिया भर में कोरोना की अलग अलग वैक्सीन लोगों को लगाई जा रही हैं. भारत में भी तेज़ी से हर राज्य में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के मुताबिक़ भारत में पिछले एक हफ़्ते में 3 करोड़ 91 लाख के लगभग टीके लग चुके हैं. इसी खबर में ये भी बताया गया है कि भारत में कोरोना टीके लगाने के मामले में अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है.
इसी दौरान सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल हैं जिनमें वैक्सीनेशन से जुड़े कुछ दावे किये जा रहे हैं. वीडियो शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि लोगों को टीके लगाये ही नहीं जा रहे बल्कि ख़ाली इंजेक्शन चुभाया जा रहा है.
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इस तरह के दावों के साथ लगभग चार वीडियो सोशल मीडिया पर इस समय ख़ूब वायरल हैं जिसकी हमने पड़ताल की है. फ़ेसबुक पर इरफ़ान अहमद नाम के एक यूज़र ने इन चारों वीडियो को एक साथ शेयर किया और कैप्शन दिया' टिका लगाते समय मुँह ना घुमायें,यह देख ले कि दवाई अंदर गयी है या नहीं. नर्सिंग स्टाफ केवल सूई चुभा कर निकाल लेते है इस कठिन समय में भ्रष्टाचार की हद हो गयी ...'
इसी तरह ये सारे वीडियो कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से शेयर किये गये.
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फ़ैक्ट चेक
सबसे पहले हमने इन सभी वीडियो को अलग अलग रिवर्स इमेज सर्च किया.
पहला वीडियो
इस वीडियो को जब हमने Yandex सर्च इंजन की मदद से खोजा तो हमें 26 अप्रैल 2021 की CNN Espanol की एक रिपोर्ट मिली जिसमें इस वीडियो का प्रयोग किया गया था. उस रिपोर्ट में कहा गया कि ये वीडियो इक्वाडोर का है और वो नर्स जो वैक्सीन लगा रही थी उसे सस्पेंड कर दिया गया था. ये वीडियो पहले भी अलग अलग दावों के साथ भारत में वायरल हो चुका है. बूम ने इस वीडियो का फ़ैक्ट चेक पहले भी किया है.
इक्वाडोर के स्वास्थ्य मंत्री Camilo Salinas ने भी इस वीडियो को पोस्ट कर लिखा कि नर्स की पहचान कर उस पर कार्रवाई की जायेगी.
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दूसरा वीडियो
दूसरे वीडियो की भी जब हमने रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये खोजबीन की तो हमें कोलंबिया स्थित एक स्पैनिश आउटलेट El Tiempo की 4 अप्रैल 2021 की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट से पता चला कि ये वीडियो मैक्सिको का है. इस रिपोर्ट में लिखा था कि मैक्सिको स्थित National School of Biological Sciences के एक वैक्सीनेशन सेंटर में टीके लगाने में लापरवाही की गई है. जिसे संस्थान ने स्वीकार किया है और इसके लिये माफ़ी भी माँगी है.
El Universal नाम के यूट्यूब चैनल पर भी इस वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट 4 अप्रैल 2022 को अपलोड हुई है.
तीसरा वीडियो
एक तीसरा वीडियो भी है जिसमें एक बूढ़ी औरत को टीका लगाया जा रहा है.
इसे भी इसी तर्ज़ पर हमने Yandex सर्च इंजन पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो पाया कि ये दरअसल ब्राज़ील का है. emtempo नाम की एक वेबसाइट में 4 फ़रवरी 2021 को छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ ब्राज़ील के Manaus शहर में ये घटना हुई थी. Walk in वैक्सीनेशन का ये वीडियो वहाँ भी ख़ूब वायरल हुआ था और इसकी जाँच के भी आदेश दिये गये थे.
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चौथा वीडियो
सबसे आख़िरी वीडियो में एक शख़्स खुद वीडियो बनाते हुए वहाँ मौजूद वैक्सीन लगाने वाले कर्मचारियों से पूछताछ कर रहा है. वीडियो में ही साफ़ ज़ाहिर है कि वो Ranka Hospital Pune का है. हमें इस हॉस्पिटल के फ़ेसबुक पेज पर इससे जुड़ा एक और वीडियो मिला जिसमें हॉस्पिटल के प्रमुख डॉक्टर Ramesh Ranka उस शख़्स Sahil shah के साथ बैठे हैं जिसने ये वीडियो बनाया था. वीडियो में साहिल कह रहे हैं उन्हें कुछ ग़लतफ़हमी हो गई थी इसलिये वो वीडियो बनाने लगे. बाद में जब ज़िम्मेदार लोगों ने उन्हें पूरी बात बताई तब वह संतुष्ट हुए.
ये चारों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं इनकी हक़ीक़त ये है कि इनमें से तीन तो भारत के हैं ही नहीं फिर भी इन्हें अलग अलग दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.