सोशल मीडिया पर एक मैसेज ख़ूब वायरल है जिसके माध्यम से कहा जा रहा है कि सरकार कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले को 5000 रुपये दे रही है. दावा किया गया है कि यह पैसा प्रधानमंत्री जान कल्याण विभाग द्वारा फॉर्म भरने के बाद दिया जाएगा.
फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2022 बताई गयी है.
बूम ने पाया कि ये मैसेज फ़र्ज़ी है. सरकार ऐसी कोई योजना नहीं चला रही है.
कपिल मिश्रा का दावा निकला फ़र्ज़ी, NYT में छपी फ़ोटो दिल्ली के सरकारी स्कूल की है
ये मैसेज हमें हमारी टिपलाइन पर भी प्राप्त हुआ. वायरल मैसेज को हम यहाँ पढ़ सकते हैं.
ये मैसेज फ़ेसबुक पर भी वायरल है जिसे हम यहाँ और यहाँ पढ़ सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले मैसेज को ध्यान से पढ़ा तो उसमें वर्तनी की अशुद्धियाँ मिली. मैसेज में प्रधानमंत्री जन कल्याण विभाग द्वारा रूपये देने का वादा किया गया है. हमें इंटरनेट पर भारत सरकार का ऐसा कोई विभाग नहीं मिला.
इसके बाद जब हमने मैसेज में दिए गए फॉर्म की लिंक पर क्लिक किया तो एक तस्वीर जिसमें प्रधानमंत्री की फ़ोटो के साथ योजना का लाभ लेने के लिए अन्य विवरण दिए थे. नाम, परिवार के सदस्यों की संख्या, कौन सी वैक्सीन लगवाई और मोबाइल नंबर भरने को कहा गया.
हमने वेबसाइट पर ग़ौर किया तो हमें उसकी लिंक फ़र्ज़ी प्रतीत हुई. किसी भी सरकारी वेबसाइट के लिंक में Gov.in या nic.in का जिक्र जरूर होता है लेकिन इसमें नहीं था.
अधिक वास्तविक दिखने के इसमें पीएम मोदी की तस्वीर के साथ कई सरकारी योजनाओं के लोगो व नारे भी लिखे हैं जैसे सबका साथ सबका विकास, मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि.
पहले चरण का फार्म भरने पर हमें हमें दूसरे चरण में पैसा प्राप्त करने के माध्यम का चयन करने को कहा गया.इसके बाद वॉट्सऐप के माध्यम से कम से कम पांच लोगों के साथ फॉर्म साझा करने के लिए कहा. इसके आगे कुछ नहीं था. सरकारी योजनाओं को शेयर करने पर पैसे मिलने का ये तरीका अटपटा लगा. इस मैसेज के जरिये लोगों को धोखे में लेकर फर्जीवाड़ा करने के हमारे संदेह को और बल मिला.
आगे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत सरकारी पोर्टल पीआईबी ने इस वायरल मैसेज को फ़र्ज़ी बताया है और इसे शेयर न करने की अपील भी की.
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