HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

बॉलीवुड को इस्लाम के प्रचार का अड्डा बताकर शेयर की गई यह तस्वीर फ़ोटोशॉप्ड है

वायरल फ़ोटोशॉप्ड तस्वीर शेयर करते हुए यूज़र्स बॉलीवुड को बायकॉट करने की मांग कर रहे हैं. इस तस्वीर की सच्चाई क्या है, जानिए इस रिपोर्ट में.

By - Mohammad Salman | 9 July 2021 6:47 PM IST

सोशल मीडिया पर एक लड़की को पोस्टर पकड़े हुए दिखाती 9 साल पुरानी तस्वीर, एडिट करके फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर की जा रही है. वायरल पोस्टर इस दावे के साथ वायरल है कि बॉलीवुड मनोरंजन का अड्डा न होकर इस्लाम और उर्दू के प्रचार का अड्डा है. यही वजह है कि हर फ़िल्म में इस्लाम धर्म को महान बताया जाता है. इस एडिटेड तस्वीर को शेयर करते हुए यूज़र बॉलीवुड को पूरी तरह से बायकॉट करने की मांग कर रहे हैं.

बूम ने पाया कि असल तस्वीर दिसंबर 2012 में दिल्ली में निर्भया गैंगरेप के विरोध में पंजाब के अमृतसर में हुए एक प्रदर्शन से है.

हॉस्पिटल में दिलीप कुमार के आख़िरी वीडियो के नाम से वायरल क्लिप का सच क्या है?

वायरल एडिटेड पोस्टर में लिखा है कि "भारतीय Bollywood मनोरंजन का नहीं इस्लाम और उर्दू के प्रचार का अड्डा है. इसलिए आपको हर मूवी में इस्लाम को महान और हर गाने में अली, मौला, खुदा यह शब्द सुनने को मिलते हैं boycott Bollywood"

ट्विटर पर इस वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "जिहादी बॉलीवुड का पूर्ण तरीके से बायकाट करो, भाइयो"

ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

फ़ेसबुक पर वायरल


पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.


पोस्ट यहां देखें और आर्काइव वर्ज़न देखने के लिए यहां क्लिक करें

तस्वीर सोशल मीडिया पर बहुत वायरल है.




उत्तर प्रदेश के लोदीपुर से जोड़कर वायरल इस वीडियो की सच्चाई कुछ और है

फ़ैक्ट चेक

बूम ने वायरल तस्वीर की सत्यता की जांच करने के लिए इसे रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो पाया कि असल तस्वीर दिसंबर 2012 की है. तस्वीर में लड़की के हाथों में जो पोस्टर है, उसपर लिखा है, "Don't tell me how to dress! Tell them not to rape" जिसका हिंदी अनुवाद है, "मुझे मत बताओ कि कैसे कपड़े पहनने हैं! उनसे कहो कि बलात्कार न करें"

हमें अपनी जांच के दौरान यही तस्वीर स्टॉक फ़ोटो वेबसाइट गेट्टी इमेजेज़ पर मिली.


तस्वीर के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, "20 दिसंबर, 2012 को अमृतसर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान नई दिल्ली में हुए एक हालिया बलात्कार के ख़िलाफ़ नारे लगाते हुए भारतीय छात्र तख्तियां लिए हुए हैं. एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार पर लोगों के आक्रोश के बावजूद, पर्यवेक्षकों का कहना है कि भारत में स्त्री द्वेष व्यापक है, जहां यौन हमलों को अक्सर "चिढ़ाने" के रूप में ख़ारिज कर दिया जाता है और पीड़ित ख़ुद को हमलों के लिए दोषी पाते हैं. इस तस्वीर का क्रेडिट एएफ़पी फोटो/नरिंदर नानू को दिया गया है."

राजधानी नई दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक बस में 23 वर्षीय छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी, जिसके बाद छात्रा की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. घटना के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने और आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने के लिए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए थे.

हमें अपनी जांच के दौरान हूबहू यही तस्वीर बीबीसी द्वारा 21 दिसंबर 2012 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली, जिसका शीर्षक "दिल्ली बस गैंगरेप में पांचवीं गिरफ़्तारी" है.


रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली पुलिस ने रविवार को एक युवती की बस में सामूहिक बलात्कार के मामले में पांचवें व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है. बस चालक समेत चार लोगों को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है. दिल्ली के एक अस्पताल में 23 वर्षीय पीड़ित युवती की हालत गंभीर बनी हुई है.

नीचे वायरल तस्वीर और असल तस्वीर के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया गया है. तस्वीर देखने पर आप पाएंगे कि दोनों तस्वीरें एक ही हैं. वायरल दावे को वास्तविक बनाने के लिए पोस्टर को एडिट किया गया है.


दुनिया के 50 सबसे ईमानदार लोगों की लिस्ट में मनमोहन सिंह टॉप पर? फ़ैक्ट चेक

Tags:

Related Stories