हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई कंधार हाईजैक पर बनी वेब सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' हाईजैकर्स के हिंदू नाम को लेकर विवादों में आ गई है. सोशल मीडिया पर नेटिजन्स दावा कर रहे हैं कि मेकर अनुभव सिन्हा ने आतंकियों की मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए सीरीज में जानबूझकर पांच में से दो हाईजैकर्स के नाम भोला और शंकर बताएं हैं.
बूम ने अपने फैक्ट चेक के दौरान पाया कि वायरल दावा गलत है. हाईजैकर्स द्वारा वास्तव में इन क्षद्म नामों का इस्तेमाल किया गया था. असल में पांचों हाईजैकर्स ने आपस में संबोधन के लिए चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर जैसे नाम रखे थे.
आईसी 814: द कंधार हाईजैक
बीते 29 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर आईसी 814: द कंधार हाईजैक रिलीज हुई. यह साल 1999 में हुए कंधार हाईजैक पर बनी वेब सीरीज है, जिसका निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है. इस सीरीज में नसीरुद्दीन शाह, पंकज कपूर, दिया मिर्जा, पत्रलेखा और विजय वर्मा जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में देखे जा सकते हैं. यह सीरीज प्लेन के कैप्टन देवी शरण और श्रींजॉय चौधरी द्वारा लिखी गई किताब 'फ्लाइट इन टू फियर' का नाट्य रूपांतरण है.
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म एक्स पर पाञ्चजन्य ने इससे संबंधित एक दावे में ने लिखा, 'कंधार विमान हाईजैक पर बनी वेब सीरीज में हिन्दुओं को बदनाम करने की साजिश! विमान हाईजैक करने वालों के असली नाम: मोहम्मद इब्राहिम अख्तर, मोहम्मद शाहिद अख्तर, मोहम्मद सन्नी अहमद, मोहम्मद जहूर मिस्त्री, मोहम्मद शाकिर. लेकिन वेब सीरिज आईसी 814 में आतंकवादियों के नाम : भोला और शंकर, इस्लामी आतंकवाद के कुकृत्य को वेब सिरीज में छिपाने की कोशिश क्यों?'
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पाञ्चजन्य की वेबसाइट पर भी इससे संबंधित एक आर्टिकल में यूजर्स के हवाले से कहा गया कि सीरीज में जानबूझकर आतंकवादियों के असली नामों को बदलकर हिंदू धर्म के प्रतीकों के नाम पर रखा गया है और इस तरह के नामकरण से इस्लामी आतंकवाद को छिपाने की कोशिश की जा रही है.
फेसबुक पर इससे संबंधित एक भ्रामक दावे में कहा गया, 'इस प्लेन को हाईजैक किया था इब्राहीम अख्तर, सहिद अख्तर, अहमद काजी ने लेकिन फिल्म मे हाईजैक कर रहे हैं भोला और शंकर.'
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क्या है भोला और शंकर नाम के पीछे की सच्चाई!
एक्स पर कई यूजर्स ने वायरल दावे के जवाब में बताया कि भोला और शंकर आतंकियों के कोड नेम थे. ऐसे ही एक पोस्ट रिप्लाई में कंधार हाईजैक पर पहली किताब लिखने वाले लेखक और पत्रकार नीलेश मिश्रा ने अपनी किताब का जिक्र करते हुए बताया कि पांचों आतंकी हाईजैक के दौरान चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर के नाम से ही एक दूसरे को संबोधित करते थे.
उन्होंने यह भी बताया कि यात्री भी उन्हें इन्हीं नामों से बुलाते थे. इनमें से चीफ उस समय जेल में बंद आतंकी मसूद अजहर का भाई था. आपको बताते चलें कि नीलेश मिश्रा ने साल 2000 में कई यात्रियों के इंटरव्यू के आधार पर '173 ऑवर्स इन कैपटीवीटी: द हाईजैकिंग ऑफ आईसी 814' नाम की किताब लिखी थी.
इसके अलावा हमें विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर तत्कालीन गृह मंत्री का एक बयान मिला, 6 जनवरी 2000 के इस बयान में पूरी घटना का विस्तृत ब्यौरा दिया गया था. स्टेटमेंट में पांचों अपहरणकर्ताओं का नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और शाकिर बताया गया था.
साथ ही इसमें यह भी बताया गया कि हाईजैक के दौरान पांचों क्रमशः चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर के नाम से जाने जाते थे और वे एक-दूसरे को इन्हीं नामों से संबोधित करते थे.
इससे स्पष्ट है कि शो के निर्माताओं ने जानबूझकर सीरीज में अपहरणकर्ताओं के नाम नहीं बदले, बल्कि हाईजैकर्स द्वारा वास्तव में इस्तेमाल किए गए कोड नामों को ही सीरीज में शामिल किया है.
कंधार हाईजैक
24 दिसंबर 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट आईसी 814 पांच आतंकियों द्वारा हाईजैक कर ली गई थी. हाईजैकर्स ने प्लेन को अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए तालिबानी नियंत्रण वाले कंधार में लैंड कराया था. इस प्लेन में अपहरणकर्ताओं को लेकर 176 यात्री सवार थे, इस दौरान एक यात्री की मौत भी हो गई थी. इन सभी को वापस लाने में सात दिन लगे थे. इन्हें वापस लाने के बदले भारत सरकार को तीन आतंकियों मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को छोड़ना पड़ा था.