बीते दिनों मध्य प्रदेश पुलिस ने कुछ बदमाशों का जुलूस निकलवाया, जिसमें वह कान पकड़कर माफी मांगते नजर आ रहे हैं. अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक दावे से वायरल हो रहा है, जिसमें बदमाशों को तुर्कों की औलाद (मुस्लिम) कहकर संबोधित किया जा रहा है.
बूम ने पाया कि वायरल दावा गलत है. इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था. वीडियो में दिख रहे बदमाशों के नाम आकाश नेपाली, नितेश जाटव गजनी, लकी सेन, जय राउत और आकाश गजबी हैं. बूम को टीटी नगर पुलिस ने भी बताया कि घटना के दोनों पक्ष हिंदू समुदाय से आते हैं.
असल में कुछ दिनों पहले तलवार लहराते और गाली-गलौज करते कुछ लोगों एक वीडियो वायरल हुआ था. इसी संदर्भ में मध्य प्रदेश की टीटी नगर पुलिस ने कार्रवाई के दौरान बदमाशों का जुलूस निकलवाया था.
वायरल वीडियो में दो क्लिप हैं. पहली क्लिप में कुछ लड़के चाकू, तलवार लिए धमकाते नजर आ रहे हैं. वहीं दूसरी क्लिप में पुलिस लड़कों से कान पकड़कर परेड करवाती दिख रही है. इसमें लड़के छुरी-तलवार न चलाने और वीडियो न बनाने की कसमें खाते देखे जा सकते हैं.
एक्स पर दक्षिणपंथी यूजर जितेंद्र प्रताप सिंह ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'थोड़ी देर पहले ये औलाद-ए-तुर्क लोग तलवार लेकर उत्तेजित हो रहे थे, अपनी वीरता का खुद वीडियो भी बनाया. अगले दिन पुलिस ने एक वीडियो बनाया.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
फैक्ट चेक: घटना में नहीं है सांप्रदायिक एंगल
इस घटना से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें एनडीटीवी (मध्य प्रदेश/ छत्तीसगढ़) की 31 दिसंबर 2024 की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, भोपाल के हबीबगंज में कुछ बदमाशों ने तलवार लहराते, गाली-गलौज करते हुए एक वीडियो शेयर किया किया. इस वीडियो में वह इलाके में हुई मारपीट की घटना के दूसरे पक्ष को धमकी दे रहे थे.
वीडियो के वायरल होने के बाद टीटी नगर पुलिस ने उनपर एक्शन लिया और बारह घंटे के भीतर सभी बदमाशों का जुलूस निकाला, जिसमें वे कान पकड़कर माफी मांगते नजर आए.
इस रिपोर्ट में आरोपियों के नाम आकाश गजबी, उदय सराठे, आकाश सोनी, नितेश जाट, लकी सेन, जय रावत और ऋतिक वाल्मीकि बताए गए. इनके नाम से स्पष्ट था कि ये मुस्लिम धर्म से ताल्लुक नहीं रखते.
लाइव हिंदुस्तान की एक जनवरी 2024 की रिपोर्ट में बताया गया कि मामला भोपाल के टीटी नगर थाना क्षेत्र का है. मुख्य आरोपी नीतेश जाटव उर्फ गजनी ने धमकी भरा वह वीडियो शेयर किया था.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुछ लोगों से हुए विवाद के बाद बदमाशों ने कार के साथ तोड़फोड़ की और 5 हजार रुपए की रंगदारी मांगी. इसी क्रम में धमकाने के लिए उन्होंने ये वीडियो बनाया. गिरफ्तार किए गए बदमाशों का पहले का आपराधिक रिकॉर्ड भी है.
पंजाब केसरी की रिपोर्ट में थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया की बाइट भी मौजूद है. इसमें वह कहते नजर आ रहे हैं, "एक फरियादी ने सूचना दी थी कि अज्ञात बदमाशों ने पंचशील नगर में रखी हुई उसकी स्कॉर्पियो के साथ तोड़-फोड़ की है. इसी आधार पर छ: आरोपियों के विरुद्ध अड़ीबाजी का अपराध कायम हुआ था. इसमें आकाश नेपाली, नितेश जाटव गजनी, लकी सेन, जय राउत और आकाश गजबी शामिल हैं."
जुलूस निकालवने के सवाल पर सुधीर अरजरिया कहते हैं, "..घटना स्थल का वेरिफिकेशन कराने के लिए हम उनको लेकर गए थे. इस तरह धमकाने वाले वीडियो आते हैं तो उस एरिया के लोग दहशत में रहते हैं. पुलिस तत्काल कार्रवाई करके उनको मौके पर ले जाकर लोगों का दहशत दूर करने का प्रयास करती है.."
पुष्टि के लिए हमने टीटी नगर पुलिस से भी संपर्क किया. थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने बूम को बताया कि घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था. घटना 30 दिसंबर की है. सुधीर ने कहा, "हबीबगंज थाना क्षेत्र में दो पक्षों का झगड़ा हुआ था, जिसके बाद रिवेंज (बदले) के तौर पर इन्होंने इंस्टाग्राम पर यह वीडियो अपलोड किया. सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. इसमें दोनों ही पक्ष हिंदू थे."
हाल ही में भोपाल के जहांगीराबाद इलाके में भी ऐसी ही एक घटना को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव फैल गया था. बीते 24 दिसंबर 2024 को दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी, जहां दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी की गई. खबरों के मुताबिक, इस दौरान कई लोग तलवार और डंडे लिए भी दिखे. 22 दिसंबर को तेज बाइक चलाने की वजह से यह विवाद शुरू हुआ था.