सोशल मीडिया पर भारत के मुख्य न्यायाधीस डीवाई चंद्रचूड़ का सुनवाई के दौरान का एक वीडियो काफी वायरल है. वीडियो में पांच न्यायाधीशों की एक संविधान पीठ इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े मामले में सुनवाई करती दिख रही है. वीडियो में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें देते दिख रहे होते हैं, तभी बीच में डी वाई चंद्रचूड़ कुर्सी से थोड़ा सा उठते नजर आते हैं.
वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि सीजेआई चंद्रचूड़ बहस के दौरान पूरी दलील सुने बिना ही बीच सुनवाई से उठकर चले गए.
बूम ने अपनी जांच में पाया वायरल वीडियो क्रॉप्ड है. सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ अपनी कुर्सी को ठीक कर रहे थे और उसके बाद सॉलिसिटर तुषाार मेहता की दलीलें भी सुनते हैं और फिर बाद में अपना आदेश भी देते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च 2024 को भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड से संबंधित केवल चुनिंदा जानकारी शेयर करने पर फटकार लगाई थी. इससे पहले कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार देते हुए, बैंक को बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी शेयर करने को कहा था. कोर्ट ने एसबीआई को 21 मार्च तक अपने पास मौजूद अप्रैल 2019 के बाद के सभी खरीदे गए और भुनाए गए इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर (अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) सहित अन्य सभी ब्योरों को शेयर करने का आदेश दिया था.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दक्षिणपंथी अकाउंट ने यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'Wow! अधिवक्ता बोलते रहे और चंद्रचूड़ उठ कर निकल गया, बिना कुछ बताए! यह वीडियो बताता है कि न्यायपालिका में पारिवारिक प्रतिभा और उचित डीएनए सीक्वेंस-धारी जजों का घमंड कितना ऊँचा और अभद्र होता है. ये सुप्रीम कोर्ट है. सुप्रीम कोर्ट.'
हालांकि यह पोस्ट डिलीट अब डीलिट कर दी गई है.
आर्काइव पोस्ट यहां देखें.
फेसबुक पर भी इसी दावे के साथ यह वीडियो वायरल है.
फैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया वायरल वीडियो क्रॉप्ड है, जिसे गलत दावे से शेयर किया गया है. सुनवाई के दौरान CJI डीवाई चंद्रचूड़ अपनी कुर्सी को ठीक कर रहे थे और उसके बाद सॉलिसिटर तुषाार मेहता की दलीलें सुनते हैं. वीडियो के बाद वाले हिस्से को काटकर गलत दावे से शेयर किया गया है.
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के अधिकारिक यूट्यूब चैनल को देखा. सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च 2024 को चुनावी चंदे से संबंधित इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जानकारी साझा करने को लेकर एसबीआई को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने स्टेट बैंक से अगले तीन दिनों में इलेक्टोरल बॉन्ड्स के यूनीक नंबर सहित सभी जानकारी निर्वाचन आयोग से शेयर करने को कहा था.
इसी सुनवाई के लाइव स्ट्रीम वीडियो को क्रॉप करके गलत दावे से शेयर किया गया है. सुनवाई के दौरान लाइव-स्ट्रीम वीडियो में 23 मिनट 04 सेकंड से मेहता को अपने दलीलें देते हुए देखा सकता है. सुनवाई के दौरान आगे CJI डीवाई चंद्रचूड़ अपनी कुर्सी को ठीक करते हैं, दूसरे न्यायाधीशों की तरफ को होते हैं और उसके बाद मेहता की दलीलें फिर से सुनना जारी रखते हैं. उद्योग संघों की ओर से पेश हो रहे वकील मुकुल रोहतगी की दलीलें भी सुनते हैं और फिर अपना आदेश सुनाते हैं, जिसमें वह एसबीआई को 21 मार्च 2024 तक सभी बॉन्ड के यूनिक नंबर (अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) के नंबर निर्वाचन आयोग को मुहैया कराए जाने का निर्देश देते हैं.