सोशल मीडिया पर एक पुरानी ख़बर के स्क्रीनशॉट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Uttar Pradesh) ने यूपी बोर्ड (UP Board) के दसवीं टॉपर (10th Topper) को बाउंस चेक (Bounce Cheque) दिया है.
बूम ने पाया कि यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) द्वारा मेधावी छात्र को दिए गए बाउंस चेक की घटना साल 2018 की है.
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ट्विटर पर बृजेश कलप्पा ने वायरल स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए योगी आदित्यनाथ पर तंज कसा है. बृजेश के ट्विटर बायो के अनुसार, वो सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं.
ट्वीट यहां और आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.
फ़ेसबुक पर ऐसा ही एक दूसरा स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए यूज़र ने लिखा, "भाजपा ने स्टूडेंट्सों के साथ भी किया धोखा !!"
फ़ेसबुक पोस्ट यहां देखें
वायरल स्क्रीनशॉट फ़ेसबुक पर बड़े पैमाने पर वायरल है.
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट असल में साल 2018 की ख़बर से है, जब यूपी के बाराबंकी में 10वीं टॉपर आलोक मिश्रा का एक लाख का चेक बाउंस हो गया था.
आज तक की 9 जून 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान 10वीं टॉपर आलोक मिश्रा को एक लाख का चेक बतौर सम्मान दिया था. आलोक मिश्रा अपने परिजनों के साथ चेक जमा कराने देना बैंक पहुंचे थे. दो दिन बाद बैंक अधिकारियों ने चेक बाउंस होने की सूचना दी तो आलोक सहित परिजन परेशान हो गए.
हमने अपनी जांच के दौरान पाया कि अंग्रेज़ी ख़बर का जो स्क्रीनशॉट वायरल है, वो न्यूज़ 18 की 9 जून 2018 की रिपोर्ट का है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि बैंक अधिकारियों द्वारा चेक बाउंस होने का कारण हस्ताक्षर का मिलान नहीं होना बताया था. बाद में चेक बाउंस की ख़बर फैलने पर हड़कंप मचा तो DIOS ने अपनी ग़लती सुधारने के लिये टॉपर छात्र को बुलाकर दूसरा चेक दिया.
वहीं, पंजाब केसरी की ख़बर का जो स्क्रीनशॉट वायरल है वो दूसरी घटना से है. हमने अपनी जांच में पंजाब केसरी की वो ख़बर खोज निकाली जिसका स्क्रीनशॉट वायरल है.
10 सितंबर 2019 की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख़्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 सितंबर को लखनऊ में आयोजित प्रदेश के मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह के दौरान कई छात्रों को टेबलेट, मेडल, प्रशस्तिपत्र और 21-21 हज़ार रुपये के चेक दिए थे. छात्रों ने जब बैंक में चेक जमा किया तो वो बाउंस हो गया.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अम्बेडकरनगर नरकसा निवासी छात्र प्रद्युम्न ने 3 सितंबर को बैंक ऑफ़ बड़ौदा में अपना चेक जमा किया था. बैंक अधिकारियों ने 9 सितंबर को चेक बैंक बाउंस होने की सूचना दी और छात्र के ऊपर ज़ुर्माना भी लगा दिया.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में इसी मामले पर छपी सितम्बर 10 की एक रिपोर्ट के अनुसार चेक बाउंस होने का कारण उस पर District Inspector of Schools (DIOS) के हस्ताक्षर का ना होना था. रिपोर्ट में आगे प्रद्युम्न के हवाले से बताया गया है कि ज़िला प्रशासन की मदद से बाद में चेक क्लियर हो गया था.
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क्यों हुए थे चेक्स बाउंस?
2018 के मामले में न्यूज़ 18 की रिपोर्ट में डीआईओएस के हवाले से चेक बाउंस होने का कारण हस्ताक्षर का मिलान न होना बताया गया है. वहीँ 2019 के दूसरे मामले में चेक बाउंस होने का कारण उस पर DIOS के हस्ताक्षर का ना होना था.