पिछले दिनों 16 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तरप्रदेश को नए एक्सप्रेसवे की सौगात देते हुए इटावा से चित्रकूट तक करीब 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. लेकिन उद्घाटन होने के करीब पांच दिन बाद ही पहली बरसात में एक्सप्रेसवे में कहीं कहीं दरार आ गई तो इसपर बने कुछ पुलिये भी धंस गए.
इसी बीच एक क्षतिग्रस्त पुल का वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रहा है, जिसे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का बताकर शेयर किया जा रहा है. वायरल वीडियो में एक पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को देखा जा सकता है. वीडियो में वहां कुछ लोग भी खड़े दिखाई दे रहे हैं.
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यह वीडियो सोशल मीडिया ख़ासकर फ़ेसबुक पर काफ़ी वायरल है.
एक फ़ेसबुक यूज़र ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है "बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के हालात,अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी इसी एक्सप्रेस-वे का उद्घघाटन किए हैं!! नकली आदमी का नकली काम !!"
वहीं एक अन्य फ़ेसबुक यूज़र ने भी वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है "बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के हालात, यही है असली बीजेपी सरकार की हकीकत, अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी इसी एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किए हैं धन्य है, अच्छा है ईश्वर जी के आशीर्वाद से कोई अनहोनी नहीं हुई नहीं तो उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं रहती, लगता है क्वालिटी कंट्रोल वाले ड्रोन की बैटरी चार्ज्ड नहीं है?
वायरल पोस्ट यहां, यहां और यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए सोशल फ़ेसबुक पर मौजूद कुछ पोस्ट्स को देखना शुरू किया. हमने पाया कि एक फ़ेसबुक पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कुछ लोग इस वीडियो को भोपाल के आसपास का बता रहे हैं.
इसके बाद हमने संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया तो हमें न्यूज़ 18 पर प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो के दृश्य फ़ीचर इमेज के रूप में मौजूद थे. साथ ही रिपोर्ट में एक वीडियो भी मौजूद था, जिसके दृश्य वायरल वीडियो जैसे ही थे.
न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में भोपाल को मंडीदीप से जोड़ने वाला NH46 पर बना एक पुल का कुछ हिस्सा पानी में धंस गया. कलियासोत नदी पर बने इस पुल के कुछ हिस्से के क्षतिग्रस्त हो जाने से आवागमन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ. रिपोर्ट के मुताबिक़ यह पुल अक्टूबर 2020 में बनकर तैयार हुआ था.
जांच के दौरान ही हमें दैनिक भास्कर पर हाल ही में इस पुल को लेकर प्रकाशित ग्राउंड रिपोर्ट भी मिली, जिसके अनुसार उचित इंजीनियरिंग डिज़ाइन नहीं होने के कारण पुल का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया. दरअसल मध्यप्रदेश के भदभदा डैम से पानी छोड़े जाने के बाद जैसे ही कलियासोत नदी में पानी बढ़ा तो इसपर बने पुल की रिटेनिंग वॉल पानी के दवाब को सह नहीं सकी. जिसकी वजह से पुल का कुछ हिस्सा पानी में धंस गया.
हमने इस दौरान दैनिक भास्कर के रिपोर्टर योगेश पांडेय से भी बात की तो उन्होंने हमें बताया कि पानी के दवाब के कारण पुल को जोड़ने वाले एप्रोचिंग रोड का हिस्सा और रिटेनिंग वॉल क्षतिग्रस्त हो गया है.
हमें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ के ट्विटर अकाउंट पर भी इसी पुल से जुड़ा वीडियो मिला. कमलनाथ ने वीडियो को शेयर करते हुए इस मामले की जांच कराने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.
क्या है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का मामला
दरअसल बीते 16 जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी के जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने इस एक्सप्रेसवे की खूब तारीफ़ की. लेकिन पहली बारिश में ही इस एक्सप्रेसवे में कई जगहों पर दरार की शिकायतें आई तो कहीं इसपर बने पुलिये ही क्षतिग्रस्त हो गए. इसके अलावा कुछ जगहों पर सड़कें भी धंस गई तो कुछ जगहों से मिट्टी के कटान की शिकायतें भी आई है.
उद्टघान के कुछ दिनों के बाद ही नए एक्सप्रेसवे में आई इन खामियों को लेकर उत्तरप्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना भी साधा. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निरीक्षण करने पर भी पहुंच गए.
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