बदायूं के हुक्का बार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रह है कि इस हुक्का बार में 'लव जिहाद' को बढ़ावा दिया जाता था. आगे कहा जा रहा है कि बार का संचालक अरबाज़ सिर्फ हिन्दू लड़कियों और मुस्लिम लड़कों को ही बार में आने की अनुमति देता था.
कुछ यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि बार संचालक एंट्री रजिस्टर से हिन्दू लड़कियों का मोबाइल नंबर मुस्लिम समुदाय के लड़कों को देता था जिससे बाद में वो उन लड़कियों के बार में नाचने अथवा हुक्का पीने आदि का वीडियों बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे. यूपी पुलिस ने संचालक को गिरफ़्तार कर बार को सील कर दिया है.
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवती हुक्का पीते हुए नाच रही है. उसके बाद वह अन्य युवक-युवतिओं के साथ बगल में लगी रंग बिरंगी लाइट्स में डांस करने चली जाती है. वीडियो में कई युवक-युवतियां डांस करते हुए देखे जा सकते हैं.
बूम को बदायूं पुलिस ने बताया कि गिरफ़्तार होने वालों में से तीन आरोपी हिन्दू और तीन आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं. जांच में लव जिहाद जैसा कोई मामला सामने नहीं आया है.
महिला को घसीटते 'मौलवी' का स्क्रिप्टेड वीडियो असल घटना के रूप में वायरल
फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो ने शेयर करते हुए लिखा है, "बदायू में लव जि'हाद को बढ़ावा? हुक्का बार संचालक अरबाज़ हिंदू लड़कियों और मु'स्लिम लड़कों को ही अपने बार के आने की अनुमति देता था और फिर हिंदू लड़कियों को इन वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल भी करता था। बार संचालक को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया और बार को सील कर दिया गया है."
फ़ेसबुक पर इस दावे से यह वीडियो काफ़ी वायरल है.
ज़ी हिंदुस्तान के रिपोर्टर तुषार श्रीवास्तव ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, "बदायू में हुक्का बार संचालक अरबाज खान बार में आने वाली हिन्दू लड़कियों का एंट्री रजिस्टर से मोबाइल नंबर निकाल कर मुस्लिम समुदाय के लड़को को देता था और मुस्लिम लड़के वीडियो बनाकर हिंदू लड़कियों को ब्लैकमेल किया करते थे."
आर्काइव लिंक यहाँ है.
ANI के रिपोर्टर विपुल कश्यप ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए इसे सांप्रदायिक एंगल देने की कोशिश की.
आर्काइव लिंक यहाँ है.
इसी तरह के कथित दावों के साथ सुदर्शन न्यूज़ और न्यूज़ नेशन चैनल के पत्रकारों ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया. ट्वीट के आर्काइव लिंक क्रमश यहाँ और यहाँ हैं.
आज तक ने इस ख़बर को कवर करते हुए शीर्षक में लिखा है, "UP: हुक्का बार की आड़ में हिंदू लड़कियों की पर्सनल डिटेल करता था लीक, पुलिस ने किया गिरफ्तार." हालांकि, आज तक ने 'लव जिहाद' शब्द को रेखांकित नहीं किया है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने सबसे पहले सम्बंधित कीवर्ड्स से सर्च किया तो अमर उजाला अख़बार की 15 सितंबर 2022 की रिपोर्ट मिली. जिसके मुताबिक़ बदायूं पुलिस ने रविवार रात शहर के नई सराय मोहल्ले में फैमिली रेस्टोरेंट के नाम से चल रहे एक हुक्का बार में छापा मारा. पुलिस ने संचालक समेत 6 लुटेरे पकड़े. सभी को जेल भेजकर हुक्का बार को सील कर दिया गया. रिपोर्ट में आरोपियों के नाम हुक्का बार संचालक फैज़ उर्फ राजा, यश वर्मा, लालू यादव उर्फ शुभम, वरुण देवल, अयाज और अब्दुल कादिर उर्फ़ जिलानी बताये गए हैं.
इसी घटना को कवर करते हुए दैनिक भास्कर ने चार दिन पहले 'बदायूं में लूट की योजना बनाते 6 अरेस्ट' शीर्षक से रिपोर्ट प्रकशित की थी. वहीं हिंदुस्तान अख़बार ने भी 13 सितम्बर 2022 को इस ख़बर को कवर किया है.
दोनों रिपोर्ट के अनुसार बदायूं पुलिस ने छापेमारी कर 6 लुटेरों को गिरफ़्तार किया है. ये सभी देर रात लूट को निकलने वाले थे. तलाशी में इनके पास से 4 तमंचे, कारतूस के अलावा चाकू, व 6 मोबाइल सेट बरामद हुए. इसके अलावा 3 बाइकें व 15 हजार 355 रुपये भी मिले.
उपरोक्त किसी भी रिपोर्ट में 'लव जिहाद' या सांप्रदायिक दावे के बारे में कहीं ज़िक्र नहीं था. आरोपियों को लुटेरा बताया गया है.
बूम ने इसके बाद बदायूं के कोतवाली थाना से संपर्क किया. इसी थाने की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की थी. स्टेशन अधिकारी से बूम ने जब लव जिहाद मामले के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि, 'ये फ़र्ज़ी है, ऐसा कुछ नहीं है. लव जिहाद का कोई मामला नहीं है. वहां बार में बदमाश आते-जाते थे. पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा है जिसमें तीन आरोपी हिन्दू हैं और तीन आरोपी मुस्लिम हैं.'
बूम ने इसके बाद न्यूज़18 के स्थानीय स्ट्रिंगर से बात की. उन्होंने बताया कि बार में अवैध गतिविधियां संचालित होती थी जिसको लेकर पुलिस ने छापेमारी की और 6 अरोपियों को गिरफ़्तार किया.
स्ट्रिंगर ने 'लव जिहाद' के दावे को नकारते हुए बूम को मुस्लिम युवकों द्वारा हिन्दू लड़कियों को ब्लैकमेल करने के सन्दर्भ में बदायूं सिटी एसपी अमित किशोर श्रीवास्तव का बयान भी भेजा.
उपरोक्त वीडियो में सिटी एसपी स्पष्ट कह रहे हैं कि अभी तक की जांच में 'लव जिहाद' या मुस्लिम युवकों द्वारा हिन्दू लड़कियों के शोषण या ब्लैकमेल करने को लेकर कोई सबूत सामने नहीं आया है.
क्या ज्ञानवापी में मस्जिद बने या मंदिर, इसके लिए हो रही वोटिंग? फ़ैक्ट चेक