क्या ज्ञानवापी में मस्जिद बने या मंदिर, इसके लिए हो रही वोटिंग? फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा लिंक एक वेबसाइट का है, जो मनोरंजन के लिए ऐसे पब्लिक ओपिनियन सर्वे तैयार करती है.
ज्ञानवापी मामले को लेकर वाराणसी की ज़िला कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले के बाद से एक मैसेज सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है. इस मैसेज में एक शार्ट लिंक है. वायरल मैसेज को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ज्ञानवापी में मस्जिद बने या मंदिर इसके लिए वोटिंग चल रही है और लोगों से लिंक पर जाकर वोटिंग करने की अपील की जा रही है.
बता दें कि बीते सोमवार को वाराणसी की ज़िला कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में माँ श्रृंगार गौरी की पूजा की मांग को लेकर दायर की गई याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए आगामी 22 सितंबर को अगली सुनवाई के लिए तय किया है.
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फ़ेसबुक पर वायरल लिंक को क्लिक करने वाली अपील को एक ख़ास कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा हुआ है "आपके हिसाब से ज्ञानवापी में क्या बनना चाहिए मस्जिद या मंदिर? इस बारे में वोटिंग चल रही हैं, आप लोगो से विनती हैं की नीचे लिंक पर जा कर वोट दे. फ़िलहाल वोटिंग *मस्जिद* के पक्ष में ज्यादा हैं। कम से कम एक वोट दे दो और ये मैसेज आगे फॉरवर्ड भेज दो, धन्यवाद।".
वायरल लिंक से जुड़े कई अन्य पोस्ट्स फ़ेसबुक पर मौजूद हैं, जिन्हें आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल हो रहे शार्ट लिंक की पड़ताल के लिए उसे खोला तो एक वेबसाइट सामने आई, जिसके यूआरएल में wishkardo.in लिखा हुआ था. वेबसाइट पर किसी पब्लिक ओपिनियन सर्वे की तरह लोगों को ज्ञानवापी में मस्जिद या मंदिर बनने को लेकर वोट डालने को कहा गया था.
हालांकि वेबपेज पर ही नीचे एक डिस्क्लेमर भी मौजूद था, जिसमें साफ़ साफ़ लिखा हुआ था कि यह वेबसाइट सिर्फ़ और सिर्फ़ मनोरंजन के उद्देश्य के लिए है. साथ ही इसमें वेबसाइट पर मौजूद सामग्रियों से किसी भी तरह की समस्या होने पर सूचित करने के लिए एक ईमेल आईडी भी दी गई है.
हमने इस दौरान वेबसाइट के होम पेज पर जाने की कोशिश की और इसके बारें में पता लगाने की कोशिश की. लेकिन हमें यह वेबसाइट अंडर मेंटेनेंस दिखा, जिसका मतलब होता कि वेबसाइट में ज़रूरी बदलाव किए जा रहे हैं.
हालांकि हमने वेबसाइट के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए एक प्रयोग किया. यह प्रयोग शार्ट लिंक को ओपन करने के बाद मिले यूआरएल में थोड़ा बदलाव कर किया गया. पहले यूआरएल (https://wishkardo.in/f/#) के रूप में मौजूद था, लेकिन हमने यूआरएल के अंत में लिखे f की जगह अलग अलग अल्फाबेट्स जैसे a,b,c इत्यादि को रखना शुरू किया.
हमने जैसे ही यूआरएल में f की जगह b रखा तो हाल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा से जुड़ा पब्लिक ओपिनियन सर्वे देखने को मिला. वेबसाइट पर सर्वे का वही प्रारूप मौजूद था जो वायरल लिंक को ओपन करने के बाद ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद या मंदिर बनने से जुड़े पब्लिक ओपिनियन सर्वे का है.
अपनी जांच के दौरान जब हमने इस वेबसाइट का सोर्स पेज ओपन किया तो हमें इस वेबसाइट का गूगल एनालिटिक्स आईडी UA-149783537 मिला. हमने उसी आईडी से बने अन्य डोमेन को खोजा तो हमें wishbahujan.in वेबसाइट मिली. यह वेबसाइट एक क्विज वेबसाइट थी, जो आपके द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर आपके व्यक्तित्व या दूसरे चीजों से जुड़ी रिजल्ट देती है. जिसे आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कर सकते हैं. हालांकि ऐसे वेबसाइट को काफ़ी संदिग्ध माना जाता है और कई बार आपकी निजी जानकारियां हासिल कर लेती है.
हमने इस संबंध में वेबसाइट पर दिए गए ईमेल आईडी पर भी संपर्क किया है और यह जानने की कोशिश की है कि ऐसे पब्लिक ओपिनियन सर्वे करने का उनका क्या मकसद है. वेबसाइट की तरफ़ से जवाब आने पर स्टोरी को जल्द ही अपडेट किया जाएगा.
हमारी अभी तक की जांच से यह तो स्पष्ट हो गया था कि यह लिंक एक वेबसाइट द्वारा ज्ञानवापी मसले को लेकर तैयार किए गए पब्लिक ओपिनियन सर्वे का है. जिसमें लोगों से उनकी राय मांगी गई है और यह सिर्फ़ और सिर्फ़ मनोरंजन के उद्देश्य से तैयार किया गया है.
हमने इस दौरान यह भी पता लगाने की कोशिश की कि क्या कोर्ट ने भी ऐसे किसी पब्लिक ओपिनियन सर्वे की मंजूरी दी है या लोगों से ऐसी कोई राय मांगी है, तो हमें इससे जुड़ी कोई न्यूज़ रिपोर्ट नहीं मिली. आमतौर पर ऐसे संवेदनशील मसले बहुत ही क़ानूनी और तार्किक तरीके से न्यायालय के द्वारा सुलझाए जाते हैं.
नहीं, यह वीडियो हाल ही में भारत में देखे गए स्टारलिंक सैटेलाइट का नहीं है