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फैक्ट चेक

'ब्राह्मण कौम विदेशी है, इनके घर में एसी है'...वायरल तस्वीर की सच्चाई

तस्वीर शेयर करते हुए यूज़र्स दलितों पर निशाना साध रहे हैं. उनका कहना है कि दलित समुदाय के लोग एक बेतुके स्लोगन के ज़रिये ब्राह्मणों का विरोध कर रहे हैं.

By - Mohammad Salman | 30 July 2021 7:46 PM IST

सोशल मीडिया पर एक अजीबोगरीब स्लोगन लिखे पोस्टर की तस्वीर जमकर वायरल हो रही है. वायरल तस्वीर के पोस्टर में लिखा है "ब्राह्मण कौम विदेशी है, इनके घर में एसी है." तस्वीर शेयर करते हुए यूज़र्स दलितों पर निशाना साधते हुए कह रहें हैं कि दलित समुदाय के लोग एक बेतुके स्लोगन के ज़रिये ब्राह्मणों का विरोध कर रहे हैं.

बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर में जो स्लोगन लिखा हुआ दिख रहा है, वो एडिटेड है. 

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वायरल तस्वीर में दलितों के एक प्रदर्शन में लोग नीले रंग के झंडे और हाथों में तख़्ती पकड़े हुए हैं. इसमें एक पोस्टर पर लिखा है "बहुजन क्रांती मोर्चा" और उसी में "ब्राह्मण कौम विदेशी है, इनके घर में एसी है" लिखा हुआ दिख रहा है. जबकि पीछे एक दूसरे तख़्तीनुमा पोस्टर पर लिखा है, एक तीर एक कमान, सब मूलनिवासी एक समान.

फ़ेसबुक पर तस्वीर शेयर करते हुए एक यूज़र ने कैप्शन में लिखा, "अब AC और फ्रिज से तय किया जायेगा. कौन देसी है...... कौन विदेशी. वाह रे नीले कबूतरों..."

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

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पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

ट्विटर पर तस्वीर पोस्ट करते हुए एक यूज़र ने लिखा, "आज यूपी मायावती की पार्टी ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है,लेकिन जब सत्ता में थी तब ब्राह्मणों के खिलाफ़ उनकी क्या सोच थी इस तस्वीर में साफ़ दिख रहा है. ये सम्मेलन केवल हाथी के अंडा देने से बचने की कोशिश है,बाकी उनकी सीटे बढ़ते ही ब्राह्मणों की वही हालत होगी जो पहले उनके शासन में थी."

ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें.

पानी से लबालब सड़क पर चाय की चुस्की लेते लोगों की तस्वीर कहाँ से है

फ़ैक्ट चेक 

बूम ने वायरल तस्वीर के साथ किये गए दावे की सच्चाई जानने के लिए तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया. हमने पाया कि वायरल तस्वीर में पोस्टर पर लिखे स्लोगन के साथ छेड़छाड़ की गई है.

फ़ेसबुक पर 19 मार्च 2018 को शेयर किये गए पोस्ट में हमें हूबहू यही तस्वीर मिली. इस तस्वीर में पोस्टर पर लिखा था कि "ब्राह्मण कौम विदेशी है, इसका DNA यूरेशी है."

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खोज के दौरान ही क़रीब तीन साल पुराना एक अन्य फ़ेसबुक पोस्ट मिला, जिसमें असल तस्वीर शेयर की गई थी. 14 जनवरी 2018 के इस पोस्ट में बताया गया है कि "हरियाणा के ज़िला भिवानी में भीमा कोरेगांव, महाराष्ट्र में हुई घटना के विरोध मे प्रदर्शन करते बामसेफ,बहुजन क्रान्ति मोर्चा, डासफी, नफ, बाल्मिकी महासभा के लोग."

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इससे हिंट लेते हुए हमने मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली. हिंदी न्यूज़ वेबसाइट जागरण की 15 जनवरी 2018 की रिपोर्ट में बताया गया है कि भीमा कोरेगांव की घटना और केंद्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री के संविधान विरोधी बयान को लेकर बहुजन क्रांति मोर्चा ने हरियाणा के भिवानी में प्रदर्शन किया.

रिपोर्ट के कवर इमेज में "ब्राह्मण कौम विदेशी है, इसका DNA यूरेशी है" पोस्टर भी देखा जा सकता है.


"ब्राह्मण कौम विदेशी है, इसका DNA यूरेशी है" स्लोगन के साथ सर्च करने पर हमें ऐसी ही एक अन्य तस्वीर साल 2018 के फ़ेसबुक पोस्ट पर मिली. हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता कि ये तस्वीर भी भिवानी में हुए प्रदर्शन से है या नहीं.

हमने वायरल और ओरिजिनल तस्वीर के बीच तुलनात्मक विश्लेषण किया है. नीचे देखें


क्या होता है बादल का फटना और क्यों है ये इतना खतरनाक?


यहां यूरेशी का अर्थ क्या है?

प्लेकार्ड पर दिख रहे स्लोगन का सन्दर्भ एक विवादस्पद शोध से है जिसमें कहा गया था कि ब्राह्मणों और अन्य सवर्ण जातियों का DNA यूरोपियंस से ज़्यादा मिलता है जबकि दलितों का DNA एशियंस से मिलता है. अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें.  

स्लोगन में दिख रहा शब्द यूरेशी दरअसल यूरेशियन से आया है. यूरेशी उन्हें कहा जाता है जिनकी वंशावली यूरोप और एशिया दोनों से जुड़ी होती है.

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