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फैक्ट चेक

महाराष्ट्र का वीडियो बिहार के लोगों द्वारा तमिलनाडु पुलिस को पीटने के दावे से वायरल

बूम ने पाया वायरल वीडियो महाराष्ट्र के भुसावल का है और यह इंटरनेट पर अगस्त 2019 से मौजूद है.

By - Sachin Baghel | 10 March 2023 6:09 PM IST

बीते दिनों से तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों और हिंदी भाषी लोगों पर हमले और भेदभाव के दावे से कई फ़र्ज़ी व भ्रामक पोस्ट शेयर की जा रही हैं. ऐसा ही एक वीडियो वायरल है जिसमें कुछ लोग बैलों के साथ पुलिसकर्मियों के पीछे भागते नज़र आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु की पुलिस को बिहारी लोग दौड़ा-दौड़ा के मार रहे हैं.

बूम ने पाया वायरल वीडियो पुराना है और महाराष्ट्र के भुसावल से है. तमिलनाडु और बिहारी लोगों से इसका कोई सम्बन्ध नहीं है.

केरल का वीडियो तमिलनाडु में बिहार के व्यक्ति की दुकान जलाए जाने के दावे से वायरल

इंस्टाग्राम पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'तमिलनाडु की पुलिस को बिहारी लोग दौड़ा-दौड़ा के मार रहे हैं'.



फ़ैक्ट चेक  

बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से स्क्रीनग्रैब निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो MOJ वीडियो प्लेटफार्म पर यही वीडियो मिला. वीडियो का मेटा डाटा देखने पर मालूम चलता है कि यह वीडियो Moj पर 02 मई 2021 को अपलोड किया गया है.


 

आगे खोज करने पर यह वीडियो 'Kidsmark' नामक यूट्यूब चैनल पर भी मिला. 3 अगस्त 2019 को अपलोड किये गए इस वीडियो को महाराष्ट्र के वरदसिम का बताया गया है. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में मराठी भाषा में लिखा है, "बैल पोला, वरदसिम गांव में 300 साल पुरानी परंपरा."

बता दें कि वरदसिम, महाराष्ट्र के भुसावल क्षेत्र का एक गांव है.

दरअसल 'बैल पोला' एक ऐसा त्योहार है जिसे किसान मनाते हैं. किसान खेती के दौरान बैलों द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता के लिए आभार व्यक्त करते हैं. महाराष्ट्र और अन्य राज्यों जैसे- छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के लोग सालों से इस त्योहार को मनाते आ रहे हैं.

Full View

हमने दोनों वीडियो का तुलनात्मक विश्लेषण किया है जिसमें दोनों के बीच समानताएं देखी जा सकती हैं.



अब तक की हमारी जांच से स्पष्ट होता है कि वायरल वीडियो का तमिलनाडु और बिहारी मजदूरों से कोई सम्बन्ध नहीं है. बूम पहले भी तमिलनाडु और बिहारी मजदूरों से संबंधित कई वीडियो का फ़ैक्ट चेक कर चुका है, जिन्हें आप यहाँ, यहाँ और यहाँ देख सकते हैं.

तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरों पर हमले के कथित फ़ेक और भ्रामक वीडियो फैलाने को लेकर बिहार और तमिलनाडु पुलिस ने कई लोगों और मीडिया संस्थानों पर एफ़आइआर दर्ज की है जिनमें बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई, प इंडिया सीईओ राहुल रौशन और एडिटर नूपुर शर्मा, दैनिक भास्कर के एडिटर, यूट्यूब चैनल ‘सच तक’ के मनीष कश्यप आदि प्रमुख नाम हैं.

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