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फैक्ट चेक

अयोध्या में राम मंदिर के लिए BHEL त्रिची द्वारा घंटियां बनाने का भ्रामक दावा वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में नज़र आ रही घंटियां तमिलनाडु के नामक्कल ज़िले में एक प्राइवेट कम्पनी द्वारा बनायीं गई हैं. BHEL त्रिची का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है.

By - Sachin Baghel | 4 Jan 2024 5:45 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ट्रक पर विशाल घंटियाँ (Bells) रवाना होती हुई नज़र आ रही है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये घंटियां अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के लिए सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (BHEL) ट्रिची द्वारा बनाई गयी हैं. 

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो में नज़र आ रही घंटियां BHEL त्रिची द्वारा नहीं बनायी गई है बल्कि तमिलनाडु के नामक्कल जिले में स्थित अंडाल मोल्डिंग वर्क्स कंपनी ने बनाई हैं.

ग़ौरतलब है कि आगामी 22 जनवरी 2023 को अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ का कार्यक्रम है. जिसमें प्रधानमंत्री सहित देश की तमाम हस्तियों के शामिल होने की सूचना है. इसी सन्दर्भ में यह वीडियो वायरल हो रहा है. 

फेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'बीएचईएल त्रिची ने अयोध्या मंदिर के लिए ये घंटियां बनाई हैं, जो भेजी जा रही हैं' (BHEL Trichy has made these bells for Ayodhya temple being despatched)



फ़ेसबुक पर अन्य यूज़र्स ने भी इसी दावे से यह वीडियो शेयर किया है जिसे यहां और यहां देखा जा सकता है. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी यह वीडियो भेल त्रिची द्वारा बनाई गईं घंटियों को राम मंदिर के लिए भेजे जाने के दावे से शेयर किया जा रहा है. यहां और यहां देखें.



फ़ैक्ट चेक

बूम ने सबसे पहले वायरल वीडियो से कीफ्रेम निकालकर गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो 24 दिसम्बर 2023 का एक ट्वीट मिला. ट्वीट में इस्तेमाल किया गया वीडियो हूबहू वायरल वीडियो के समान है. 

ट्वीट में बताया गया कि तमिलनाडु के नामक्कल जिले में 1200 किलोग्राम की 42 घंटियां पूजा के बाद राम मंदिर के लिए रवाना हो गयी है. ट्वीट में आगे बताया गया कि अंडाल मोल्डिंग वर्क्स के मालिक आर. राजेंद्रन ने कहा कि वे एक घंटी बनाने के लिए 1200 रुपये लेते हैं, लेकिन राम मंदिर के लिए उन्होंने लेबर चार्ज और अन्य सभी के लिए सिर्फ 600 रुपये लिए हैं

घंटियों का वजन अलग-अलग है. पांच घंटियों में से प्रत्येक का वजन 120 किलोग्राम है, छह घंटियों का वजन 70 किलोग्राम है, और एक घंटी का वजन 25 किलोग्राम है.


इसकी मदद से आगे सर्च करने पर 14 दिसम्बर 2023 की 'द हिन्दू' की रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, 'अयोध्या में राम मंदिर के लिए नमक्कल जिले में निर्मित कुल 42 घंटियाँ गुरुवार को विशेष पूजा के बाद बेंगलुरु भेजी गईं.'

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि बेंगलुरु के एक भक्त राजेंद्र प्रसाद (69) ने पिछले महीने नामक्कल जिले के मोहनूर रोड पर अंडाल मोल्डिंग वर्क्स नामक एक इकाई में मंदिर में स्थापित करने के लिए 48 घंटियाँ बनाने का ऑर्डर दिया था.

रिपोर्ट में अंडाल मोल्डिंग वर्क्स के मालिक आर. राजेंद्रन (66) के हवाले से लिखा है कि उनका परिवार पिछली सात पीढ़ियों से इस व्यवसाय में है. राजेंद्र प्रसाद को हमारे काम के बारे में पता चला और उन्होंने चेन्नई में एक व्यापारी के माध्यम से हमसे संपर्क किया. उन्होंने कहा कि प्रसाद को राम मंदिर प्रशासन से मंदिर के लिए घंटियों की आपूर्ति करने का आदेश मिला था. आगे पूजा करने के बाद घंटियों को बेंगलुरु से अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा.



सीएनबीसी टीवी18 की रिपोर्ट में भी बताया गया कि अयोध्या के राम मंदिर के लिए 42 घंटियों को तमिलनाडु के नामक्कल से बनाकर भेजा जा रहा है. अंडाल मोल्डिंग वर्क्स नामक एक कंपनी ने इन्हें तैयार किया है.

आगे हमें 'मोजो स्टोरी' के यूट्यूब चैनल पर हूबहू वायरल वीडियो के समान वीडियो मिली. 25 दिसम्बर 2023 को अपलोड इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में दी गयी जानकारी के अनुसार, 'रविवार को 2 से 2.5 टन वजन वाली 42 घंटियों की एक खेप तमिलनाडु से अयोध्या के राम मंदिर के लिए भेजी गई. इन बड़ी घंटियों के साथ विशेष रूप से पूजा के लिए बनाई गई कई छोटी घंटियाँ भी थीं. राम मंदिर के लिए रवाना होने से पहले पुजारियों ने घंटियों की पारंपरिक अनुष्ठानों का पालन करते हुए औपचारिक पूजा की. 

Full View


इस सम्बन्ध में हमने BHEL त्रिची से भी सम्पर्क किया है, BHEL त्रिची के प्रवक्ता ने इस दावे का खंडन करते हुए बताया कि “BHEL त्रिची ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए कोई घंटियां नहीं बनायी हैं.”

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