सोशल मीडिया पर रोहिंग्या शरणार्थी की एक तस्वीर वायरल है. यूजर्स तस्वीर को भारत में रह रहे एक रोहिंग्या शरणार्थी की बताकर शेयर कर रहे हैं. बूम ने अपनी जांच में पाया कि दावा गलत है.
वायरल तस्वीर बांग्लादेश के लेडा शरणार्थी शिविर में रहने वाले एक रोहिंग्या शरणार्थी की अप्रैल 2017 की है. इसका भारत से कोई लेना देना नहीं है. यह तस्वीर 2019 से ही अलग-अलग फर्जी दावों के साथ सोशल मीडिया पर वायरल रही है.
वायरल तस्वीर में व्यक्ति का परिचय 'नासिर हुसैन, रोहिंग्या रिफ्यूजी' बताते हुए लिखा गया,
"कांग्रेस ने हम लोगों को भारत में घुसवाया. तब हम हजारों थे आज लाखों में हैं और हम ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं. कर्नाटक, केरल, बंगाल, पंजाब में हमारा दबदबा है. बस जिस दिन बाकि के राज्यों में कांग्रेस और उसके समर्थन की सरकारें बनेगी उस दिन से हम लोग सारे हिन्दुओं का सफाया करना शुरू कर देंगे और वो भी खुलेआम, फिर हम बिलकुल नहीं रुकेंगे. आरएसएस, बीजेपी कुछ नहीं कर पाएंगे क्यूंकि कानून और कोर्ट कांग्रेस के ही हाथ में होगा."
इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'देख लो हिंदुओं कांग्रेस के आने के बाद मुसलमान का हिंदुओं के प्रति क्या व्यवहार होने वाला है. अभी भी समय है, एक हो जाओ नही तो तुम्हारा इस्लामीकरण निश्चित है. जय श्री राम 🚩🚩 भारत माता की जय 🔱🔱'.
फेसबुक (आर्काइव पोस्ट) पर भी इसी दावे से यह तस्वीर वायरल है.
वायरल दावे की सत्यता की जांच के लिए बूम की टिपलाइन (+917700906588) पर भी हमें यह तस्वीर प्राप्त हुई है.
फैक्ट चेक
बूम ने दावे के फैक्ट चेक के लिए वायरल तस्वीर को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें Shutterstock इमेज वेबसाइट पर 1 अप्रैल 2017 को शेयर की गई व्यक्ति की मूल तस्वीर मिली.
यह तस्वीर बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के टेकनाफ उपजिले में स्थित लेडा मेकशिफ्ट सेटलमेंट (Leda makeshift settlement) में रह रहे एक रोहिंग्या शरणार्थी की है. तस्वीर में दिए गए कैप्शन के अनुसार यह तस्वीर मलेशिया के फोटो जर्नलिस्ट हाफिज जौहरी ने क्लिक की थी.
हाफिज जौहरी ने Shutterstock पर शरणार्थी कैंप की कई अन्य तस्वीरों का एक कलेक्शन भी बनाया है.
इसके अलावा हमने देखा कि यह वायरल तस्वीर 2019 से ही इंटरनेट पर अलग-अलग फर्जी दावों के साथ वायरल रही है.
कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने दिसंबर 2019 में एक्स पर इस वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए इसे फर्जी मैसेज बताया था.
हालांकि हम अपनी पड़ताल में व्यक्ति के नाम की पुष्टि नहीं कर सके लेकिन तस्वीर बांग्लादेश के एक शरणार्थी कैंप की है.