सोशल मीडिया पर एक कोर्ट के बाहर का वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें कुछ लोगों की भीड़ के बीच एक महिला और पुरुष दो लड़कियों को रोक रहे हैं. हालांकि बाद में दोनों कार में बैठकर चली जाती हैं. वीडियो में महिला बेहोश होते नजर आ रही है. इसे सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि चार्टेड अकाउंटेंट लड़की ने मुस्लिम लड़के से कोर्ट मैरिज कर इस्लाम कबूल कर लिया है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो बांग्लादेश का है और पिछले साल की घटना है. केस से संबंधित वकील के अनुसार, यह लव जिहाद का मामला नहीं था. असल मेंं दो लड़कियों ने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया था. जिस पर उनके पैरंट्स उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे.
इस वीडियो को फेसबुक यूजर इस कैप्शन के साथ शेयर कर रहे हैं, 'कार के पास काले बुर्के में 22 साल की चार्टेड अकाउंटेंट लड़की है जिसने अभी-अभी कोर्ट मैरिज की है. उसी के पास लाल ड्रेस में मां रो-रोकर लड़की से गले लगते हुए समझाने की कोशिश कर रही है. लड़की ने मां को काफिर कह कर दूर कर दिया. मां को हार्ट अटैक आ गया और वो जमीन पर गिर गई और लड़की आराम से कार में बैठ कर चली गई.'
इसका आर्काइव पोस्ट यहां देखें
इसी तरह के और पोस्ट वायरल हो रहे हैं, इन्हें आप यहां और यहां देख सकते हैं,
इनके अलावा एक्स पर भी लगभग इसी कैप्शन के साथ वीडियो वायरल है.
बूम की हेल्पलाइन पर भी यह वीडियो प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक
हमने वायरल वीडियो का इनविड टूल की मदद से कीफ्रेम लेकर गूगल लेंस में चेक किया. वहां हमें इस वीडियो से जुड़े कुछ पुराने ट्वीट्स मिले. इन वीडियो के कैप्शन में लोकेशन को लेकर अलग-अलग दावे किए गए थे. कुछ पोस्ट हमें बांग्ला में भी मिले.
हमने वीडियो से जुड़े कीवर्ड्स को बांग्ला में सर्च किया तो हमें एक यूट्यूब चैनल का लिंक मिला जिसमें इस वीडियो के साथ कैप्शन दिया हुआ था. कैप्शन को ट्रांसलेट करने पर पता चला कि वीडियो बांग्लादेश की कोमिला कोर्ट के बाहर का है.
इसके बाद बूम ने अपनी बांग्लादेश टीम की मदद ली. बूम बांग्लादेश टीम ने केस से जुड़े वकील एम होसेन आसिफ से संपर्क किया जिन्हें वीडियो में देखा जा सकता है. आसिफ ने बूम को बताया कि यह घटना 29 अक्टूबर, 2023 को हुई थी. उन्होंने बताया, 'वीडियो में बुर्के में दिखाई दे रही लड़कियां बालिग हैं। उन्होंने अपने माता-पिता के विरोध के बावजूद कुछ महीने पहले इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था. इसके बाद लड़कियों के पैरंट्स ने जनरल डायरी दायर की, जिस पर अदालत ने जांच का आदेश दिया.'
आसिफ ने बताया, 'जांच में यह पाया गया कि लड़कियां बचपन से ही इस्लाम पसंद करती थीं. उन्होंने अंततः इस्लाम कबूल कर लिया. इसके बाद कोर्ट ने एक पुनर्वास केंद्र को उनकी कस्टडी दे दी.' आसिफ ने इस घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल या लव जिहाद को खारिज कर किया. आसिफ ने अपने फेसबुक अकाउंट से भी इस घटना के बारे में एक वीडियो शेयर किया. इसमें दोनों लड़कियां अपनी बात रख रही हैं. (वीडियो बांग्ला में है)
इसमें हुमायरा अख्तर नाम की एक लड़की यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'मेरे पैरंट्स हमें किडनैप करना चाहते थे क्योंकि हमने उनकी कस्टडी को अस्वीकार कर दिया था. पुलिस और वकील ने हमें बचाया. हम फिलहाल एक सुरक्षित जगह हैं जिसके बारे में हम खुलासा नहीं करना चाहते.'
धर्म परिवर्तन को लेकर हुमायरा ने आगे बताया, 'मैं बचपन से ही इस्लाम की ओर आकर्षित रही हूं और अपने दोस्तों व पड़ोसियों से भी प्रभावित रही हूं. इसलिए हमने इस्लाम कबूल किया है.'
इस तरह वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा हमने अपनी जांच में गलत पाया. यह लव जिहाद का मामला नहीं था.
बूम बांग्लादेश की रिपोर्टर उम्मय अम्मारा ईवा से मिले इनपुट के साथ