ओडिशा के बालासोर में हुई दुखद ट्रेन दुर्घटना को लगातार सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में दावा किया गया है कि बालासोर के बहनागा बाज़ार स्टेशन का स्टेशन मास्टर एक मुस्लिम है और दुर्घटना की जांच के आदेश के बाद से फ़रार है. स्टेशन मास्टर की तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि उसका नाम मोहम्मद शरीफ अहमद है.
बूम ने दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी से संपर्क किया, जिन्होंने हमें पुष्टि की कि बहनागा बाज़ार के सहायक स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती हैं न कि ‘मोहम्मद शरीफ अहमद’, जैसा कि दावा किया गया है. इसके अलावा, आदित्य कुमार ने यह भी बताया कि मोहंती मौके से नहीं भागे, जैसा कि एक न्यूज़ आउटलेट ने रिपोर्ट में लिखा था.
2 जून, 2023 को पश्चिम बंगाल के शालीमार से चेन्नई जा रही शालीमार चेन्नई कोरमंडल एक्सप्रेस (12841) ओडिशा के बालासोर ज़िले के बहनागा बाज़ार स्टेशन के पास एक भीषण दुर्घटना का शिकार हो गयी थी. ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई और पटरी से उतर गई. यही नहीं ट्रेन एक अन्य चलती ट्रेन, हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से भी टकरा गई. इस हादसे में अब तक 270 लोगों की मौत हो चुकी है और 1000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए हैं. रेल मंत्रालय ने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.
इस दुखद दुर्घटना के बाद, दक्षिणपंथी समूह बिना किसी सबूत के षड्यंत्र सिद्धांत को हवा दे रहे हैं कि दुर्घटना के पीछे मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं.
एक ट्विटर यूज़र ने तस्वीर के साथ कैप्शन दिया, “अभी तक 300 से ज्यादा को मौत की नींद सुलाने वाला और 900 से ज्यादा को गंभीर घायल करने वाला उड़ीसा का ट्रेन एक्सीडेंट जिस स्टेशन पर हुआ उसका नाम है। बहानागा स्टेशन। इस स्टेशन के स्टेशन मास्टर का नाम है मोहम्मद शरीफ अहमद। एक्सीडेंट की जाँच के आदेश के बाद से ही फ़रार है मोहम्मद शरीफ अहमद.”
ट्वीट का आर्काइव वर्ज़न यहां देखें. अन्य ट्वीट यहां देखें.
फ़ेसबुक पर भी बड़ी संख्या में इसी दावे के साथ पोस्ट शेयर किया गया है.
पोस्ट यहां देखें.
कलिंगा टीवी ने 3 जून, 2023 की रिपोर्ट में लिखा की कि रिपोर्ट के अनुसार बहनागा सहायक स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती, जो ड्यूटी पर थे, ट्रेन दुर्घटना होने के बाद मौके से भाग गए. रिपोर्ट का शीर्षक था, “ओडिशा ट्रेन दुर्घटना: बहनागा सहायक स्टेशन मास्टर भागे, मामला दर्ज”
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि तस्वीर में स्टेशन मास्टर जिस कण्ट्रोल पैनल के सामने दिखाई देते हैं उसपर BORRA GUHALU (बोर्रा गुह्लू) लिखा हुआ है. हमने पाया कि यह स्टेशन आंध्रप्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू ज़िले के बोर्रा गुह्लू में है.
इसके बाद हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद से तस्वीर को खोजा तो यह फ़ोटोग्राफर विकास चंदेर की वेबसाइट पर उनकी कोट्टावलसा-किरंदुल रेल यात्रा से जुड़ी तमाम तस्वीरों के साथ मौजूद थी.
वेबसाइट पर यात्रा से जुड़ी जानकारी के मुताबिक़, विकास चंदर ने 6 मार्च, 2004 को बोर्रा गुहलू में स्टेशन मास्टर की यह तस्वीर क्लिक की थी.
हालांकि, स्टेशन मास्टर का नाम का ज़िक्र नहीं है लेकिन यह ज़रूर स्पष्ट हो जाता है कि 19 साल पुरानी इस तस्वीर का संबंध बहनागा बाज़ार स्टेशन से नहीं है.
बहनागा बाज़ार स्टेशन का स्टेशन मास्टर कौन?
इसके बाद, अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने बहनागा बाज़ार स्टेशन के स्टेशन मास्टर के बारे में खोजा तो इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर एक विडियो मिला, जिसमें बहनागा बाज़ार स्टेशन के स्टेशन मास्टर का नाम एसबी मोहंती बताया गया था.
चूंकि, बहनागा बाज़ार स्टेशन दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के अंतर्गत आता है. बूम ने दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) आदित्य कुमार चौधरी से संपर्क किया.
बूम से बात करते हुए सीपीआरओ ने स्टेशन मास्टर की पहचान एसबी मोहंती के रूप में की, न कि 'शरीफ़ अहमद'. उन्होंने बूम को स्पष्ट किया कि शरीफ़ अहमद नाम का कोई भी स्टाफ़ बहनागा बाज़ार स्टेशन में कार्यरत नहीं है.
आदित्य कुमार चौधरी ने इस दावे का खंडन किया कि मोहंती दुर्घटनास्थल से भाग गए थे. “एसबी मोहंती, सहायक स्टेशन मास्टर घटना के बाद भागे नहीं. वह दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान के दौरान अन्य लोगों के साथ कोआर्डिनेट कर रहे थे. किसी भी स्टेशन मास्टर को निलंबित नहीं किया गया है.”
उन्होंने आगे पुष्टि की कि राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) बालासोर में अज्ञात व्यक्तियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
हमें अपनी जांच के दौरान आनंद बाज़ार पत्रिका का 6 जून का ईपेपर मिला जिसमें बताया गया है बहनागा बाज़ार स्टेशन के स्टेशन मास्टर एसके पटनायक हैं जो घटना वाले दिन ड्यूटी पर नहीं थे. उनकी गैरमौजूदगी में सहायक स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती पैनल बोर्ड को नियंत्रित करने के प्रभारी थे.
इस रिपोर्ट में स्टेशन मास्टर पटनायक के हवाले से बताया गया है कि इस घटना में सहायक स्टेशन मास्टर मोहंती का कोई दोष नहीं है.
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गौरतलब है की ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे को लगातार सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. दुर्घटनास्थल के नजदीक मौजूद इस्कॉन मंदिर की तस्वीर को यह कहते हुए शेयर किया गया था कि वह ढांचा एक मस्जिद है और हादसे के पीछे मुस्लिम समुदाय के लोगों का हाथ होने की आशंका जताई गयी थी. बूम ने इसका फ़ैक्ट चेक किया था. यहां पढ़ें