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फैक्ट चेक

ए.एन.आई, अन्य मीडिया संस्थानों ने बालाकोट पर की गलत रिपोर्टिंग

मीडिया आउटलेट्स और वायर एजेंसी ने गलत तरीके से दावा किया कि पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक ने बालाकोट में हुई मौतों की पुष्टि की है

By - Swasti Chatterjee | 10 Jan 2021 7:01 PM IST

न्यूज़ संस्थान एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल के साथ साथ कई मुख्य धारा के मीडिया संस्थानों ने फ़र्ज़ी तरीके से दावा किया कि पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक ज़फ़र हिलाली ने माना है कि 2019 बालाकोट स्ट्राइक में 300 मौतें हुई थीं | यह दावा पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल हम न्यूज़ के साथ हिलाली की बातचीत के एक एडिटेड (edited) हिस्से के साथ किया गया है |

ए.एन.आई के आर्टिकल का शीर्षक है: "Former Pak diplomat admits 300 casualties in Balakot airstrike by India." इस लेख का एक हिस्सा कुछ यूँ है: "पाकिस्तान के लिए शर्मनाक स्थिति, एक पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक ज़फ़र हिलाली ने एक समाचार टेलीविजन शो में स्वीकार किया कि 26 फ़रवरी, 2019 को बालाकोट हवाई पट्टी पर 300 आतंकवादी मारे गए थे"

इस आर्टिकल में ट्विटर यूज़र @Dfllite द्वारा 24 दिसंबर 2020 को ट्वीट किया हुआ एक कटा-छंटा वीडियो भी है | यूज़र ने यह वीडियो हम न्यूज़ में अपलोड होने के एक दिन बाद ट्विटर पर पोस्ट किया था | डी.एफ़.आई लाइट डिफेन्स में रुचि रखने वाला एक हैंडल है |

ए.एन.आई की यह रिपोर्ट इंडिया टुडे, एन.डी.टीवी, ए.बी.पी न्यूज़, टाइम्स नाउ, रिपब्लिक, विऑन न्यूज़, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, लाइव मिंट, द क्विंट, डी.एन.ए, लाइव हिंदुस्तान, हिंदुस्तान टाइम्स, ज़ी न्यूज़ समेत नवभारत टाइम्स ने भी प्रकाशित की है |

बूम ने वीडियो को करीब से जांचा और हम न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर वीडियो पाया जिसमें हिलाली भारत की 300 लोगों को मारने की मंशा के बारे में बात कर रहे हैं और कहते हैं कि वे (भारत) इसमें फ़ेल हो गए हैं |

वे आगे भारत पर फुटबॉल फील्ड पर बॉम्बिंग करने और 300 पाकिस्तानी को मार गिराने के फ़र्ज़ी दावे करने का आरोप लगाते हैं | हिलाली पाकिस्तान पर भी गुस्सा करते हैं कि कैसे भारत के इन दावों पर पाकिस्तान चुप रहा |

इंडिया टुडे ने डॉक्टर्ड वीडियो चलाया

नीचे वीडियो देखें जिसमें हिलाली स्वीकार करते हुए दिखते हैं | हालांकि यह गलत है वास्तविक वीडियो अलग है |

Full View

इसी तरह यहां रिपब्लिक और यहां वन इंडिया की बुलेटिन देखें |

फ़ैक्ट चेक

एजेंडा पाकिस्तान विथ आमिर ज़िआ (Agenda Pakistan with Aamir Zia) का एक सेगमेंट मिला जो यूट्यूब पर 23 दिसंबर 2020 को अपलोड किया गया था | इसमें हिलाली भारत के दावों के विरुद्ध दावे करते हैं |

ज़िया ने पेनेलिस्ट्स की जान-पहचान करवाते हुए बताया कि हिलाली स्काइप के ज़रिए कराची से जुड़ रहे हैं । हिलाली भारतीय सेना द्वारा एक हमले में वैध निशाने को तबाह करने के दावों को ख़ारिज़ करते हैं । जब ज़िया पूछते हैं कि क्या हमें लेजिटिमेट टारगेट शब्द का इस्तेमाल हमें या हमारे नेताओं को करना चाहिए? वे कहते हैं, "बिल्कुल नहीं करना चाहिए । और आपका बड़ा जबरदस्त, आई थिंक, ये एक आस्पेक्ट आपने रेस किया है, "लेक्सिकन ऑफ डिप्लोमेसी," लैंग्वेज जो इस्तेमाल होता है...देखिए, यह क्या करता है? सर्जिकल स्ट्राइक, माने जैसे आपने कहा लिमिटेड टारगेट, क्यों लिमिटेड भाई... आपने (india) आ कर, एक मदरसा, आपका इंटेंशन यह था, जहां 300 बच्चे पढ़ रहे थे उधर आपको स्ट्राइक करना था । इसका मतलब 300 लोगों को मारने का इरादा रखा था आपने...वो थे नहीं, वो गलत था, वो हुआ नहीं... इसके लिए एक फुटबॉल फील्ड में जाकर बम फेंक दिया हमनें (भारत ने) यह कोई बात हुई? जो आपने किया है भारत, यह एक एक्ट ऑफ वॉर है ।"

हिलाली आगे कहते हैं, "इंडिया ने जो किया एक इंटरनेशनल बाउंडरी को क्रॉस करके, एक्ट ऑफ वॉर । जिसमें कम से कम 300 लोगों को उन्होंने मारना था । हमनें इसलिए कि इत्तेफ़ाक़न वो नहीं मरे, हमनें (भारत) फुटबाल फील्ड को जाकर बॉम्ब किया? हमारा टारगेट तो कुछ और था, हमारा तो हाई कमांड था । उन्होंने मन में मान लिया कि यह सर्जिकल स्ट्राइक है । लिमिटेड एक्शन । देखो देखो, कौवे मारे गए और 11 पेड़ शहीद हुए । भाई ये क्या बात है?"

Full View

डॉक्टर्ड वीडियो ने स्क्रीनशॉट्स बदल दिए हैं

बूम ने पाया कि डॉक्टर्ड वीडियो में गलत तरीके से पैनल में आये विशेषज्ञों के चेहरे अलग अलग जगहों पर लगाए हैं | इस वीडियो में प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की इंडियन आर्मी यूनिफॉर्म में तस्वीर है |

ज़फर हिलाली ने किया स्पष्ट

हिलाली ने वास्तविक वीडियो शेयर करते हुए पुष्टि की है कि बालाकोट पर ऐसा दावा उन्होंने नहीं किया है |



हमनें ज़फ़र हिलाली से संपर्क किया है | जवाब मिलने पर लेख अपडेट किया जाएगा |

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