सोशल मीडिया पर एक वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है जिसमें कई लोग हाथ में डंडे, धारदार हथियार और ढाल लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सोशल मीडिया यूजर का दावा है कि बांग्लादेश में हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों ने यह प्रदर्शन किया है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल सांप्रदायिक दावा गलत है. वायरल वीडियो में दिख रहे लोग अवामी लीग के कार्यकर्ता हैं जो शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें कि 5 अगस्त को शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के घर, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हमला किया गया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान एक स्कूल टीचर की मौत हो गई और 45 लोग घायल हो गए. बीते दिनों बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भी वहां के अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले की निंदा की थी और इसके लिए माफी मांगी थी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, 'बांग्लादेश के हिंदू, सिख और ईसाई जाग गए हैं.' (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कीफ्रेम को जब गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो मिला, जिसकी हेडिंग थी, 'शेख हसीना को देश वापस लाने के लिए गोपालगंज के काठी यूनियन में अवामी लीग का विरोध प्रदर्शन.' (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)
इसकी मदद से हमने इससे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो हमें बांग्ला यूट्यूब चैनल Probash Time पर भी यह वीडियो मिला, जिसका कैप्शन था, 'गोपालगंज अवामी लीग का ये मामला.'
बूम ने इसके बाद वायरल दावे की पुष्टि के लिए Probash Time के संपादक अराफत हुसैन से बात की. उन्होंने बूम को बताया, 'यह वीडियो शेख हसीना के होम टाउन गोपालगंज का है. वीडियो में दिख रहे लोग शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसमें अल्पसंख्यकों से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं है. इस प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोग अवामी लीग के कार्यकर्ता हैं.'
इसके अलावा हमें बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट Daily Sun की भी इससे जुड़ी एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 'यह प्रदर्शन गोपालगंज की जिला अवामी लीग द्वारा आयोजित किया गया था. अवामी लीग के जिला अध्यक्ष महबूब अली इसका नेतृत्व कर रहे थे. इसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शेख हसीना को वापस देश लाने की कसम खाई और नारे लगाए.'
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए महबूब अली ने कहा, 'हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब अवामी लीग की अध्यक्ष और बंगबंधु की बेटी शेख हसीना वापस देश नहीं आ जातीं. हम उनके वापस आने तक सड़कों पर ही रहेंगे.'
इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रदर्शन में अवामी लीग के विभिन्न मोर्चे के कार्यकर्ता, उपजिला और नगर पालिका की 11 यूनियनों के सहयोगी निकायों के नेता, और कर्मचारी लाठी-डंडों और अन्य घातक हथियारों से लैस होकर शामिल हुए थे.