सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफ़ी वायरल है जिसमें पुलिस तमाम लोगों कों पीटती, दौड़ाती और पकड़ती दिख रही है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि असम के मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए जुलूस निकाला था जिसके बाद असम पुलिस ने उनका ये हाल किया.
बूम ने पाया कि ये वीडियो कोरोना लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश का है.
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र Ranjan Mishra ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,'आसाम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए जुलूस निकाला, फिर उनका हाल देखिए आसाम के मुख्यमंत्री योगी से भी दो कदम आगे हे'
फ़ेसबुक पर ये वीडियो व्यापक स्तर पर वायरल है.
ट्विटर पर भी ये वीडियो अच्छा-खासा वायरल है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो से स्क्रीनशॉट लेकर इंटरनेट पर सर्च किया तो barielly ki Awaaz नामक एक यूट्यूब चैनल की लिंक मिली, जिसमें वायरल वीडियो की क्लिप भी शामिल हैं. ये वीडियो 6 अप्रैल 2020 को अपलोड की गई है.
वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, '6 अप्रैल को बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में लॉक डाउन का पालन कराने गई पुलिस टीम.ने गांव के एक युवक की बुरी तरह पिटाई लगा दी. जिससे गांव के लोग भड़क गए.इस बीच घायल को पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया. उसके बाद भड़की भीड़ चौकी पर पहुँच गई. उपद्रवियों ने हमला कर दिया। इस हमले में आईपीएस अफसर अभिषेक वर्मा समेत कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए उग्र भीड़ को खदेड़ा, और मौके से महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने बताया उपद्रव करने बालों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है.'
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इसके आधार पर हमने और रिपोर्ट खोजी तो 6 अप्रैल 2020 की NDTV की वीडियो रिपोर्ट मिली.
वीडियो के अनुसार,'बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन कराने गई पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने हमला कर दिया. इसके बाद पुलिस ने भी बल प्रयोग किया.'
और खोजने पर पंजाब केसरी की 7 अप्रैल 2020 की इसी से संबंधित एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली.
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