तीन दलित बहनों का एक साथ IAS बनने का दावा वायरल? फ़ैक्ट चेक
बूम ने पाया कि तीनों बहनों ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की है.
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी वायरल है जिसमें तीन युवतियाँ एक औरत के साथ दिख रहीं हैं. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि तीनों लड़कियां बहनें हैं और माँ विधवा है. तीनों एक साथ IAS बनी हैं. तस्वीर में कमला जाटव 32वीं रैंक, गीता जाटव 64वीं और ममता जाटव 128वीं रैंक भी लिखा हुआ है.
बूम ने पाया कि तीनों बहनों ने IAS की नहीं RAS की परीक्षा पास की है
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फ़ेसबुक पर एक यूज़र समाजवादी विचारधारा ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है,'तीनों दलित बहिनें बनी एक साथ IAS दिन-रात खेतों में काम करने वाली विधवा मां की तीनों बेटियां (कमला जाटव-32वीं,गीता जाटव-64वीं और ममता जाटव-128वीं रैंक)ए क साथ बनी IAS.'
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फ़ेसबुक पर इस पोस्ट को काफ़ी शेयर किया गया जिसे आप यहाँ देख सकते हैं
ट्विटर पर भी यह तस्वीर इसी दावे के साथ व्यापक स्तर पर वायरल है.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने जब तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया तो YS हिंदी की एक रिपोर्ट मिली, जिसके अनुसार तीनों बहनों ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की है.
और अधिक खोजने पर हिन्दी न्यूज़पेपर जागरण की 24 नवंबर 2017 की एक रिपोर्ट मिली जिसके अनुसार जयपुर जिले की 55 वर्षीय मीरा देवी की तीन बेटियों कमला चौधरी, ममता चौधरी और गीता चौधरी ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस ) परीक्षा में सफलता हासिल की है.तीनों ने मिलकर योजना बनाई और दो साल जमकर प्रशासनिक सेवा की तैयारी की. उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा भी दी थी, लेकिन कुछ अंक से पीछे रह गईं. फिर राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की परीक्षा दी और उसमें वे सफल हो गईं. तीनो में सबसे बड़ी कमला को ओबीसी रैंक में 32वां स्थान मिला, वहीं गीता को 64वां और ममता को 128वां स्थान मिला.
सोशल मीडिया पर वायरल ये वीडियो दरअसल कहाँ से है?
उपरोक्त खबर से तीन चीजें स्पष्ट होती हैं पहली कि तीनों बहनों ने IAS की परीक्षा पास नहीं की है अपितु RAS की पास की है. दूसरा तीनों बहनों को दलित बताया जा रहा है जबकि उनकी केटेगरी अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) थी और ये खबर हालिया नहीं है अपितु 2017 की है.