HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
HomeNo Image is Available
AuthorsNo Image is Available
CareersNo Image is Available
फैक्ट चेकNo Image is Available
एक्सप्लेनर्सNo Image is Available
फास्ट चेकNo Image is Available
अंतर्राष्ट्रीयNo Image is Available
वेब स्टोरीज़No Image is Available
राजनीतिNo Image is Available
वीडियोNo Image is Available
फैक्ट चेक

अजमेर शरीफ़ दरगाह: लंगर की कढ़ाही में जूते पहनकर उतरने का झूठा दावा वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि कढ़ाही में उतरने वाला व्यक्ति जूते पहनकर नहीं बल्कि रबर का कवर बांधकर उतरता है.

By - Sachin Baghel | 2 Oct 2022 6:08 PM IST

सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत वायरल है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि अजमेर शरीफ़ दरगाह में प्रसाद बनाने के दौरान व्यक्ति जूते पहन कर बड़ी सी कढ़ाही में उतरता है. इसी प्रसाद को सभी लोग खाते हैं. इशारे-इशारे में सेक्युलर और लिबरल हिंदुओं को टारगेट कर वीडियो शेयर किया जा रहा है. 

लगभग 1 मिनट की इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कई लोग लंगर को बनाने में लगे हुए हैं. बनने के बाद एक व्यक्ति जो पैरों में कुछ पहने हुए है सीढ़ी लगाकर कढ़ाही में उतरकर बाल्टी भर-भरकर खाना बाहर निकालता है. 

बूम ने अपनी जांच में पाया कि कढ़ाही में धंसा हुआ व्यक्ति जूते नहीं बल्कि रबर का कवर लपेटे हुए है जिसे निश्चित समय पर बदला जाता है. 

बाड़मेर के हिंगलाज मंदिर में पूजा-अर्चना पर गहलोत सरकार ने नहीं लगाई रोक

फ़ेसबुक पर एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है,'अजमेर शरीफ दरगाह में प्रसाद कैसे बनाया जाता है, बनने के बाद कढ़ाही से निकालने कि प्रक्रिया में एक आदमी जूते पहन कर कढ़ाही के अन्दर उतरता है और प्रसाद निकालता है, और इसी कब्रिस्तान के प्रसाद को ग्रहण करने के लिए सेक्युलर और नासमझ हिन्दुओं कि भीड़ लगती है. *लानत है ऐसे मूर्ख हिंदुओ पर जो अपने इतने अच्छे देवताओं छोड़कर इनके कब्रों पर जाते है और चढ़ावा देते है।*'


फ़ेसबुक पर यह वीडियो इसी दावे के साथ बहुत वायरल है. 


फ़ैक्ट चेक 

बूम ने जब पड़ताल शुरू की तो फ़ेसबुक पर वायरल इस वीडियो के नीचे दिल्ली फूड कृश  (delhifoodcrush) नाम के एक चैनल का नाम दिखा रहा था. फ़ेसबुक पर संभवत: ऐसा होता है कि जब कोई वीडियो बहुत अधिक वायरल हो जाती है और कोई अन्य हैन्डल उसे पोस्ट करता है तब उस वीडियो के नीचे उसके वास्तविक स्त्रोत का नाम मेंसन किया हुआ आने लगता है.

दिल्ली फूड कृश पर क्लिक करते ही हम उसके वास्तविक फ़ेसबुक पेज पर पहुंचे. खोजबीन करने पर वायरल वीडियो का फुल वर्जन 29 अगस्त 2022 को अपलोडेड मिला. 6 मिनट के इस वीडियो में वायरल क्लिप का हिस्सा 4 मिनट 36 सेकंड से 5 मिनट 35 सेकंड तक देख सकते हैं. वीडियो का शीर्षक था 'दुनिया की सबसे बड़ी 4800 किलो की कढ़ाही, 450 साल पहले बादशाह अकबर ने की थी शुरूआत'.

Full View

इस अधिक क्लीयर वीडियो में देखा जा सकता है कि कढ़ाही में उतरने वाला व्यक्ति जूते नहीं पहने हैं बल्कि पैरों में रस्सी से कुछ बांधे हुए हैं. फूड ब्लॉग चैनल की इस वीडियो से मालूम चलता है कि ये खाना अजमेर शरीफ़ दरगाह में लंगर के लिए बनाया जाता है. 

यही वीडियो foodie incarnate नाम के एक अन्य यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है.

Full View

इसके बाद बूम ने अजमेर शरीफ़ दरगाह से संपर्क किया तो वहां के खादिम ने बताया कि,' जूते नहीं है वह, कवर है वह. रबर का होता है वह, डेग में उतरने के लिए इस्तेमाल करते हैं क्योंकि डेग का खाना बहुत गर्म होता है उस समय. उसको अच्छे से पैरों में लपेटकर रस्सी से बांधते हैं फिर उतरते हैं. खाना निकालने के बाद उसको अच्छे से धुलकर फोल्ड करके रख दिया जाता है. आप खुद जब अच्छे से देखेंगे तो आप को दिख जाएगा कि वो जूते नहीं होते हैं. कोई जूते पहनकर कैसे उतर सकता है खाने के डेग में'. 

दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेटर वेन पार्नेल साल 2011 में इस्लाम कबूल कर चुके हैं

Tags:

Related Stories