सोशल मीडिया पर आजतक के लोगो वाला एक पोस्टकार्ड वायरल हो रहा है. इसमें सूत्रों के हवाले से लिखा गया कि मुंबई स्थित कमाठीपुरा के नीचे 5000 वर्ष पुराना धार्मिक स्थल होने का दावा किया जा रहा है और इसे लेकर सर्वे कराने की मांग की जा रही है.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल दावा गलत है. आजतक की तरफ से ऐसा कोई ग्राफिक जारी नहीं किया गया है.
वायरल ग्राफिक में रेड लाइट एरिया की एक प्रतीकात्मक तस्वीर है. इसमें नीचे की तरफ कमाठीपुरा में सर्वे की मांग वाला दावा किया गया है.
आपको बताते चलें कि कमाठीपुरा मुंबई का एक चर्चित रेड लाइट एरिया है.
एक्स पर एक यूजर ने इसे शेयर करते हुए लिखा, 'क्या लगता है दावा किसने किया होगा?'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर एक अन्य वेरिफाइड यूजर दिव्या कुमारी ने लिखा, 'देख लो संतरों शायद यहां तुम्हारे असली पिता जी के बारे में जानकारी मिल जाए...'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
बूम इससे पहले भी दिव्या कुमारी द्वारा शेयर किए गए एबीपी न्यूज के इसी तरह के फर्जी ग्राफिक का फैक्ट चेक कर चुका है. रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.
फैक्ट चेक: वायरल ग्राफिक फेक है
सबसे पहले बूम ने संबंधित कीवर्ड्स की मदद से ग्राफिक में बताई गई खबर के बारे में सर्च किया. पर हमें ऐसी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें कमाठीपुरा के नीचे 5000 वर्ष पुराना धार्मिक स्थल या उससे संबंधित सर्वे का जिक्र किया गया हो.
आगे हमने आजतक के एक्स और इंस्टाग्राम हैंडल्स की पड़ताल की. हमने पाया कि आजतक के आधिकारिक अकाउंट पर इस तरह का कोई ग्राफिक मौजूद नहीं है.
इस दौरान हमने गौर किया कि आजतक के मूल ग्राफिक के स्टाइल और फॉन्ट वायरल ग्राफिक से अलग हैं.
नीचे दोनों ग्राफिक्स के बीच तुलना देखी जा सकती है. इससे स्पष्ट है वायरल ग्राफिक आजतक द्वारा जारी नहीं किया गया है. गलत दावा करने के उद्देश्य से आजतक के लोगो का इस्तेमाल कर इस ग्राफिक को क्रिएट किया गया है.
हमने पाया कि ग्राफिक में इस्तेमाल की गई तस्वीर पुरानी है. दैनिक दिव्य मराठी की लगभग सात साल पुरानी रिपोर्ट में इसका इस्तेमाल किया गया था. टाइम्स नाउ मराठी समेत अन्य न्यूज रिपोर्ट्स में भी यह तस्वीर देखी जा सकती है.