पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी से जुड़ी एक फ़ेक ख़बर सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हो रही है | वायरल पोस्ट के साथ दावा किया गया है की ' मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने मीटिंग में अपने मिनिस्टर और विधायक को वंदे मातरम बोलने से मना किया'' |
आपको बता दे की असल वीडियो करीब तेरह वर्ष पुराना है और इसका वन्दे मातरम गाने से कोई सम्बन्ध नहीं है |
यह वीडियो फ़ेसबुक के कई प्रोफ़ाइल्स से वायरल हो रहा है और लगभग सारे पोस्ट्स पर इसी तरह के कैप्शंस हैं | पोस्ट का आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें |
फैक्ट चेक
बूम ने पता लगाया की असल वीडियो दरअसल वर्ष 2006 से है | ये वो समय था जब टाटा मोटर्स-सिंगुर मुद्दे पर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन चल रहे थे | घटना नवंबर 30, 2006 की है जब प्रोहिबिटरी ऑर्डर्स की अवहेलना कर के सिंगुर आने के लिए पुलिस ने बैनर्जी को गिरफ़्तार किया था |
पुलिस के इस कार्यवाही के विरोध में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल विधान सभा के लॉबी में जम कर उत्पात मचाया था | इस सब के दौरान ममता बनर्जी ने भी विधान सभा में प्रवेश किया | वीडियो में उन्हें हवा में कागज़ लहराते और कुछ चिल्लाते देखा जा सकता है |
इससे पहले भी ये वीडियो व्हाट्सप्प पर फ़ैलाया जा चूका है |
वर्ष 2006 में छपे डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस की इस रिपोर्ट में भी इस घटना के बारे में विस्तार से लिखा गया था |
क्या था सिंगुर मसला ?
रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट 'नैनो' कार और सिंगुर का नाता पुराना है | नैनो का निर्माण पहले पश्चिम बंगाल में ही होना था | तब बंगाल में शासन था कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (एम) का | हालांकि बाद में किसानो के विरोध प्रदर्शन की वजह से इस प्रोजेक्ट को गुजरात ले जाना पड़ा था |
द हिन्दू में छपे एक ख़बर के मुताबिक इस घटना में लेफ्ट फ्रंट के छः विधायक, असेंबली के दो स्टाफ और दो पत्रकार घायल हुए थे |
इसी फ़ेक ख़बर की पोल जुलाई 2017 में आज तक न्यूज़ चैनल ने भी खोली थी |