केंद्र के साथ किसानों की बैठक, भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत के इस वक्तव्य पर ख़त्म हुई जब उन्होंने कहा, "कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं |"
केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज हुई बैठक में दोनों पक्षों ने कदम पीछे नहीं हटाए हैं । आज भी जहां केंद्र ने कानून रद्द न करने को कहा, किसानों ने भी अपनी मांग कायम रखी है । अब अगली बैठक 8 जनवरी, 2021 को तय हुई है |
किसान तीनों कानूनों के रद्द होने की मांग पूरी होने से कम पर राज़ी नहीं होंगे, किसान यूनियन नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ए.एन.आई की रिपोर्ट के मुताबिक़ |
कृषि सुधार विधेयकों पर चर्चा क्यों हो रही है?
एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल के मुताबिक़, युधवीर सिंह, भारतीय किसान यूनियन ने नेता ने कहा, "मंत्री चाहते थे कि हम कानून-वार चर्चा करें। हमने इसे खारिज कर दिया और कहा कि कानूनों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि हम कानूनों का पूरा रोलबैक चाहते हैं। सरकार हमें संशोधन की ओर ले जाने का इरादा रखती है लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे |"
हम चाहते थे कि किसान तीनों कानूनों पर खंड-दर-खंड चर्चा करें | हम किसी भी समाधान तक नहीं पहुंच सके क्योंकि किसान यूनियन कानूनों को निरस्त करने पर अड़े रहे, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा |
सरकार ने किसानों के विरोध को आशंकाओं पर निर्भर बताया है और उन्हें गलत ठहराया है | केंद्र ने कृषि कानूनों को निरस्त करने से इंकार किया है।