नवरात्री शुरु होने में मुश्किल से एक महीना बचा है। ऐसे समय में चार साल पुराना एक वीडियो भ्रामक कैप्शन के साथ फिर से वायरल हो रहा है जिसमें देवी काली की खंडित मूर्तियों को दिखाया गया है।
वायरल किए जा रहे वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है,”पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के लिए बनाई जा रही माता की मूर्तियों को खंडित किया गया।”
आप वीडियो नीचे देख सकते हैं और यहां इसके अर्काइव वर्शन तक पहुंच सकते हैं।
[embed]https://www.facebook.com/VishalMalviya23031994/videos/667056937139641/[/embed]वीडियो में देवी काली की कई टूटी हुई मूर्तियों को दिखाया गया है और पीछे से एक व्यक्ति को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "उन्होंने हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाया है।"
वीडियो विभिन्न कैप्शन के साथ कई फ़ेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल में वायरल हुआ है। कुछ कैप्शन में तो यह भी कहा गया है कि 'कश्मीर के बाद, अब पश्चिम बंगाल की बारी है'।
[embed]https://twitter.com/hema4pk/status/1163985164059455489?ref_src=twsrc^tfw|twcamp^tweetembed|twterm^1163985164059455489&ref_url=https://www.boomlive.in/2015-video-of-desecrated-idols-of-goddess-kaali-passed-off-as-recent/[/embed] [embed]https://twitter.com/cYc94igIDSjRUqT/status/1163780385978736646?ref_src=twsrc^tfw|twcamp^tweetembed|twterm^1163780385978736646&ref_url=https://www.boomlive.in/2015-video-of-desecrated-idols-of-goddess-kaali-passed-off-as-recent/[/embed]फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो में से एक फ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया और पाया कि यह 2015 से मौजूद है। इसी वीडियो को 10 नवंबर, 2015 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था, जिसमें कैप्शन के साथ यह लिखा गया था कि, 'पश्चिम बंगाल के हुगली में, मां काली की 25 मूर्तियां खंडित।'
[embed]https://youtu.be/oPStahv0_5M[/embed]बूम ने यही वीडियो, एक राइट विंग पेज वेलकम टू हिंदूइज्म पर भी पाया जिसे 2015 में अपलोड किया गया था। यहां पर मूर्तियों को खंडित करने का आरोप मुस्लिम समुदाय के लोगों पर लगाया गया था।
[embed]https://www.facebook.com/watch/?v=442947315896704[/embed]हमने घटना पर समाचार रिपोर्टों की तलाश की लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं मिली। बूम ने अधिक जानकारी के लिए हुगली पुलिस से भी संपर्क करने की कोशिश की है। उनसे प्रतिक्रिया मिलते ही इस लेख को अपडेट किया जाएगा।
बूम स्वतंत्र रूप से यह स्थापित नहीं कर सका कि पश्चिम बंगाल में वीडियो कहां से था परन्तु हम यह पता लगाने में सक्षम रहे कि वीडियो 2015 से ही मौजूद है।