गैरकानूनी तरीके से भारत आ रहे हैं बांग्लादेशी हिन्दू? नहीं, दावा झूठ है
बूम ने इंटरनेट पर वीडियो का पता लगाया और पाया कि वीडियो, नागरिकता संशोधन बिल पारित होने से बहुत पहले, जनवरी 2019 का है।
एक पुराना वीडियो जो कथित तौर पर शरणार्थियों को अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश सीमा पार करते हुए दिखा रहा है, सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इस सप्ताह संसद के दोनों सदनों में नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) पारित होने के बाद बांग्लादेशी हिंदू गैरकानूनी तरीके से भारत आ रहे हैं।
इस दावे को 30 सेकेंड की एक क्लिप के साथ शेयर किया जा रहा है, जिसमें कई लोगों को कांटेदार तार की बाड़ पर कूदते हुए दिखाया गया है। इसके साथ दिए गए टेक्स्ट में लिखा है:"लोकसभा में #CAB पास करने के बाद सभी बांग्लादेशी हिंदू बिना अनुमति के भारत आ रहे हैं। #ShameGovt #ShameBJP #ShameCM #AssamIsNotADustbinOfBangladeshis #SayNoCAB."
वीडियो में, लोगों को बंगाली बोलते हुए सुना जा सकता है।
टाइमस्टैम्प से पता चलता है कि फ़ेसबुक पेज, भांगा टूडे ने संसद में कैब पारित होने के बाद वीडियो शेयर किया। आप नीचे फ़ेसबुक पोस्ट देख सकते हैं और इसके अर्काइव वर्शन तक यहां पहुंचा जा सकता है।
नागरिकता अधिनियम (1955) में संशोधन करके, विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश के छह गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों को नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है, यह वो लोग होंगे जो इन देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करते हैं और भारत में शरण लेने आये हैं।
पूर्वोत्तर राज्य, विशेषकर असम और त्रिपुरा के कई हिस्सों में व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। (क्यों, यहां पढ़ें) सेना को तैनात करने के साथ सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है और राज्य के बड़े हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं। दोनों राज्यों में परिवहन सेवाएं भी प्रभावित हैं।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो क्लिप को मुख्य फ्रेम में तोड़ा और रिवर्स इमेज सर्च किया। हमने पाया कि वीडियो जनवरी 2019 से इंटरनेट पर उपलब्ध था। हिंदी समाचार वेबसाइट न्यूज़ नेशन ने 22 जनवरी, 2019 को यही वीडियो प्रकाशित किया था।
एंकर के अनुसार, वीडियो में बांग्लादेशी प्रवासियों को असम में सिलचर में भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ करते हुए दिखाया गया है। हालांकि, बूम स्वतंत्र रूप से इसे सत्यापित नहीं कर सका है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि वीडियो कब शूट किया गया था। वीडियो में किसी विशिष्ट धर्म का उल्लेख नहीं है, और ना ही ये दावा करता है कि यह नागरिकता संशोधन विधेयक के कारण था।
हमें यूट्यूब पर भी यही वीडियो मिला। यह वीडियो उसी दिन प्रकाशित किया गया था जिस दिन न्यूज नेशन ने इसे प्रकाशित किया था। वीडियो के विवरण में कहीं भी बांग्लादेशी हिंदुओं का उल्लेख नहीं है।
राज्यसभा और लोकसभा में कैब को मंजूरी देने के 11 महीने पहले 22 जनवरी, 2019 को वीडियो अपलोड किया गया था।
इस साल के शुरू में अलग-अलग दावों के साथ कई ट्वीट्स देखे जा सकते हैं। पुराने ट्वीट्स नीचे देखे जा सकते हैं जिसमें यहीं वीडियो क्लिप शामिल है।
Indo-Bangla Border at the mercy of crowd 😡😡
— Kamalesh Roy (@ThisIs_KroY) January 23, 2019
Tripura #SleepingBSF@PMOIndia @narendramodi @rajnathsingh @nsitharaman pic.twitter.com/YBjvgdAFOV
#PMOIndia #AmitShah #Republic #rajnathsingh #homeministeramitshah Our boarders in WB 😔 pic.twitter.com/b9ZHSIiJZs
— san (@santsingh) June 23, 2019