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फैक्ट चेक

सालों पुरानी तस्वीर को भारतीय सेना के ख़िलाफ किया गया इस्तेमाल

बूम ने पाया कि तस्वीर 2008 की है जिसमें नेपाल में पुलिस और तिब्बती निर्वासित व्यक्तियों के बीच की झड़प दर्शाई गई है।

By - Saket Tiwari |
Published -  4 Jan 2020 3:03 PM IST
  • सालों पुरानी तस्वीर को भारतीय सेना के ख़िलाफ किया गया इस्तेमाल

    सोशल मीडिया पर एक दशक से अधिक पुरानी तस्वीर तेजी से फैलाई जा रही है। तस्वीर में नेपाली पुलिसकर्मी को एक तिब्बती महिला प्रदर्शनकारी की टी-शर्ट खींचते हुए दिखाया गया है। तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि असम में भारतीय सेना ने एक महिला के साथ दुर्व्यवहार किया है।

    बूम ने पाया कि तस्वीर मार्च 2008 की है, जब काठमांडू में तिब्बती निर्वासितों द्वारा चीन विरोधी प्रदर्शन किया गया था।

    यह तस्वीर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के ख़िलाफ देशव्यापी विरोध के मद्देनज़र फैलाई जा रही है।

    यह भी पढ़ें: क्या वीडियो से पता चलती है असम डिटेंशन सेंटर की क्रूरता?

    तस्वीर के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, "आज #आसाम में ये हालत है तो कल यूपी और दिल्ली में नजर जरूर आएंगे! बल्कि दिल्ली में तो देश भर के कोने-कोने से आकर लोग बसे हुए हैं, वो कहां से अपने कागज दिखायेंगे।"

    तमिल नाडु कांग्रेस समिति में माइनॉरिटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन और कांग्रेस लीडर जे.असलम बाशा ने भी यह तस्वीर फ़र्ज़ी दावों के साथ ट्वीट की थी| कैप्शन में लिखा था: "कल जो कश्मीर में हुआ, आज वो असम में हो रहा है"| हालांकि उन्होंने बाद में ट्वीट डिलीट करदिया जिसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखा जा सकता है|

    आप फ़ेसबुक पोस्ट नीचे देख सकते हैं जिनके आर्काइव्ड वर्शन यहां देखें।


    आज #आसाम में ये हालत है तो कल यूपी और दिल्ली में नजर जरूर आएंगे!
    बल्कि दिल्ली में तो देश भर के कोने-कोने से आकर लोग बसे हुए हैं, वो कहां से अपने कागज दिखायेंगे! #BanEVM#NRCWithDNA pic.twitter.com/SuqdHajiEg

    — Mann Mulnivasi (@mannmulnivasi) January 2, 2020

    आज #आसाम में ये हालत है तो कल यूपी और दिल्ली में नजर जरूर आएंगे!
    बल्कि दिल्ली में तो देश भर के कोने-कोने से आकर लोग बसे हुए हैं, वो कहां से अपने कागज दिखायेंगे! #BanEVM#NRCWithDNA pic.twitter.com/Mot12yYg2r

    — Er. Sandesh Kamble (@bvmsandesh) January 2, 2020

    फ़ैक्टचेक

    बूम ने एक इमेज सर्च प्लेटफ़ॉर्म, टिनऑय का इस्तेमाल करते हुए एक रिवर्स इमेज सर्च चलाया। हमनें पाया कि तस्वीर 24 मार्च, 2008 को खींची गई थी।

    यह भी पढ़ें: प्रदर्शन के दौरान आरएसएस कर्मी पुलिस की पोशाक में? फ़ैक्ट चेक


    टिनऑय खोज के ज़रिये हम एडोब स्टॉक फ़ोटो तक पहुंचे जहां मूल तस्वीर देखि जा सकती है। यह वास्तविक तस्वीर मूल रूप से एक रायटर फ़ोटोग्राफर दीपा श्रेष्ठ द्वारा खींची गयी है|

    फोटो के साथ दिए गए विवरण में लिखा गया है, "24 मार्च, 2008 को काठमांडू में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के सामने एक तिब्बती प्रदर्शनकारी ने पुलिस अधिकारियों के साथ संघर्ष किया। नेपाली पुलिस ने सोमवार को काठमांडू में तिब्बती निर्वासितों द्वारा चीन विरोधी रैली को तोड़ा और 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि प्लास्टिक की ढालों के साथ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लोह की जाली वाली वैन और ट्रकों में खींच कर डाला और उन्हें हिरासत में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हाथापाई में कुछ निर्वासितों को चोट लगी थी। रायटर्स / दीपा श्रेष्ठ ... "


    बूम ने उसी दिन (24 मार्च, 2008) से रायटर का एक लेख भी पाया।

    काठमांडू में लगभग 250 तिब्बती निर्वासित लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। उस सप्ताह में तिब्बतियों द्वारा विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला देखी गई, जिन्होंने बीजिंग में 2008 के ओलंपिक से पहले चीन के ख़िलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का समर्थन करने की कोशिश की।

    यह भी पढ़ें: तोड़फोड़ का ये वीडियो बांग्लादेश का है, कोलकाता से नहीं

    रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक, "गवाहो ने कहा कि, "नेपाली पुलिस ने सोमवार को काठमांडू में तिब्बती निर्वासितों द्वारा चीन विरोधी रैली को तोड़ा और 250 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस ने प्लास्टिक ढालें इस्तेमाल करते हुए प्रदर्शनकारियों को खींचकर लोहे की जाली वाली वैन और ट्रकों में खींच लिया और उन्हें डिटेंशन सेंटर ले गए।"

    "प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया था क्योंकि उन्होंने नेपाल में उच्च सुरक्षा वाले संयुक्त राष्ट्र कार्यालय की ओर मार्च करने की कोशिश की थी।"

    कहानी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

    Tags

    Assam ProtestAssam CMIndian ArmyNepalKathmanduAnti-China protest 2008Citizenship Amendment ActAnti-CAA Protest
    Read Full Article
    Claim :   भारतीय सेना असम में महिला के साथ बदसलूकी कर रही है
    Claimed By :  Facebook
    Fact Check :  False
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