बूम को हेल्पलाइन नंबर (7700906611) पर सत्यापन के लिए एक वीडियो प्राप्त हुआ है। व्हाट्सएप के जरिए प्राप्त मलयालम भाषा में प्राप्त हुए इस वीडियो का दावा है कि 'पूर्व पोप बेनेडिक्ट’ हज के लिए मक्का गए हैं। संदेश में पहले भाग में कहा जा रहा है कि, “
रोमन कैथोलिक चर्च के पूर्व पोप ने इस्लाम धर्म अपना लिया है। सऊदी सरकार ने उन्हें मक्का में हज करने के लिए आमंत्रित किया गया और उन्हें जमारत में 'स्टोनिंग द डेविल' रस्म करते हुए देखा गया था। सऊदी पुलिस उनकी मदद कर रही है।” बाकी के में संदेश उनके जीवन का संक्षिप्त विवरण दिया गया है। यह संदेश व्हाट्सएप के साथ-साथ फेसबुक पर भी तेजी से साझा किया जा रहा है (
यहां और
यहां क्लिक करें )। दोनों जगह ही इस शख्स के पोप बेनेडिक्ट होने और मक्का में हज के लिए जाने का दावा किया जा रहा है। पोस्ट में भी दावा किया जा रहा है कि पोप ने पहले ही इस्लाम अपना लिया था। वीडियो में सफेद पोशाक पहने एक शख्स को दिखाया जा रहा है जो अन्य लोगों के साथ 'स्टोनिंग द डेविल' रस्म पूरी कर रहा है।
Full View FRANCE 24 द्वारा किए गए तथ्य जांच से पता चलता है कि पिछले सप्ताह से ही यह वीडियो वायरल हो गया है और वीडियो में देखा गया व्यक्ति पोप बेनेडिक्ट नहीं है। वायरल पोस्ट में से एक, जिसे 41,000 शेयर मिलें हैं, उसका दावा है
"साउदी सुरक्षा फोर्स द्वारा संरक्षित पूर्व पोप हज करने गए: पूर्व कैथोलिक पोप बेनेडिक्ट XVI को साउदी में हज करते देखा गया है। यह बताया जा रहा है कि, इस्लाम भगवान का असली धर्म है, यह महसूस होते ही उन्होंने पद त्याग दिया था।“ Full View पोस्ट का एक और संस्करण कहता है, “
अहमदुल्लाह, पूर्व वैटिकन बेनेडिक्ट (पोप) ने इस्लाम अपना लिया है। उन्हें सऊदी सरकार ने हज 2018 करने के लिए आमंत्रित किया था। ओपन सोर्स ”
Full View यदि यह पूर्व पोप नहीं है, तो वीडियो में दिखाई देने वाला व्यक्ति कौन है? वीडियो को करीब से देखे जाने से, चलती टिकर पर 'Instgram: al_Saud_' लिखा दिखाई देता है। Instagram पर अकाउंट al_Saud_ की खोज करने पर, हमें वही
वीडियो मिला। अकाउंट बायो से पता चलता है कि यह 'अलसौद शाही परिवार का फैन पेज’ है। उस
अकाउंट से उसी दिन, उसी व्यक्ति के कई वीडियो अरबी में कैप्शन के साथ पोस्ट किए हैं। गूगल ट्रांस्लेट टूल का उपयोग करके जो परिणाम मिले हैं उससे पता चलता है कि यह व्यक्ति प्रिंस खालिद अल फैसल है।
दूसरी पोस्ट में कहा गया है कि “राजकुमार जामरा अकाबा फेंकने के बाद मक्का की अनुसरण में थे। शैतान का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन खंभे (जमारत) में 'स्टोनिंग द डेविल' या कंकड़ फेंकना हज तीर्थयात्रा का एक प्रमुख अनुष्ठान है। दुनिया भर के लाखों मुस्लिम पवित्र शहर मक्का में वार्षिक तीर्थयात्रा पर जाते हैं। इस साल हज तीर्थयात्रा 19 अगस्त से 24 के बीच आयोजित की गई थी।
बूम ने प्रिंस खालिद अल फैसल की अन्य तस्वीरों के लिए गूगल खोज का उपयोग किया। और, सऊदी-यूएस रिलेशन इंफॉर्मेशन सहित कई वेबसाइटों ने दिखाया कि वीडियो में दिखाई देने वाले व्यक्ति वास्तव में प्रिंस खालिद अल फैसल है ( अधिका जानकारी के लिए यहां और यहां क्लिक करें )। वह मक्का प्रांत के वर्तमान गवर्नर और पूर्व शिक्षा मंत्री हैं।
इस्लाम में परिवर्तित पूर्व पोप के संबंध में, यह बेहद असंभव है कि वैश्विक मीडिया ऐसी घटना को छोड़ देगा जिसमें दुनिया भर में कैथोलिक समुदाय के बीच अशांति पैदा करने की क्षमता है। कैथोलिक चर्च के प्रमुख और वेटिकन सिटी राज्य के संप्रभु के रूप में आठ साल बिताने के बाद, पोप बेनेडिक्ट XVI ने 2013 में इस्तीफा दे दिया था। ऐसा करने में, पोप बेनेडिक्ट XVI पोप का पद समाप्त करने के लिए 600 वर्षों में पहला बिशप बने थे। वह वर्तमान में वेटिकन सिटी मठ में रहते हैं। ( स्नेहा अलेक्जेंडर एक नीति विश्लेषक है और डेटा तथ्य जांच करती हैं। वह संख्याओं के पीछे कहानियों की तलाश करती हैं और इसे पाठकों को दोस्ताना तरीके से प्रस्तुत करती है। उन्होंने डेटा के गलत उपयोग के लिए देश के कुछ शीर्ष मंत्रियों और मीडिया प्रकाशनों की जांच की है। उनकी तथ्य जांच की गई कहानियां कई अन्य प्रमुख डिजिटल वेबसाइटों द्वारा प्रकाशित की गई हैं। )