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संकटग्रस्त गंगा पर IANS ने वापस ली खबर, WWF-India ने कहा ऐसी कोई रिपोर्ट जारी नहीं

हिंदी वेबसाइटों ने ली IANS की खबर, बताया गंगा को सबसे संकटग्रस्त नदी। WWF-India ने कहा, नहीं जारी की ऐसी कोई रिपोर्ट।

By - Nivedita Niranjankumar | 10 Sep 2018 10:59 AM GMT

 
  कुछ दिनों पहले, वायर न्यूज एजेंसी IANS (इंडो-एशियाई समाचार सेवा), ने गंगा नदी की स्थिति पर दो कहानियां वापस ली है। एजेंसी ने गलत तरीके से वर्ल्ड वाइड फंड-इंडिया (WWF-India) रिपोर्ट को बताया है जबकि इस साल ऐसी कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हुई थी।   3 सितंबर, 2018 को IANS की हिंदी साइट द्वारा प्रकाशित दो खबरों ने WWF-India का हवाला देते हुए दावा किया कि गंगा नदी i) दुनिया की सबसे संकटग्रस्ट नदी थी और ii) दुनिया में सबसे संकटग्रस्त नदियों में से एक थी।   हालांकि, WWF-India द्वारा यह स्पष्ट करने पर कि उसने 2018 में गंगा पर कोई रिपोर्ट प्रकाशित नहीं की थी, 4 सितंबर को IANS ने दोनों खबरों को वापस ले लिया है।   WWF एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण संगठन है।   हालांकि, वायर सेवा द्वारा इस कहानी को वापस ले लिया गया है लेकिन यह अभी भी एनडीटीवी खबर, आज तक, न्यूज 18 हिंदी, एमएसएन हिंदी और टाइम्स नाउ हिंदी और हिंदी वेबसाइटों जैसे पंजाब केसरी, हिंदुस्तान समाचार जैसी प्रमुख वेबसाइटों पर दिखाई दे रहा है। आईएएनएस की सदस्यता के कारण इन साइटों पर ज्यादातर कहानियां स्वत: प्रकाशित हुईं हैं। हालांकि, वायर हिंदी जैसे कुछ प्रकाशनों ने लेख में राजनीतिक संदर्भ जोड़कर संपादन किए हैं।   बूम ने IANS के प्रबंध संपादक, हरदेव सनोत्रा से बात की, जिन्होंने लेख को वापस लेने की पुष्टि की है।   बूम से बात करते हुए सनोत्रा ने कहा कि, "एक बार जब WWF प्रतिनिधि ने मेरा ध्यान इस ओर आकर्षित किया तो मैंने इसे पढ़ा और महसूस किया कि इसे वायर पर कभी नहीं जाना चाहिए था। लेकिन मजबूत आंतरिक जांच के बावजूद यह हो गया। बाद में हिंदी अनुभाग द्वारा संचालित लीड स्टोरी में 2007 WWF रिपोर्ट के बारे में कोई सुधार नहीं हुआ था। इसलिए मैंने स्टोरी वापस लेने का आदेश दिया और संपादकों को सतर्क कर दिया। "   एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर ग्राहकों को सूचित करते हुए एक नोट भी प्रकाशित किया कि लेख वापस ले लिया गया है।   इस बीच, WWF-India ने अपने होम पेज पर ऐसी किसी रिपोर्ट जारी करने से इनकार किया है।  
  बयान में कहा गया है कि, 'यह बताया जाता है कि WWF ने गंगा नदी को दुनिया में सबसे संकटग्रस्त नदी के रूप में बताते हुए कोई रिपोर्ट जारी नहीं की है। WWF की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मीडिया की हालिया रिपोर्ट गलत हैं। '   WWF-India एक प्रवक्ता ने समझाया कि आईएएनएस की कहानी ने 2007 की एक रिपोर्ट को गलत तरीके से उद्धृत किया था और इसे हालिया रिपोर्ट बताते हुए गलत तरीके से पेश किया है।   WWF द्वारा जारी की गई 2007 की रिपोर्ट, 'वर्ल्डस टॉप 10 रिवर एट रिस्क' में शीर्ष दस प्रमुख नदियों का चयन किया गया है, जो i) इन खतरों (बुनियादी ढांचे, अधिक निष्कर्षण, जलवायु परिवर्तन इत्यादि) के वजन के तहत पहले से ही सबसे गंभीर रूप से पीड़ित हैं। या ii) भारी प्रभाव से जुड़े हैं।   वापस ली गई IANS की एक खबर में कहा गया था, “देश में 2,071 किलोमीटर क्षेत्र में बहने वाली नदी गंगा के बारे में वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) का कहना है कि गंगा विश्व की सबसे अधिक संकटग्रस्त नदियों में से एक है क्योंकि लगभग सभी दूसरी भारतीय नदियों की तरह गंगा में लगातार पहले बाढ़ और फिर सूखे की स्थिति पैदा हो रही है।

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