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पीएनबी स्कैम पर फ़र्ज़ी क्वोट को रघुराम ने बताया “पूरी तरह बकवास”

बूम के लिए एक विशेष क्वोट में रघुराम राजन ने सोशल मीडिया पर पंजाब नेशनल बैंक स्कैम से संबंधित उनके नाम से चल रहे एक फ़र्ज़ी कैप्शन की कड़ी आलोचना की है।

By - Jency Jacob | 14 March 2019 7:36 AM GMT


पूर्व गवर्नर रघुराम राजन

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उनके नाम से चल रहे एक फ़र्ज़ी कैप्शन की कड़ी आलोचना की है। फ़र्ज़ी बयान में यह दावा किया गया है कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को नीरव मोदी और पंजाब नेशनल बैंक में वित्तीय अनियमितताओं के बारे में चेतावनी दी थी।

राजन, जो इस समय यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ़ बिज़नेस में हैं, ने अब तक पंजाब नेशनल बैंक में हुए 11,400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में मीडिया से बात नहीं की है। यह ख़बर 14 फरवरी से ही सुर्खियों में है और भारत के पहले से ही तनावग्रस्त सार्वजनिक बैंकों में उथल-पुथल मचा रही है।

कई पाठकों ने व्हाट्सएप पर वायरल होने वाली तस्वीर को हमें भेजा है। साथ ही एक क्वोट भी था जिसमें रघुराम के नाम से दावा किया गया था कि, “मैंने नीरव मोदी के धोखाधड़ी के बारे में राहुल गांधी और पी चिदंबरम को चेतावनी दी थी। लेकिन उन्होंने मुझे चुप रहने के लिए मजबूर किया और मई 2014 तक ऋणों को मंजूरी देते रहे। मुझे अब पीएनबी घोटाले के लिए दोषी क्यों ठहराया जा रहा है।"

बूम के लिए एक विशेष ईमेल के जवाब में, राजन ने कहा, "यह पूरी तरह से बकवास है, प्रेरित स्रोतों द्वारा चलाया गया है। जो सुनना चाहते हैं उनमें से किसी से भी आप यह कह सकते हैं कि ऐसा मैंने कहा है।"

बूम ने सोशल मीडिया पर क्वोट की तलाश की और पाया कि कई लोग इसे वास्तविक मान रहे थे। कुछ लोगों ने क्वोट की तस्वीर शेयर की जिसमें यह फ़र्ज़ी ख़बर थी और उस पर प्रचार वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज के लोगो थे।

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कैसे करते हैं नकली कैप्शन की पहचान

जबकि कई यूज़र्स ने नकली क्वोट शेयर किया था, लेकिन समझदार पाठकों के लिए कई ऐसी चेतावनी दी गई थी जिससे पता लग सकता था कि सूचना गलत है।

सबसे पहले, क्वोट की गूगल सर्च ने दिखाया कि किसी भी विश्वसनीय वेबसाइट द्वारा कोई लेख या लिंक मौजूद नहीं था। और यह अकल्पनीय है कि राजन अपना बचाव करने के लिए पोस्टकार्ड न्यूज़ जैसी फर्ज़ी न्यूज़ वेबसाइट के साथ विशेष रुप से बात करेंगे। बॉलीवुड अभिनेताओं के नकली क्वोट बनाने के लिए पिछले दिनों बूम ने पोस्टकार्ड न्यूज़ की कैसे पोल खोली, यहा पढ़ें।


गूगल सर्च

दूसरा, यह संभव नहीं है कि एक मीडिया और प्रौद्योगिकी प्रेमी भारतीय जनता पार्टी, विपक्ष के खिलाफ ऐसे विस्फ़ोटक क्वोट का उपयोग नहीं करेगी। हमने ट्विटर और फ़ेसबुक पर बीजेपी के ऑफ़िशियल हैंडल @ BJP4India को खोजा और उन्हें आरबीआई के पूर्व गवर्नर के नाम से चल रहे राजनीतिक विस्फ़ोटक क्वोट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखी।

तीसरा, राहुल गांधी जो राजन के कार्यकाल के दौरान पार्टी के उपाध्यक्ष थे, उन्होंने 2004 से 2014 के बीच यूपीए के शासन के दौरान कभी कोई मंत्री पद नहीं संभाला। यह काफ़ी असाधारण है कि आरबीआई गवर्नर किसी भी बैंकिंग धोखाधड़ी के बारे में किसी पार्टी नेता को चेतावनी दे। और यहां तक कि अगर उसने किया, तो अंततः इसके बारे में सार्वजनिक रुप से बात करना आग में घी डालने का काम है।

अंत में, पोस्ट में व्याकरणिक और वर्तनी की गलतियों जैसे Ex Governer’ और ‘frauds' भी हैं।

बूम स्वतंत्र रूप से यह सत्यापित करने में सक्षम नहीं है कि यह नकली क्वोट किसने बनाया है, हालांकि कई यूज़र ने पोस्टकार्ड न्यूज़ के लोगो के साथ तस्वीर और टेक्सट शेयर किया है।

इस बीच राजन को मीडिया और सोशल मीडिया के कई हिस्सों से इस बात का सामना करना पड़ रहा है कि क्या उन्हें पीएनबी घोटाले की जानकारी थी। स्तंभकार शोभा डे ने भी ट्वीट कर पूछा कि उनकी निगरानी में 11,000 करोड़ रुपये का घोटाला कैसे हुआ।

पिछले हफ्ते, न्यूज़ वेबसाइट मनीकंट्रोल ने 26 जुलाई 2014 को बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा राजन को एक पत्र लिखने के संबंध में बताया था, जिसमें पिछली यूपीए सरकार पर आरोप लगाया गया कि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से गोल्ड पॉलिसी में बदलाव किए थे और यूपीए सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिन गोल्ड स्कीम 80:20 को मंजूरी दी गई थी। एसोसिएशन ने कहा कि उन्हों राजन को चेतावनी दी थी कि इससे पहले देर हो जाए उन्हें कुछ करना चाहिए।

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में कहा गया है, “यूपीए सरकार के आधिकारिक तौर पर कार्यकाल समाप्त होने के पांच दिन पहले 21 मई 2014 को एक निर्णय लिया गया था, 13 'स्टार ट्रेडिंग हाउस (एसटीएच) और चोकसी की अगुवाई वाली गीतांजलि जेम्स सहित ' प्रीमियर ट्रेडिंग हाउस (पीटीएच) को सोने को आयात करने और तथाकथित 80:20 योजना के तहत स्थानीय बाजारों में अपने कुल बुलियन शिपमेंट का लगभग 80 प्रतिशत बेचने की अनुमति दी। यह, अब यह पता चला है, सोने की जमाखोरी को प्रोत्साहित किया और इन व्यापारियों को कृत्रिम रूप से खुदरा कीमतों में वृद्धि करके मुनाफाखोरी करने की अनुमति दी है।"

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि निवर्तमान यूपीए सरकार द्वारा अंतिम समय में इस नीति के बदलाव ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को बैंकों को धोखा देने में कैसे मदद की और क्या घोटाले के साथ कोई संबंध पाया गया है।

बूम ने आरोपों पर कमेंट के लिए राजन से भी संपर्क किया है। जवाब प्राप्त होने पर हम कहानी को अपडेट करेंगे।

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