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सबरीमाला प्रदर्शनकारियों पर हमला करने वाला सीपीएम सदस्य नहीं केरल पुलिस का कांस्टेबल है

वायरल पोस्ट्स ये दावा कर रहे हैं की पुलिस की वर्दी में दरअसल एक सी.पी.एम. कार्यकर्ता है | केरल पुलिस ने बूम को बताया कि फोटो में दिखाई देने वाला शख्स एक पुलिस कॉन्स्टेबल है

By - Nivedita Niranjankumar | 1 Nov 2018 7:18 AM GMT

केरल के एक वर्दीधारी पुलिस कांस्टेबल की तस्वीर एक झूठी रिपोर्ट के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है | दावा ये किया जा रहा है कि यह शख्स एक पुलिसकर्मी नहीं बल्कि राजनीतिक दल ( कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (सीपीएम) का सदस्य है | वर्दीधारी पुलिसवाले की तस्वीर लिए पोस्ट्स में ये दावा किया जा रहा है की सी.पि.एम लीडर ने पुलिसकर्मी की पोषक पहन कर हाल ही में हुए विरोधों के दौरान सबरीमाला में भक्तों पर हमला किया | ज्ञात रहे की सबरीमाला में विरोध प्रदर्शन महिलाओं के मंदिर परिसर में प्रवेश करने की कोशिश के बाद शुरु हुआ था |   यह तस्वीर अक्टूबर 23 को आर.एस.एस के वरिष्ठ कार्यकर्ता जे नंदकुमार द्वारा ट्वीट करने के बाद से वायरल हुआ था | ट्वीट के साथ यह सन्देश भी शेयर किया गया: “क्या किसी पुलिसकर्मी का हेयरस्टाइल ऐसा होता है ? इस तस्वीर में यह लड़का # सबरिमला भक्तों के खिलाफ क्रूर लाठी चार्ज के दौरान वर्दी में था | यह गुंडा कौन सी शिविर से संबंधित है, सीपीएम या एसडीपीआई ?” नंदकुमार ने अपने पोस्ट में पुलिसकर्मी के हेयरस्टाइल पर सवाल खड़ा करते हुए ये दावा किया वह शख्स किसी राजनीतिक दल से संबंधित है | इस पोस्ट को करीब 2,700 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया और 2,900 से ज़्यादा बार लाइक किया गया हैं।  
  जल्द ही लोगों ने इस ट्वीट पर ये कहना शुरू किया कि तस्वीर में दिख रहा शख्स वल्लभ दास है, जो त्रिवेंद्रम का एक सक्रिय सीपीएम सदस्य है |     इसके बाद यह पोस्ट फ़ेसबुक पर एक ग्रूप 'रीआर्मइंग हिन्दुइस्म' पर वायरल हुआ | पोस्ट के साथ ये सन्देश कुछ ऐसे लिखी गई, "त्रिवेंद्रम के सक्रिय सी.पी.एम. पार्टी के सदस्य वल्लभ दास। उन्हें केरल पुलिस में भर्ती नहीं किया गया है। लेकिन यह गुंडा पुलिस की वर्दी में पिछले पांच दिनों से सबरीमाला में मासूम अयप्पा भक्तों पर हमला करने की कोशिश कर रहा था ... लाठ सलाम .. !!!”   बूम ने यह पता लगाया कि फ़ोटो में दिखाई देने वाला शख्स अशिक जाफर है और उसके सोशल मीडिया अकाउंट की त्वरित खोज में हमें उसकी तस्वीरें मिली जिसमें वो पुलिस की वर्दी में दिखा | ये तस्वीरें उसकी विभिन्न स्थानों पर पोस्टिंग के दौरान ली गई थी जबकि पुलिस विभाग के अन्य सदस्यों के साथ भी उसकी कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया अकाउंट पर मिली हैं | जाफर ने शपथ ग्रहण समारोह और पासिंग परेड की तस्वीरें भी अपलोड की हैं। बूम ने केरल पुलिस से संपर्क किया जिन्होंने पुष्टि की कि फोटो में दिखाई देने वाला शख्स केरल सशस्त्र पुलिस (केएपी) का सदस्य था, ना कि राजनैतिक कार्यकर्ता | केएपी में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि जाफर केएपी के साथ पुलिस कॉन्स्टेबल था |   वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बूम को बताया: “वह 2017 से सेवा में हैं और वर्तमान में केएपी 5 वें बटालियन, कुट्टिककानम की सी कंपनी में तैनात हैं|"  
 
  वायरल पोस्टों को देखते हुए केरल पुलिस ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक बयान जारी करते हुए कहा, "सबरीमाला में ड्यूटी पर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कुछ नकली अभियान हमारे संज्ञान में आए हैं | सबसे पहले तो एक पुलिस अधिकारी की एक तस्वीर इस दावे के साथ प्रसारित की जा रही है कि यह एक युवा संगठन से जुड़े हैं और सबरीमाला में पुलिस वाले के वेश में आए थे | तथ्य ये है की शेयर की गयी तस्वीर केएपी 5 वें बटालियन के कांस्टेबल अशिक का है |उनके बालों के बारे में दावा बेकार है | "    

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