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फ़ैक्ट चेक

मरीज़ के बिस्तर पर पैर रखने वाला शख़्स आईएएस अधिकारी है, न कि जूनियर डॉक्टर

बूम ने पाया कि तस्वीर आईएएस अधिकारी जगदीश सोनकर है जिन्होंने बाद में इस कृत्य की माफ़ी मांगी थी

By - Swasti Chatterjee | 20 Jun 2019 1:16 PM GMT

मरीज़ के बिस्तर पर पैर रखने वाले आईएएस अधिकारी की तस्वीर सोशल मीडिया पर एक भ्रामक कैप्शन के साथ फैलाई जा रही है । दावा किया जा रहा है कि बिस्तर पर पैर रखने वाला शख़्स जूनियर डॉक्टर है । मरीज़ से बात करते हुए अस्पताल के बिस्तर पर पैर रखने वाला शख़्स वास्तव में आईएएस अधिकारी जगदीश सोनकर है । इस तरह के अपमानजनक व्यवहार के लिए उनकी कड़ी आलोचना की गई थी ।

हाल ही में कोलकाता के निल रतन सरकार मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की हड़ताल के मद्देनज़र सोनकर की तस्वीर को एक जूनियर डॉक्टर बता कर फैलाया जा रहा है । 75 वर्षीय मरीज़ की मौत पर एनआरएस के छात्रों पर हमला हुआ था । इसके बाद मेडिकल छात्रों के हड़ताल पर चले गए थे जिससे पश्चिम बंगाल के राजकीय अस्पतालों को बंद का सामना करना पड़ा ।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत के बाद 17 जून को एनआरएस ने अपनी छह दिन की हड़ताल बंद कर दी । वायरल तस्वीर के साथ दिए गए कैप्शन में लिखा है, "यह जूनियर डॉक्टर (की स्थिति) है"- (बंगाली कैप्शन: এই হোল জুনিয়র ডাক্তার )। इस लेख को लिखे जाने तक इस तस्वीर को 180 बार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था ।

Full View

पोस्ट का अर्काइव्ड वर्शन यहां देखा जा सकता है ।

फ़ैक्ट चेक

बूम ने एक रिवर्स इमेज सर्च चलाया और पाया कि यह तस्वीर 2016 की है जब सोनकर की हरकत कैमरे में क़ैद की गई थी । उस समय इस फ़ोटो को व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था । 2013 बैच के आईएएस अधिकारी, सोनकर छत्तीसगढ़ में पोषण पुनर्वास केंद्र के एक नियमित दौरे पर थे, जब मरीज़ के बिस्तर पर पैर रख कर, उससे बात करते हुए, उनकी फ़ोटो खींची गई थी । कथित अहंकारी व्यवहार के लिए, इंटरनेट पर सोनकर को भारी आलोचना का सामना करना पड़ा था ।





आईएएस एसोसिएशन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी ट्वीट कर अपनी निराशा व्यक्त की थी ।



हालांकि बाद में सोनकर ने फ़ेसबुक पर माफ़ी मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि "कोई भी शब्द उक्त काम को सही नहीं ठहरा सकतें है, हालांकि यह अनजाने में थी और पूरी तरह से टालने योग्य थी ।" माफ़ीनामा अब फ़ेसबुक पर उपलब्ध नहीं है । वास्तव में, सोनकर के फ़ेसबुक प्रोफाइल को भी हटा दिया गया है । नीचे सोनकर की माफ़ी के बारे में एक लेख का स्क्रीनशॉट है जो उन्होंने फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था ।

एनआरएस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों की हड़ताल से संबंधित कई फ़र्ज़ी ख़बर सोशल मीडिया पर फैलाई गयी हैं । बूम ने कई फ़र्ज़ी ख़बरों को ख़ारिज़ किया है । यहां, यहां और यहां पढ़ें ।

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