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फ़ैक्ट चेक

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वृद्ध बॉम्बर के तस्वीर की सच्चाई क्या है

तकरीबन चार साल पुरानी इस तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति ने बॉम्ब की नहीं बल्कि हशीश की थैलियां बाँध रखीं हैं

By - Ashraf Khan | 12 Jan 2019 2:21 PM GMT

दावा: "कब्र में जाने की उम्र में ये आतंकी 72 हूर पाने की तमन्ना लिए भीड़ में बम-ब्लास्ट करने के लिए जा ही रहा था कि सेना ने इसे पकड़ लिया। इनके सोच को गहराई से समझने परमावश्यकता है।"

रेटिंग: झूठ

फ़ेसबुक पर फ़िर एक बार एक पुरानी तस्वीर को गलत संदर्भ में वायरल किया जा रहा है |

पीले रंग की थैलियों का जैकेट बांधे एक वृद्ध व्यक्ति की तस्वीर, जिसके साथ फौजी यूनिफार्म में एक अन्य व्यक्ति खड़ा है, फ़िलहाल फ़ेसबुक पर हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है। इस तस्वीर के साथ एक कैप्शन भी है जिसमे लिखा है: कब्र में जाने की उम्र में ये आतंकी 72 हूर पाने की तमन्ना लिए भीड़ में बम-ब्लास्ट करने के लिए जा ही रहा था कि सेना ने इसे पकड़ लिया। इनके सोच को गहराई से समझने परमावश्यकता है |

गूगल रिवर्स इमेज के उपयोग से बूम को पता चला है कि इस तस्वीर में दिख रहा वृद्ध आदमी बम नहीं 'हशीश' ले जा रहा था। इसे पाकिस्तानी आर्मी के जवान ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच के क्रॉसिंग पॉइंट पर पकड़ लिया था ।

फ़ेसबुक पर 'नमो भक्त। हर नमो समर्थक जुड़ते ही अपने 50 मित्रो को अवश्य जोड़े' नामक पेज पर इस पोस्ट को 1000 शेयर्स से ज़्यादा शेयर्स मिले है।

Full View

इस तस्वीर को ट्विटर पर भी ट्वीट किया जा रहा है।

फैक्ट चेक

27 दिसंबर 2014 को पाकिस्तानी पत्रकार 'सफ़दर दावर' ने इस तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट कर इस तस्वीर की सच्चाई को बताया था ।

अब से पहले भी वायरल हुई है यह तस्वीर !

यह पहली बार नहीं है कि इंटरनेट पर यह तस्वीरें लोगों को गुमराह कर रही है।

जनवरी 2016 में, एक फेसबुक पेज, सीरिया ट्रुथ्स ने इसी तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया था कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति ISIS का आतंकवादी था। मलेशियाई समाचार पोर्टल द रोजक पॉट ने इस विषय पर एक रिपोर्ट भी की थी ।

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