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नहीं, नितिन गडकरी ने नहीं कहा की भाजपा ने 2014 चुनाव जीतने के लिए झूठे वादे किए थे

कांग्रेस के अलावा टाइम्स ऑफ़ इंडिया, नेशनल हेराल्ड और अन्य समाचार वेबसाइटों ने गडकरी के एक मराठी चैनल को दिए साक्षात्कार में चुनावी वादों पर दिए एक बयान को गलत ढंग से दिखाया

By - BOOM FACT Check Team | 16 Oct 2018 9:37 AM GMT

( कलर्स पर मराठी शो जहां नितिन गडकरी अभिनेता नाना पाटेकर के साथ अतिथि के रूप में उपस्थित हुए थे )  सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में उनसे संबंधित प्रकाशित समाचार रिपोर्टों और वायरल सोशल मीडिया पोस्टों की निंदा की है। इन रिपोर्टों में गडकरी और भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की गई थी और दावा किया गया था कि गडकरी ने यह स्वीकार किया है कि 2014 में सत्ता में आने के लिए पार्टी ने झूठे वादों का सहारा लिया था। पिछले हफ्ते कलर्स मराठी पर प्रसारित 'असल पावहेन, इरसल नामून' शो में अभिनेता नाना पाटेकर के साथ बातचीत को देखने के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने गडकरी की काफी चुटकी ली थी | हालांकि 10 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गडकरी ने रिपोर्टों को निराधार कहते हुए सिरे से खारिज कर दिया। गडकरी ने कहा कि उन्होंने कभी साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या भाजपा का उल्लेख नहीं किया है।



इस सप्ताह के शुरुआत में कांग्रेस पार्टी ने साक्षात्कार से एक क्लिप निकाला और एक मुखर पोस्ट के साथ ये ट्वीट किया, "देख कर अच्छा लगा कि केंद्रीय मंत्री @nitin_gadkari हमारे विचार से सहमत है कि मोदी सरकार जुमले और नकली वादों पर बनाई गई थी।



"  मंत्री का मजाक उड़ाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी क्लिप शेयर किया। गांधी ने ट्वीट किया, "सही फ़रमाया, जनता भी यही सोचती है कि सरकार ने लोगों के सपनों और उनके भरोसे को अपने लोभ का शिकार बनाया है|



कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड के अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया और ब्लूमबर्ग क्विंट जैसे कई समाचार पत्रों ने गडकरी के बयान को एक्सट्रपलेट किया है। नेशनल हेराल्ड का हैडलाइन कुछ ऐसा था, 'देखिए: मोदी सरकार झूठे वादों पर बनाई गई थी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं।

  नेशनल हेराल्ड ने लिखा, "एक स्पष्ट स्वीकारोक्ति में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी अवास्तविक वादों के आधार पर सत्ता में आई, जिसने अप्रत्याशित रूप से देश के लोगों को झूठी आशा दी।" गडकरी का बयान: संदर्भ में राजनैतिक रूप से असंगत गडकरी की इस टिप्पणी को 2014 के चुनावों से जोड़ा गया था, परन्तु चर्चा का विषय बहुत पहले शुरू हो गया था जब शो के एंकर ने गडकरी से पूछा कि क्यों राज्य भाजपा सरकार पिछले सरकारी शासन के दौरान घोटाले के दोषी को बुक करने के अपने पूर्व चुनाव वादे पर कार्य करने में असफल रही ( टाइम काउंटर 35:10 के बाद से यहां क्लिक करें)। गडकरी ने स्वीकारा कि वे सिंचाई घोटाले में दोषियों को दंडित नहीं कर पाए हैं | उन्होंने ने आगे कहा की अदालतों में कानूनी मामलों के कारण राज्य काफी प्रभावित हुआ है और अदालत के कई फैसलों से 'हतोत्साहित' सरकारी अधिकारी त्वरित निर्णय लेने के इच्छुक नहीं हैं। गडकरी ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का उद्धारण दिया जहां हजारों करोड़ रुपयों की सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है जिसका राज्य के किसानों को अवश्य फायदा होगा, जबकि महाराष्ट्र के किसान विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच अपूर्ण परियोजनाओं और राजनैतिक समीकरणों के कारण पीड़ित रहेंगे। "कौन हार रहा है? यह भाजपा या कांग्रेस नहीं है, बल्कि इस राज्य के किसान हैं, "गडकरी ने कहा। यहां नाना पाटेकर ने हस्तक्षेप किया और कहा कि सवाल इसलिए उठा है क्योंकि पार्टी ने 2014 के राज्य चुनावों से पहले कई वादें किए थे। गडकरी का बयान जिसके कारण वो विवादों में घिरें, उसकी प्रतिलिपि नीचे है - नितिन गडकरी: "राजनीति में, कृपया इसे ध्यान में रखें। राजनीति अनिवार्यता, सीमाओं और विरोधाभासों का एक खेल है। " नाना पाटेकर: "आप अब कह रहे हैं, लेकिन चुनाव के दौरान आपने जो कहा वो यह नहीं है।" नितिन गडकरी: "मैंने कभी यह नहीं कहा ...।" (शो के सभी तीन प्रतिभागी हंसते हैं, और गडकरी बोलते रहते हैं)। नितिन गडकरी: "लगभग दो या तीन मुद्दों के बारे में, देवेंद्र (फडनवीस) अध्यक्ष थे और गोपीनाथ मुंडे थे, मैंने उनसे कहा था कि टोल नाका के बारे में कुछ भी न करें। और मैंने यह विचार लिया कि वर्तमान में घोषणापत्र में शामिल नहीं है (स्पष्ट नहीं ...।) हमें इतना भरोसा था कि हमें लगता था हम अपने जीवनकाल में राज्य में सत्ता में नहीं आएंगे। इसलिए हमारे लोग कह रहे थे, "आप जो चाहते हैं वो कहें, कौन सा आप जिम्मेदार होंगे" लेकिन अब हमारी सरकार आ गई है ...। अब आप जानते हैं कि गडकरी ने क्या कहा, फडणवीस ने क्या कहा? ... आप लोग पूछते हैं, क्या आपने यह नहीं कहा, अब क्या? हम हंसते हैं और आगे बढ़ते हैं। यह इसी तरह काम करता है। "  Full View  इस हफ्ते के शुरूआत में गडकरी अपने स्पष्टीकरण में सही तरीके से बताते हैं कि उन्होंने 2014 के आम चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या पार्टी के चुनाव अभियान के बारे में कुछ भी नहीं कहा था। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि केंद्रीय मंत्री ने चुनावों में अपनी संभावनाओं के बारे में इतनी हल्की टिप्पणी क्यों की। राज्य चुनावों से पहले यह स्पष्ट हो गया था कि जब राज्य में अक्टूबर 2014 में मतदान हुआ, मोदी लहर के पीछे बीजेपी के पास कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को सत्ता से हटाने का एक मजबूत मौका था। उम्मीदानुसार राज्य में 15 वर्षों के अंतराल के बाद बीजेपी-शिवसेना सत्ता में आई। यह सिर्फ कांग्रेस पार्टी या उसके मुखपत्र नेशनल हेराल्ड नहीं थे जिन्होंने गडकरी के बयान की गलत व्याख्या की थी। देश का सबसे बड़ा समाचारपत्र टाइम्स ऑफ इंडिया के हेडलाइन का हिंदी अनुवाद कुछ ऐसा था, "नितिन गडकरी ने खुलासा किया कि क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपके खाते में 15 लाख डालने का वादा किया था।"  
  लेकिन दो भाग वाले एपिसोड में गडकरी 15 लाख रुपये का कोई उल्लेख करते नज़र नहीं आये | हमने समाचारपत्र के हाल ही में गठित fact -check डेस्क के आलेख को भी देखा, जहां उन्होंने अपने स्वयं के गलत लेख का हवाला दिए बिना, सही संदर्भ में गडकरी का उद्धरण प्रस्तुत किया है। इस बीच ब्लूमबर्ग क्विंट ने भी अपने लेख में गडकरी के बयान की गलत व्याख्या करते हुए हेडलाइन दी जिसका हिंदी अनुवाद कुछ इस प्रकार है, "हमने 2014 के चुनाव जीतने के लिए झूठे वादे किए हैं।" इस लेख को अब वेबसाइट से हटा दिया गया है।  

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