फैक्ट चेक

न ही एमएसएफ, न आईयूएमएल और न पाकिस्तानी झंडा; केरल में एक विचित्र विवाद कैसे हुआ

इस घटना के बाद पुलिस ने करीब 30 छात्रों को गिरफ़्तार किया था जबकि एमएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, टीओपी अशरफ अली का कहना है की पुलिस ने ग़लत किया

By - Nivedita Niranjankumar | 4 Sept 2019 6:24 PM IST

msf flag, pakistan flag

30 अगस्त को एक राजनीतिक समुदाय मुस्लिम स्टूडेंट्स फ्रंट (MSF) द्वारा केरल के कॉलेज में पाकिस्तान का झंडा लहराए जाने के आरोप के बाद विवाद खड़ा हो गया था । इसी आरोप में पेरम्बरा पुलिस ने लगभग 30 छात्रों को हिरासत में लिया।

समाचार चैनलों के मुताबिक यह पाकिस्तान का झंडा था । संगठन ने पहले दर्जी को दोषी ठहराया, जिसने "ग़लती" से यह झंडा बनाया और फिर सोमवार को दावा किया कि "तस्वीरों में हेरफेर किया गया था"।

बूम ने वीडियो और तस्वीरों का विश्लेषण किया और पाया कि झंडा पाकिस्तान का नहीं है और न ही यह आधिकारिक एमएसएफ झंडा है | यह भारतीय संघ मुस्लिम लीग का झंडा नहीं है।

विवाद

शनिवार को पेरम्बरा पुलिस ने पेरम्बरा सिल्वर आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज के 30 छात्रों के ख़िलाफ मामला दर्ज किया । उन पर कॉेलेज परिसर में पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे के समान हरे रंग के झंडे को फ़हराने का आरोप लगाया गया है । द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र एमएसएफ का हिस्सा हैं, जो एक राजनीतिक संस्था है | यह लोग 22 अगस्त को कॉलेज में चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे थे ।

India Today's article for MSF-IUML-Pak flag

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय विंग के आधिकारिक फ़ेसबुक पेजों पर शेयर करने के साथ ही वीडियो जल्द ही वायरल हो गया ।

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फ़ैक्ट चेक

बूम ने इस घटना के वीडियो को देखा और पाया कि जिस झंडे से विवाद खड़ा हुआ है, वह पाकिस्तान का झंडा नहीं था । आगे के विश्लेषण से पता चलता है कि झंडा आधिकारिक एमएसएफ ध्वज या आईयूएमएल के झंडे से भी मेल नहीं खाता है।

ऊपर दिए गए घटना के 30 सेकेंड के वीडियो में, ठीक छठवे सेकंड पर, झंडा स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।

वीडियो में झंडा साफ दिखाई दे रहा है

बूम ने तीन अलग-अलग झंडे - पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज, एमएसएफ के आधिकारिक झंडे और आईयूएमएल के झंडे के साथ ऊपर के झंडे की तुलना की है।

केरल में लहराए गए झंडे की पाकिस्तान के झंडे और आईयूएमएल झंडे से तुलना

जैसा कि ऊपर देखा जा सकता है, एक अर्धचंद्र और बाईं ओर एक तारे के साथ आईयूएमएल ध्वज पूरी तरह से हरा है, जबकि वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले झंडे में नीचे एक सफेद बैंड है और शेष भाग में अर्धचंद्र और एक कोने में तारा है।

वायरल वीडियो में झंडा पाकिस्तान के झंडे से भी अलग है - पाकिस्तान के झंडे में बाकी हरे और अर्धचंद्र चंद्रमा के साथ एक सफ़ेद बैंड होता है और हरे रंग वाले हिस्से के बीच में शुरू होता है, जबकि वायरल वीडियो मेें ऐसा कुछ भी नहीं है।

यहाँ तक कि हमने वायरल वीडियो में दिखाई देने वाले झंडे की एमएसएफ के झंडे के साथ भी तुलना की और दोनों में भिन्नता पाई।

आधिकारिक एमएसएफ ध्वज में शीर्ष हरे भाग के बाएं कोने में अर्धचंद्र के साथ सफ़ेद और हरे रंग के बराबर भाग होते हैं। आधिकारिक ध्वज में निचले बाएँ कोने पर ध्वज के सफ़ेद भाग में हरे रंग के फ़ॉन्ट में ‘एमएसएफ’ भी लिखा होता है। कॉलेज में फ़ेहराये गए झंडे में अधिक हरा और कम सफ़ेद रंग का है और 'एमएसएफ' शब्द गायब हैं।

आईयूएमएल झंडा बाएं कोने से शुरू होने और अर्धचंद्र के साथ पूरी तरह से हरा है|
एमएसएफ झंडा समान भाग हरा और सफेद। हरे रंग के हिस्से में शीर्ष, बाएं कोने पर अर्धचंद्र और तारा, झंडे के सफेद भाग में नीचे दाएं कोने पर 'एमएसएफ' लिखा हुआ|
पाकिस्तान का झंडा बाईं ओर एक सफ़ेद पट्टी के साथ हरा होता है। हरे भाग के मध्य में अर्धचंद्र होता है|

एमएसएफ का बयान

बूम ने एमएसएफ से संपर्क किया जिसने पहले कहा था, "यह दर्जी द्वारा की गई गलती थी", बाद में दावा किया कि वायरल वीडियो और समाचार चैनलों द्वारा दिखाई जाने वाले झंडे में हेरफ़ेर किया गया है।

एमएसएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, टीओपी अशरफ अली ने रविवार को बूम से बात करते हुए कहा कि,"एमएसएफ झंडे में सफ़ेद हिस्से पर हरे रंग के फ़ॉन्ट में एमएसएफ लिखा है एवं सफ़ेद और हरे रंग का समान अनुपात है । पेरम्बरा में शूट किए गए वीडियो में, एक गलती की गई थी जिसमें 15-20 प्रतिशत अतिरिक्त हरा रंग था जो पाकिस्तान के झंडे के समान दिखने लगा था । साथ ही छात्र झंडे पर एमएसएफ लिखना भूल गए।” उन्होंने कहा कि झंडा बनाने वाले दर्जी ने “ध्यान नहीं दिया” और कहा, “यह निश्चित रूप से पाकिस्तान का झंडा नहीं है । चंद्रमा के साथ हरा और सफ़ेद रंग कुछ न्यूज़ चैनलों के लिए पाक झंडा बन जाता है। ”

सोमवार को अली ने इस रिपोर्टर को भेजे एक बयान में कहा, "… हेरफ़ेर की गई तस्वीरें तब ली गई हैं जब झंडे का मस्तूल टूट गया एवं छात्रों ने झंडा पकड़ा था । छात्रों ने कभी पाकिस्तान का झंडा नहीं फहराया। यह संघ परिवार के पुराने गंदे खेल का हिस्सा है। बिना सोचे समझे पुलिस ने निर्दोष छात्रों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। एसएफआई भी बुरे राजनीतिक खेल में लिप्त है। पुलिस को तुरंत झूठे आरोपों को वापस लेना चाहिए और एसएफआई को संदिग्ध दोषपूर्ण खेल खेलना बंद कर देना चाहिए।”

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